BJP MLA Vikram Usendi Biography in Hindi: भाजपा विधायक विक्रम उसेंडी का जीवन परिचय...

MLA Vikram Usendi Biography:– विक्रम उसेंडी भाजपा की टिकट पर कांकेर जिले की अंतागढ़ विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने कांग्रेस के रूप सिंह पोटाई को 23712 वोट से हराया हैं। खास बात यह है कि विक्रम उसेंडी कांग्रेस प्रत्याशी रूप सिंह पोटाई के राजनीतिक गुरु रह चुके हैं। पोटाई पहले भाजपा में थे फिर कांग्रेस प्रवेश कर उसेंडी के खिलाफ चुनाव लड़ा। यहां से 2008 और 2013 के चुनाव में भी विक्रम उसेंडी विधायक निर्वाचित हुए थे। शिक्षक की नौकरी से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले विक्रम उसेंडी अविभाजित मध्य प्रदेश में सन् 1993 में पहली बार विधायक बने। 2003 में दोबारा विधायक निर्वाचित होने के बाद मंत्री बने। 2008 में भी चुनाव जीतने के बाद मंत्री बने। 2013 में चुनाव जीतने के 1 साल बाद कांकेर लोकसभा से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद चुने गए। वह प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष के अलावा प्रदेश अध्यक्ष भाजपा रहे थे। 2019 का लोकसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़कर प्रदेश में भाजपा ने 11 में से 9 सीटों पर जीत हासिल की थी। विक्रम उसेंडी बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे। शिक्षक की नौकरी के दौरान शिक्षक नेता भी रहे। भारतीय जनता युवा मोर्चा के भी कई पदों पर पदाधिकारी विक्रम उसेंडी रह चुके हैं।

Update: 2023-10-28 06:54 GMT

BJP MLA Vikram Usendi Biography in Hindi: भाजपा के विक्रम उसेंडी कांकेर जिले की अंतागढ़ विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं। यहां से सिटिंग विधायक अनूप नाग की टिकट काट कर कांग्रेस ने रूप सिंह पोटाई को टिकट दी थी, जिसका नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ा। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रह चुके विक्रम उसेंडी ने शिक्षक की नौकरी से अपने कैरियर की शुरुआत की थी। विक्रम उसेंडी अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान भी विधायक रह चुके हैं। राज्य गठन के बाद में 2003, 2008 और 2013 के चुनाव में वे निर्वाचित होकर विधायक बन चुके हैं। कांकेर लोकसभा से सांसद भी रहे हैं।

विक्रम उसेंडी का जन्म बस्तर संभाग के अंतागढ़ के कोदागांव में 17 अक्टूबर 1965 को हुआ था। उनके पिता का नाम देव सिंह उसेंडी हैं। विक्रम उसेंडी के पिता कृषक थे। कृषक परिवार में जन्मे विक्रम उसेंडी को बचपन से कृषि में विशेष रुचि थी। पर उन्होंने बीएससी की डिग्री हासिल कर शिक्षक की नौकरी करना शुरू कर दिया। उनका विवाह आरपी उसेंडी के साथ हुआ था। उनकी पत्नी भी शासकीय सेवा में प्रधान पाठिका है। विक्रम उसेंडी के दो पुत्र हैं। वर्तमान में विक्रम उसेंडी का व्यवसाय कृषि हैं।

विक्रम उसेंडी सन् 1987 में सचिव शिक्षक संघ जिला बस्तर रहें। सन 1990 में में सदस्य मध्य प्रदेश शिक्षक संघ प्रांतीय कार्यकारिणी रहे। 90 के दशक में इस्तीफा देकर राजनीति में आए उसेंडी 1993 में पहली बार अविभाजित मध्यप्रदेश के बस्तर क्षेत्र के नारायणपुर विधानसभा से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। इस दौरान वे सदस्य भारतीय जनता युवा मोर्चा रहें। 1993 से 1998 तक सदस्य खनिज एवं परमर्शदात्री समिति रहें। 1995 में सदस्य भारतीय जनता युवा मोर्चा मध्यप्रदेश रहें। 1997 में सदस्य भारतीय जनता युवा मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी एवं प्रभारी बस्तर संभाग रहें। 1997–98 में मध्यप्रदेश विधायक दल का क्यूबा में अंतरराष्ट्रीय युवा सम्मेलन में प्रतिनिधित्व किया।2001 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रहें। 2002 में अध्यक्ष भारतीय जनता युवा मोर्चा कांकेर जिला रहें। 2003 में कांग्रेस के मंतुराम पवार को हराकर दूसरी बार नारायणपुर विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए।

