BJP MLA Arun Sav Biography in Hindi: भाजपा विधायक अरुण साव का जीवन परिचय...
BJP MLA Arun Sav Biography in Hindi: पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़कर 45 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीतने वाले अपने प्रदेश अध्यक्ष को भाजपा ने सूबे के दूसरे बड़े पद डिप्टी सीएम से नवाजा हैं। कानूनविद अरुण साव बिलासपुर लोकसभा से 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुए थे। साथ ही वह प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाल रहे थे। उनके नेतृत्व में ही भाजपा ने चुनाव लड़कर 2023 का किला फतह किया है। विधायक निर्वाचित होने के बाद अरुण साव ने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी व राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू को लोरमी विधानसभा से चुनाव हराया हैं। 13 दिसंबर 2023 को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में शपथ ग्रहण किया हैं। डिप्टी सीएम साव को लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विधि और विधायी कार्य एवं नगरीय प्रशासन विभाग का मंत्री बनाया गया है।
संघ से है पुराना नाता
अरुण साव का जन्म 25 नवंबर 1968 को मुंगेली के लोहड़िया गांव में हुआ था। उनके पिता स्व. अभयाराम साव 80 के दशक में मुंगेली मंडल के अध्यक्ष रहें। तथा 1977 से 1980 तक जरहागांव विधानसभा के चुनाव संचालक रहें। जनसंघी पिता से अरुण साव को बचपन से संघ के संस्कार मिले।
अरुण साव कबीर वार्ड मुंगेली में रहकर पले–बढ़े है। मुंगेली के एसएनजी कॉलेज से बीकॉम कर बिलासपुर से एलएलबी किया। वह 1990 से 1995 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मुंगेली तहसील इकाई के अध्यक्ष रहे। फिर जिला 1996 में युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष, प्रांतीय सह मंत्री और राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य बने। तत्कालीन विधायक अमर अग्रवाल के साथ महामंत्री भी रहें। ग्रेजुएशन के दौरान कॉलेज में सीआर ( कक्षा प्रतिनिधि) बनें। साहू समाज की राजनीति में भी अरुण साव की अच्छी पैठ है। साहू समाज युवा प्रकोष्ठ मुंगेली के तहसील सचिव के अलावा जिला अध्यक्ष साहू समाज भी रहें। छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू समाज के सह संयोजक बने।
अरुण साव की शादी मीना साव से हुई है। अरुण साव 1996 से 2005 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा मे विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। 1998 में दशरंगपुर से जनपद सदस्य के लिए भाजपा समर्थित प्रत्याशी बनें। 2001 से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना के साथ ही अरुण साव यहां वकालत कर रहें हैं। 2004 में राज्य सरकार के पैनल लायर, 2005 से 2007 तक उप शासकीय अधिवक्ता, 2008 से 2013 तक उपमहाधिवक्ता छत्तीसगढ़ शासन रहें।
पिछली बार बिलासपुर लोकसभा से लखनलाल साहू सांसद निर्वाचित हुए थे। वे 1 लाख 76 हजार वोट से विजयी हुए थे। बावजूद इसके उनका टिकट काट कर अरुण साव को टिकट दिया गया और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव को हरा कर जीत हासिल की थी। अगस्त 2022 को आदिवासी वर्ग के विष्णुदेव साय को हटा कर अरुण साव को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का पद सौंपा गया। प्रदेश में बड़ी संख्या में ओबीसी वोटो की बहुलता को देखते हुए अरुण साव को अध्यक्ष बनाना ओबीसी वोटों को साधने की कवायद के रूप में देखी जा रही हैं।
अरुण साव को कुल 75070 वोट मिले है। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी थानेश्वर साहू को 29179 वोट मिले है। अरुण साव ने 45891 वोट से जीत हासिल की है। वही जोगी कांग्रेस 15910 वोट मिले है। पिछले चुनाव में यहां से चुनाव लड़ रहे धर्मजीत सिंह को 51608 वोट मिले थे। नोटा को यहां से 814 वोट मिले है। पिछले चुनाव में भाजपा ने यहां तोखन साहू को टिकट दिया था। पर उन्हें छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के धर्मजीत सिंह से हार का सामना करना पड़ा था।
वकाल करते-करते राजनीति में भी रहे सक्रिय
अरुण साव लगभग 33 साल से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हैं। उन्होंने वकालत और राजनीति में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है। साव का पैतृक गांव लोहड़िया है और उन्होंने बीकाम एसएनजी कालेज मुंगेली से तथा एलएलबी कौशलेंद्र राव विधि महाविद्यालय बिसालपुर से किया है। राजनीतिक जीवन में निरंतर पहचान बनाने के साथ ही साव वकालत में भी सक्रिय रहे। उन्होंने 1996 में सिविल न्यायालय मुंगेली से वकालत आरंभ की। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में वकालत आरंभ की। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में उप शासकीय अधिवक्ता, शाकीय अधिवक्ता एवं उप महाधिवक्ता जैसे पदों में रहे।
जीत का फैक्टर:–
अरुण साव सौम्य छवि के पढ़े लिखे व्यक्ति हैं। वकालत में दक्षता हासिल करने वाले अरुण साव डिप्टी एडवोकेट जनरल भी रहे थे। लोरमी विधानसभा क्षेत्र उनके संसदीय क्षेत्र बिलासपुर में आता है जहां से वह सांसद रहे। अच्छी छवि के अलावा कम के प्रबल दावेदार व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष होने का फायदा उन्हें मिला और क्षेत्र के लोगों ने उन्हें हाथों-हाथ ले लिया।
अरुण साव की जीत का बड़ा फैक्टर कांग्रेस में बगावत भी रही। लोरमी विधानसभा से मुंगेली जिले के कांग्रेस जिला अध्यक्ष सागर सिंह बैंस टिकट मांग रहे थे। टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बगावत कर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस से चुनाव लड़ा और 15910 वोट काट दिए। लोरमी विधानसभा सीट के अस्तित्व में आने के साथ ही यहां 6 बार कांग्रेस, दो बार राम राज्य परिषद, एक बार जनता कांग्रेस ने जीत हासिल की है। भाजपा को यहां से छठवीं बार जीत हासिल की है।