CG में कांग्रेस की ऐसी सियासत: सरगुजा का गड्ढा छोड़ कांग्रेस का फोकस बिलासपुर ही क्यों?

कांग्रेस में बड़े नेताओं की आपसी उलझन के बीच संगठन के कार्यक्रम का भी केंद्रीकरण होने लगा है। रायपुर के बाद बिलासपुर कांग्रेस में फोकस में है और सरगुजा, बस्तर संभाग बड़े राजनीतिक प्रदर्शन के नाम पर खाली हो गया है।

Update: 2025-09-04 06:06 GMT

रायपुर। सत्ता आने के बाद भाजपा सरगुजा संभाग में बहुत मजबूत दिख रही है, जबकि वह बिलासपुर संभाग में विधानसभा सीट के लिहाज से कमजोर है। आमतौर पर अगले चुनाव को ध्यान में रख कर संगठन के कार्यक्रम तय किए जाते हैं, जिससे कमजोर विधानसभा सीटों को कवर किया जा सके। अभी जांजगीर चांपा जिले की सभी विधानसभा सीटों को लेकर बिलासपुर संभाग में कांग्रेस अपेक्षाकृत मजबूत है। इसके बाद भी बिलासपुर संभाग में ही कांग्रेस के बड़े राजनीतिक प्रदर्शन तय किए जा रहे हैं।

आगामी 9 सितंबर को वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस का बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है, जिसमें प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट सहित दिग्गज नेता शामिल होंगे। ऐसे में संगठन के अंदरखाने में सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर सरगुजा और बस्तर संभाग में राष्ट्रीय नेताओं की मौजूदगी में कोई बड़ा कार्यक्रम क्यों तय नहीं किया जा रहा है? बिलासपुर संभाग में पायलट की मौजूदगी में ही जांजगीर में बड़ा कार्यक्रम हो चुका है। इसी तरह राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की रायपुर में हुई सभा में भी बिलासपुर संभाग को विशेष रूप से शामिल हाेने को कहा गया था।

कांग्रेस के एक धड़े का तर्क है कि अभी सरगुजा से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित करीब आधा मंत्री मंडल है, भाजपा के संगठन में भी वहां से वजनदार पद दिए गए हैं। खास बात यह है कि सरगुजा की सभी 14 विधानसभा सीटें भाजपा के खाते में दर्ज हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के बार- बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की भी चर्चा होती रहती है। ऐसे में कांग्रेस को सरगुजा संभाग में फोकस करना चाहिए। इस पर कहीं कोई चर्चा नहीं हो रही है।

यह बात भी कही जा रही है कि पार्टी के कुछ बड़े नेता सरगुजा संभाग जाने से बचना चाहते हैं। बड़े नेताओं के बीच ही अभी समीकरण गड़बड़ा जाने के संकेत बार-बार मिल रहे हैं। मंगलवार की कांग्रेस की बैठक में जिस तरह से दो जिला अध्यक्ष आपस में बड़े नेताओं के नाम से भिड़े, वह बताता है कि ठीक नहीं चल रहा है। बस्तर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज खुद हैं, ऐसे में संगठन के नेता अपेक्षा कर रहे हैं कि बस्तर में भी कोई बड़ा राजनीतिक प्रदर्शन या कार्यक्रम होना चाहिए।

दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत जांजगीर का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में बार-बार बिलासपुर संभाग में कार्यक्रमों के होने का मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि डॉ.महंत का वजन संगठन में बरकरार है। बीते कुछ समय से डॉ. महंत संभाग का लगातार दौरा भी कर रहे हैं।

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