Chhattisgarh Vidhansabha Mansoon Session 2024: ...जब स्पीकर रमन सिंह ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत को टोका...प्लीज ऐसी बातें सदन में नहीं...आप भी गृह मंत्री रहे हैं...
Chhattisgarh Vidhansabha Mansoon Session 2024: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र 2024 के तीसरे दिन आज सूबे में नक्सली घटनाओं को लेकर प्रश्नकाल में सदन गर्म हुआ। कवासी लखमा के एक सवाल पर काफी हंगामा भी हुआ।
Chhattisgarh Vidhansabha Mansoon Session 2024: रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज प्रश्नकाल में नक्सली घटनाओं को लेकर काफी हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने गृह मंत्री विजय शर्मा से प्रदेश में नक्सल घटनाओं के बारे में सवाल पूछा था। चूकि विषय गंभीर था, इसलिए 10 मिनट से अधिक समय तक इस पर सवाल-जवाब होते रहा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत का सवाल था कि दिसंबर, 2023 से जून, 2024 के दरम्यान प्रदेश में कितनी नक्सली घटनाएं एवं नक्सली-पुलिस...।
मुठभेड़ की घटनाएं किस-किस जिले के किस थाना में हुई हैं। इसमें कितने जवान, आम आदमी और नक्सली मारे गए। इस पर गृह मंत्री विजश् शर्मा ने सदन को बताया कि इस अवधि में प्रदेश में कु ल 273 नक्सली घटनाएं हुई हैं। इनमें पुलिस मुठभेड़ की 92 घटनाएं शामिल हैं। इसमें सुरक्षा बलों के 19 जवान शहीद एवं 88 जवान घायल हुए। माओवादियों द्वारा 34 आम नागरिकों की हत्याएं की गई, 137 नक्सली मारे गये तथा 171 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया।
स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष को टोका...
सवालों की बौछारों के बीच चरणदास महंत ने गृह मंत्री से पूछा कि आपने नक्सलियों से बातचीत का ऑफर दिया था। इस बारे में क्या प्रगति है। अभी तक कुछ भी पता नहीं कि सरकार ने इस दिशा में क्या किया....कोई मध्यस्थ वगैरह नियुक्त किया गया है या सरकार सिर्फ हवा-हवाई बातें कर रही है नक्सलियों से बातचीत की। इस पर स्पीकर रमन सिंह ने नेता प्रतिपक्ष से आग्रह किया...नक्सल छत्तीसगढ़ का सबसे संजीदा मुद्दा है, इस पर सदन में ऐसा सवाल ना पूछे...प्लीज आप भी गृह मंत्री रहे हैं...आप इस विषय की संवेदनशीलता को समझते हैं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष बैठ गए। इससे पहले गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों से बातचीत के प्रश्न पर कहा कि बिल्कुल बातचीत का प्रस्ताव दिया गया है। हमारे नेता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर हमने नक्सलियों से बात करने का प्रस्ताव दिया था। इस पर पूरी सरकार अडिग है।
इससे पहले डॉ. महंत ने नक्सली घटनाओं की स्वीकारोक्ति के लिए गृहमंत्री शर्मा को बधाई दी। डॉ. महंत ने पूछा था कि दिसंबर 2023 से जून 2024 की अवधि में प्रदेश में कितनी नक्सली घटनाएं और नक्सली-पुलिस मुठभेड़ की घटनाएं किस-किस जिले के किस थाना क्षेत्र में हुई हैं? नक्सली घटनाओं एवं मुठभेड़ में सुरक्षाबल के कितने जवान शहीद हुए? कितने घायल हुए, कितने नागरिक मारे गये और कितने नक्सली मारे गए तथा कितने गिरफ्तार किये गये।
इस पर गृह मंत्री शर्मा ने अपने लिखित उत्तर में बताया कि इस दौरान कुल 273 नक्सली घटनाएं हुई हैं जिसमें नक्सली-पुलिस मुठभेड़ की 92 घटनाएं शामिल हैं। इन घटनाओं में सुरक्षाबल के 19 जवान शहीद और 88 जवान घायल हुए हैं। इस दौरान माओवादियों द्वारा 34 आम नागरिकों की हत्या की गई, 137 नक्सली मारे गये और 171 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। अपने उत्तर में गृह मंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश की जेलों में इस वक्त कुल 790 नक्सली बंद हैं। इनमें से 25 सजा प्राप्त तथा 765 नक्सली विचाराधीन हैं।
नक्सलवाद पर सदन में हंगामा: भड़के गृह मंत्री ने कहा- ऐसे गैर जिम्मेदाराना बयान का मैं कोई जवाब नहीं दूंगा
विधानसभा में आज नक्सलवाद को लेकर सदन में हंगामा खड़ा हो गया। सदन में कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार पर निर्दोष आदिवासियों की हत्या का आरोप लगाया तो सत्ता पक्ष के सदस्यों में कांग्रेस पर नक्सलियों का साथ देने का। इसको लेकर दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी हुई।
यह मामला प्रश्नकाल के दौरान हुआ। नक्सलवाद को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत और गृह मंत्री विजय शर्मा के बीच सवाल- जवाब का सिलसिला चल रहा था। इसी दौरान पहले कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी और फिर कवासी लखमा ने मुठभेड़ों पर सवाल खड़ा किया। विक्रम मंडावी ने पीडिया में हुए मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों को ग्रामीण बताया। इस पर गृह मंत्री शर्मा ने मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों पर दर्ज मुकदमों की जानकारी दी। साथ ही बताया कि इनमें से कई लोगों पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के दौरान एफआईआर हुआ था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पूरे मामले की दंडाधिकारी जांच चल रही है।
इसके बाद कवासी लखमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जिन्हें नक्सली बात रही है वे सभी ग्रामीण थे और तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए वहां एकत्र हुए थे। पुलिस ने उन्हें घेर कर गोली मार दिया। लखमा के इस आरोप पर गृह मंत्री भड़क गए। उन्होंने इस बयान को गैर जिम्मेदाराना और सुरक्षाबलों का मनोबल गिराने वाला बयान बताया। फर्जी मुठभेड़ और ग्रामीणों की हत्या के आरोपों से भड़के शर्मा ने लखमा के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया। कहा कि ऐसे गैरजिम्मेदाराना का मैं इसका कोई जवाब देना नहीं चाहता।
शर्मा के इस बयान से विपक्षी सदस्य नाराज हो गए और अपने स्थान पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। इसके जवाब में बीजेपी विधायकों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों तरफ से चल रही नारेबाजी और शोरशराबा के बीच स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने 12 बजते ही प्रश्नकाल समाप्त होने की घोषणा कर दी।