प्रदेश में पहली बार भाजपा की सरकार आने पर रमन सिंह के मंत्रीमंडल में विक्रम उसेंडी को मंत्री उच्च शिक्षा,तकनीकी शिक्षा, स्कूल शिक्षा,जनशक्ति नियोजन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग छत्तीसगढ़ शासन का प्रभार सौंपा गया। इस दौरान 2004 से 2008 तक बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष का भी दायित्व सम्हाला। 2008 में अंतागढ़ विधानसभा से निर्वाचित होकर छत्तीसगढ़ सरकार में वन विभाग के कैबिनेट मंत्री का दायित्व संभाला। 2013 के विधानसभा चुनाव में फिर से विक्रम उसेंडी ने एक बार कांग्रेस के मंतुराम पवार को चुनाव हराकर जीत हासिल की। पर 2014 के लोकसभा चुनाव में कांकेर लोक सभा से विजई होकर सांसद निर्वाचित हुए और विधायकी से इस्तीफा सौंप दिया।

विक्रम उसेंडी सांसद रहने के साथ ही छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष का भी दायित्व सम्हाल रहें थे। 2019 के लोकसभा चुनाव से ऐन पहले धरमलाल कौशिक की जगह उन्हें छत्तीसगढ़ भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनके नेतृत्व में प्रदेश में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 11 में से 9 सीटें जीती थी। जून 2020 तक विक्रम उसेंडी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहें थे।

2023 में विक्रम उसेंडी के जीत की कहानी:–

अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों के बीच खास रिश्ता रहा हैं। अंतागढ़ के भाजपा प्रत्याशी विक्रम उसेंडी कांग्रेस के प्रत्याशी रूप सिंह राजनैतिक गुरु रहें थे। कांग्रेस प्रत्याशी रूप सिंह ने जब राजनीति में कदम रखा तो उन्होंने भाजपा का दामन थमते हुए विक्रम उसेंडी को अपना गुरु बनाया था। कुछ चुनाव तक वे अपने गुरु विक्रम उसेंडी के लिए वोट मांगते रहे। फिर कांग्रेस में प्रवेश कर टिकट के लिए शक्ति प्रदर्शन कर वर्तमान विधायक अनूप नाग व जिला अध्यक्ष सुभद्रा सलाम की टिकट काटने में कामयाब हो गए।

अपने गुरु विक्रम उसेंडी के खिलाफ उतरे रूप सिंह को पोटाई को कांग्रेस की बगावत भारी पड़ गई। टिकट कटने से नाराज सिटिंग विधायक अनूप नाग कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए। उन्होंने 9415 वोट काट दिए।

विक्रम उसेंडी के अलावा यहां भाजपा व कांग्रेस में रह चुके निर्दलीय मंतूराम पवार को 15063 वोट मिलें। कांग्रेस के बागी प्रत्याशी अनूप नाग और मंतूराम पवार ने सीधे कांग्रेस के मतों को प्रभावित किया। जो कांग्रेस प्रत्याशी के हार की बड़ी वजह बनी।

अंतागढ़ विधानसभा में 1411 34 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भाजपा के विक्रम उसेंडी को 59547 वोट मिलें। जबकि कांग्रेस के रूपसिंह पोटाई को 35835 वोट मिलें। उन्हें 23712 वोटों से हारना पड़ा। तीसरे स्थान पर निर्दलीय मंतूराम पवार रहें। नोटा को 4245 वोट मिलें। निर्दलीय संतराम सलाम को 7412 वोट मिलें। यहां कुल उम्मीदवार 13 थे।

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