Chhattisgarh News: सीएम विष्‍णुदेव से मिलना चाहते हैं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बैज: पत्र लिखकर मांगा मुलाकात का समय, जानिये..क्‍या है मामला

Chhattisgarh News: भिलाई के एक प्रतिष्ठित प्राइवेट स्‍कूल में मासूम बच्‍ची के साथ हुए दुराचार के मामले में राजनीति तेज हो गई है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल इस मुद्दें पर लगातार हमलावर हैं, अब दीपक बैज ने भी सीएम से मुलाकात के लिए समय मांगा है।

Update: 2024-08-31 12:57 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष दीपक बैज ने मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय को पत्र लिखकर मुलाकात का समय मांगा है। बैज भिलाई के एक प्रतिष्ठित निजी स्‍कूल में मासूम बच्‍ची के साथ हुई घटना को लेकर दुर्ग पुलिस की शिकायत करना चाहते हैं।

सीएम विष्णुदेव को संबोधित पत्र में कांग्रेस ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद दीपक बैज के नेतृत्व में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं व पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल आपसे भेंटकर विगत दिनों भिलाई डीपीएस स्कूल की 4 वर्षीय छात्रा के साथ हुयी दुराचार की घटना एवं प्रकरण में दुर्ग पुलिस की लापरवाही सहित प्रदेश में महिलाओं के साथ घट रही घटनाओं, बढ़ती गैंगरेप व कानून-व्यवस्था को लेकर आवश्यक चर्चा कर ज्ञापन सौंपना चाह रहे हैं।

बता दें कि एक दिन पहले (शुक्रवार) को राजीव भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस मुद्दें पर दुर्ग एसपी पर जमकर निशाना साधा था। उन्‍होंने कहा कि भिलाई के डीपीएस स्कूल में 5 जुलाई 2024 को एक अबोध बच्ची के साथ छेड़छाड़ की गंभीर घटना हुई। 5 जुलाई को बच्ची जब घर आई तो उसकी परेशानी को देखते हुए उसी दिन भिलाई के ही वरिष्ठ बाल चिकित्सक के यहां बच्ची को ले जाया गया जहां पर उन्होंने साफ लिखा कि बच्ची के निजी अंगों में चोट है। उन्होंने कुछ दवाईयां भी लिखी। 20 जुलाई को जब बच्ची की तबियत खराब हुई तब उसे फिर से दूसरे डॉक्टर के पास ले जाया गया, डॉक्टर ने बच्ची के साथ गंभीर छेड़छाड़ की आशंका जताई। इस मामले में बच्ची के पालक लगातार स्कूल को शिकायत करते रहे लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुआ।

इस मामले की जानकारी जब स्कूल के अन्य पालकों को हुई तब उन्होंने स्कूल के सामने मामले में कार्यवाही के लिये 2 अगस्त को प्रदर्शन किया। पुलिस ने जांच का आश्वासन दिया। 3 अगस्त को दुर्ग के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बयान दिया कि बच्ची के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। अखबारों में छपी खबर गलत और भ्रामक है। जब एक न्यूज पोर्टल ने इस मामले की पूरी खबर लगातार छापा हो पुलिस अधीक्षक ने पालकों के वाट्सअप ग्रुप में न्यूज पोर्टल की खबर पर सवाल खड़ा करते हुये धमकाया कि न्यूज पोर्टल पर भी कार्यवाही हो सकती है। दुर्ग के पुलिस अधीक्षक के बच्चे भी उसी स्कूल में पढ़ते है। वे डीपीएस के पालकों का जो वाट्सअप ग्रुप है उसमें है, उस वाट्सअप ग्रुप में भी जब पालकों ने मामले पर आक्रोश जाहिर किया तो स्वयं पुलिस अधीक्षक इस प्रकार की घटना होने से इंकार कर रहे है।

बघेल ने कहा कि यह मामला बहुत ही गंभीर है, पास्को एक्ट का मामला है। एक अबोध बच्ची के साथ दुराचार का मामला है। नियमानुसार पहले इस मामले में एफआईआर होनी थी तब उसके बाद जांच किया जाना था। एक्ट कहता है कि किसी भी संज्ञेय अपराध में पहले जांच की जरूरत नहीं है पहले एफआईआर किया जाना चाहिये। पास्को एक्ट की धारा 21 में प्रावधान है कि कोई पुलिस अधिकारी रिपोर्ट लिखने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए, जिसमें 6 माह का प्रावधान है।

उन्‍होंने आरोप लगाया कि इस मामले में तो सीधे एसपी ने लापरवाही बरती है। पुलिस अधीक्षक ने बिना एफआईआर के कैसे जांच करवा लिया तथा घटना को गलत बता दिया। उन्होंने स्कूल केंपस में पालको से तथा मीडिया में घटना होने से इंकार किया। दो-दो चिकित्सकों की रिपोर्ट साफ बता रही है कि बच्ची के साथ गलत हुआ है फिर एसपी ने किस आधार पर यह कह दिया कि कुछ नहीं हुआ। पास्को एक्ट के तहत एफआईआर के बाद पुलिस ने मेडिकल बोर्ड के सामने बच्ची का परीक्षण क्यों नहीं करवाया गया? इस पूरे मामले में एसपी का बयान बेहद ही गैर जिम्मेदाराना तथा आरोपियों को बचाने वाला है। पुलिस का काम अपराध की जांच कर आरोपियों को सजा दिलाने का है न कि घटना को नकार कर मामले में पर्दा डालने का है।

पालको के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक, राजनैतिक संगठन के लोगों ने भी मामले के जांच तथा पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा किया है। भाजयुमो के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य प्रशम दत्ता ने महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े को ज्ञापन देकर मामले की जांच कराने तथा पुलिस मामले पर पर्दा डाल रही है इसकी शिकायत किया। इस मामले में एसपी के खिलाफ कार्यवाही की जाय। वर्तमान जज की देखरेख में जांच करवाई जाय।

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