BJP MLA Motilal Sahu Biography in Hindi: भाजपा विधायक मोतीलाल साहू का जीवन परिचय...
MLA Motilal Sahu Biography:– भाजपा की टिकट पर रायपुर जिले की रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से मोतीलाल साहू विधायक निर्वाचित हुए है। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी पंकज शर्मा को 35750 मतों के अंतर से हराया है। 59 वर्षीय मोतीलाल साहू ने 2018 के चुनाव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ दुर्ग जिले की पाटन सीट से चुनाव लड़ा था। इस बार उन्हें रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा था। 59 वर्षीय मोतीलाल साहू ने डिप्लोमा किया है। उनका व्यवसाय कृषि है। वे पहले कांग्रेस में थे फिर भाजपा में आए।
BJP MLA Motilal Sahu Biography in Hindi: भाजपा की टिकट पर रायपुर जिले की रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से मोतीलाल साहू विधायक निर्वाचित हुए है। उन्होंने सिटिंग विधायक सत्यनारायण शर्मा के पुत्र पंकज शर्मा को चुनाव हराया है। मोतीलाल साहू 2018 के चुनाव में प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट दुर्ग जिले की पाटन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे। यहां से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट में साहू वोटो की अधिकता देखते हुए इस बार मोतीलाल साहू को रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से मौका दिया गया था। 59 वर्षीय मोतीराम साहू के पिता का नाम स्व. दौवाराम साहू है। वे 44 अश्वनी नगर राजकुमार कॉलेज के पीछे रायपुर के रहने वाले है। उनका मोबाइल नंबर 9425207176 है। मोतीलाल साहू ने किरोड़ीमल शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज से वर्ष 1985 में सिविल इंजिनियरिंग में डिप्लोमा तक शिक्षा हासिल की है। उनका व्यवसाय कृषि है। मोतीलाल साहू का विवाह रूपा साहू से हुआ है। उनकी पत्नी गृहणी हैं। मोतीलाल साहू कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं।
पिछली बार रायपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से सत्यनारायण शर्मा विधायक निर्वाचित हुए थे। उनकी जगह इस बार उनके पुत्र पंकज शर्मा को टिकट दिया गया था। पंकज शर्मा को 77282 वोट मिले। जबकि मोतीलाल साहू को 113032 वोट मिले। भाजपा के मोतीलाल साहू ने 35750 मतों से चुनाव जीता।
इस सीट से कांग्रेस से सत्यनारायण शर्मा लगातार विधायक रहें हैं। उनके उम्रदराज होने के बाद उनके बेटे को टिकट दे दी गई जिससे पार्टी में परिवारवाद के आरोप लगे और कांग्रेसी भी नाराज हो गए। सत्यनारायण शर्मा के साथ लगातार उनके बेटे पंकज शर्मा सक्रिय रहते थे। इसलिए जनता को यहां एक ही परिवार की जगह नया विधायक चाहिए था।
कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी विधानसभा क्षेत्र में अधूरे विकास कार्य व ग्रामीण क्षेत्रों में कानून व्यवस्था मुद्दा बनी। मोतीलाल की लो प्रोफाइल रहकर साफ सुथरी व मिलनसार छवि का लाभ भी उन्हें मिला। भाजपा ने यहां एकजुट होकर चुनाव लड़ा।