Chhattisgarh Cabinet: पहली बार वैश्य विहीन कैबिनेट: कभी होते थे 3-3 मंत्री, फिलहाल एक भी नहीं...
Chhattisgarh Cabinet: छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार में एक भी वैश्य मंत्री नहीं है। ऐसा पहली बार हुआ है जब राज्य कैबिनेट में इस वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं है, वरना एक दौर में इस वर्ग के 3-3 मंत्री हुआ करते थे।
Chhattisgarh Cabinet: रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीजेपी चौथी बार सत्ता में आई है। विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार में एक मात्र वैश्य वर्ग के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब कैबिनेट में वैश्य वर्ग से एक भी मंत्री नहीं है। वरना बीजेपी के 15 साल की सरकार के दौरान कुछ समय के लिए छोड़ दें तो इस वर्ग के 3-3 मंत्री थे। वहीं, कांग्रेस सरकार के दौरान वैश्य समाज के प्रतिनिधि के रुप में जयसिंह अग्रवाल कैबिनेट में शामिल थे।
बीजेपी में वैश्य (व्यापारियों) समाज को काफी तवज्जो मिलता है। यही वजह है कि इसे वैश्यों की पार्टी मानी जाती है। इसके बावजूद राज्य कैबिनेट में फिलहाल इस वर्ग से एक भी मंत्री नहीं है। डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में 2003 में पहली बार बनी बीजेपी सरकार में इस वर्ग से 3-3 मंत्री थे। इनमें बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल और राजेश मूणत शामिल थे। अमर कुछ समय के लिए कैबिनेट से बाहर हुए थे, लेकिन अग्रवाल और मूणत पूरे समय मंत्री रहे। 2008 और 2013 की कैबिनेट में भी ये तीनों मंत्री बनाए गए थे। 2013 में विधानसभा अध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद भी इसी वर्ग के पास था। वैश्य समाज से आने वाले गौरीशंकर अग्रवाल विधानसभा के स्पीकर थे।
विपक्ष में रहते हुए भी मिला तवज्जो
सत्ता ही नहीं विपक्ष में रहते हुए भी बीजेपी में इस वर्ग का दबदबा रहा है। 2000 में राज्य गठन के बाद बनी पहली विधानसभा में बीजेपी की तरफ से बनवारी लाल अग्रवाल विधानसभा के उपाध्यक्ष बनाए गए थे, हालांकि वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। सत्ता पक्ष ने बहुमत के दम पर उन्हें पद से हटा दिया था।
साय कैबिनेट में अभी बनी हुई है संभावना
रायपुर से सांसद चुने गए बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफा की वजह से भले ही साय कैबिनेट वैश्य विहीन हो गई है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं रहने वाला है। अभी साय कैबिनेट का विस्तार होना है। कैबिनेट में पहले से मंत्री का एक पद खाली है। वहीं, अग्रवाल के इस्तीफा की वजह से एक और पद खाली हो गया है। विधानसभा में उपाध्यक्ष के पद पर भी नियुक्ति होनी है। इन पदों के लिए वैश्य वर्ग के कई विधायक दावेदार हैं। अमर अग्रवाल और राजेश मूणत प्रमुख दावेदार हैं। वहीं, अंबिकापुर सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व डिप्टी सीएम को हरा कर पहली बार विधायक चुने गए राजेश अग्रवाल भी इसी वर्ग से आते हैं।