भानुप्रतापपुर जिले की जिद: दुकान के सामने पोस्टर लगे - जिला नहीं तो वोट नहीं, सोशल मीडिया पर भी अभियान

उपचुनाव के मतदान की तारीख पास आते ही यह चर्चा शुरू हो गई है कि सीएम भूपेश बघेल 3 दिसंबर को जिला बनाने का ऐलान कर सकते हैं।

Update: 2022-11-30 12:25 GMT

भानुप्रतापपुर। भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए मतदान की तारीख पास आते ही जिले की मांग भी तेज हो गई है। क्षेत्र के दुकानों के सामने जिले की मांग के लिए पोस्टर लगाए गए हैं। व्यापारियों ने लिखा है, "जिला नहीं तो वोट नहीं।' भानुप्रतापपुर ही नहीं, बल्कि राजधानी व अन्य क्षेत्रों के लोगों में भी उत्सुकता है कि क्या सीएम भूपेश बघेल भानुप्रतापपुर को जिला बनाने का ऐलान कर सकते हैं। हालांकि सीएम के सामने यह मांग पहली बार नहीं है। इससे पहले भी उनके सामने यह मांग रखी जा चुकी है। उन्होंने कहा था, "अंतागढ़ व पखांजूर के लोग भी जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। इस क्षेत्र के लोग आपस मे सहमति बना लें और हमे बता दें, हम तत्काल उसे जिला बना देंगे।'


दरअसल, भानुप्रतापपुर को जिला बनाने की मांग में सबसे बड़ा पेंच अंतागढ़ और पखांजूर ही है। अंतागढ़ के लोगों का दावा है कि उनकी मांग पुरानी है, इसलिए जिला बनने का मौका उन्हें मिलना चाहिए। इस वजह से ही जिले की मांग पर सहमति नहीं बन पाई है, लेकिन खैरागढ़ उपचुनाव के दौरान जिस तरीके से जिले का ऐलान किया गया था, इसलिए भानुप्रतापपुर के लोग किसी भी तरह से यह मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहते।


सहानुभूति वोट और आरक्षण पर नाराजगी

आदिवासी बहुल भानुप्रतापपुर सीट पर स्व. मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी कांग्रेस की प्रत्याशी हैं। ऐसे में कांग्रेस के पास मनोज मंडावी के काम और उनके निधन के बाद सहानुभूति वोट मिलने की उम्मीद है। हालांकि इस बीच हाईकोर्ट के फैसले के बाद आदिवासियों के आरक्षण में कमी को लेकर आदिवासी वर्ग में नाराजगी है। इससे नुकसान हो सकता है। सर्व आदिवासी समाज की ओर से अकबर राम कोर्राम को प्रत्याशी बनाने के बाद भी यह एक बड़े फैक्टर के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में जिले की घोषणा होने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि एक व दो तारीख को आरक्षण के मुद्दे पर ही विधानसभा का विशेष सत्र भी है।


इधर, मतदान की तारीख पास आते ही गरमाई राजनीति

कांकेर/रायपुर। भानुप्रतापपुर उपचुनाव में मतदान के लिए अब चार दिन शेष हैं। ऐसे में सीएम भूपेश बघेल के पहले चुनावी दौरे से माहौल गरमा गया है। सीएम भूपेश बघेल भानुप्रतापपुर उपचुनाव के ऐलान के बाद पहली बार भानुप्रतापपुर पहुंचे हैं। वे आज चार आमसभाओं को संबोधित करेंगे। सीएम ने भानुप्रतापपुर पहुंचने के बाद सभास्थल की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, अभी-अभी भानुप्रतापपुर पहुंचा हूं। क्षेत्र की जनता काम करने वाली सरकार को ताकत देने और कांड करने वालों को जवाब देने के लिए तैयार है। 5 दिसंबर का दिन होगा, पंजा चुनाव चिह्न होगा।


इस पर पलटवार करते हुए भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा, अब तक मुख्यमंत्री भानुप्रतापपुर उपचुनाव से दूर रहकर भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम के विरुद्ध राजनीतिक षड्यंत्र रचने में व्यस्त थे। अब कूटरचित षड्यंत्र को सफल समझने का भ्रम उनके मस्तिष्क में घर कर गया है और जनता से मुंह छिपाने वाले मुख्यमंत्री झूठ का मायाजाल दिखाने भानुप्रतापपुर का रुख करने वाले हैं तो वे यह अच्छी तरह समझ लें कि उनकी असलियत छत्तीसगढ़ की जनता के साथ साथ भानुप्रतापपुर के जन-जन के सामने आ चुकी है। अब भानुप्रतापपुर की जनता उनके किसी भी बहकावे व छल प्रपंच में फंसने वाली नहीं है।


साव ने कहा कि सीएम भूपेश बघेल ने चार साल तक भानुप्रतापपुर के विकास को बाधित किया। चार साल पहले छत्तीसगढ़ की जनता को झूठे वादे करके सत्ता में आने वाले बघेल ने जनता के विश्वास के साथ सिर्फ वादाखिलाफी का खेल खेला है। विधानसभा में जब उनके कामकाज का ब्यौरा पूछा जाता है तो उनके पास कोई जवाब नहीं होता। जनता के सामने झूठ पर झूठ बोलने में विश्व कीर्तिमान स्थापित करने में जुटे मुख्यमंत्री की बोलती वहां बंद हो जाती है, जहां उन्हें प्रमाणित तथ्यों के आधार पर जवाब देना होता है।

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