BJP MLA Amar Agrwal Biography in Hindi: भाजपा विधायक अमर अग्रवाल का जीवन परिचय...

BJP MLA Amar Agrwal Biography:- अमर अग्रवाल पांचवी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। अपनी पिछली चार जीत के रिकार्ड को तोड़ते हुए अमर ने 28959 वोटो से कांग्रेस के प्रत्याशी और सिटिंग एमएलए शैलेश पांडे को चुनाव हराया है। अमर अग्रवाल लगातार तीन बार मंत्री रहें है। भाजपा से पहले अमर अग्रवाल आरएसएस के बाल स्वयंसेवक रहे थे। छात्र संघ अध्यक्ष एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश प्रभारी भी रहे हैं।

Update: 2023-10-13 12:41 GMT

BJP Candidate Amar Agrwal Biography in Hindi: अमर अग्रवाल बिलासपुर जिले की बिलासपुर विधानसभा से पांचवी बार विधायक निर्वाचित हुए है। यह एक अनारक्षित सीट है। जहां से अमर अग्रवाल पूर्व में चार बार (1998 से 2018)विधायक रह चुके थे। पिछली चुनाव में अमर अग्रवाल को हराने के बाद कांग्रेस के शैलेश पांडेय विधायक निर्वाचित हुए थे। इस बार शैलेश पांडे से अपनी हार का बदला लेते हुए अमर ने शैलेश को 28959 वोटो से चुनाव हराया है।

अमर अग्रवाल का जन्म 22 सितंबर 1963 को रायगढ़ जिले के खरसिया में हुआ था। उनके पिता स्वर्गीय लखीराम अग्रवाल भाजपा संगठन के पितृ पुरुष माने जाते हैं। अमर अग्रवाल ने बी कॉम तक की शिक्षा प्राप्त की है। उनका विवाह शशिकला अग्रवाल से हुआ है। अमर अग्रवाल के एक पुत्र व दो पुत्रियां है। उनका पैतृक व्यवसाय हैं।

अमर अग्रवाल सन 1984 तक व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता के साथ सक्रिय रहें। वे बाल्यकाल से ही खरसिया एवं बिलासपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सक्रिय स्वयं सेवक के रूप में विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े रहे। खरसिया में छात्रसंघ अध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी भाजयुमो बिलासपुर के जिलाध्यक्ष एवं भाजपा के राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष रहें। साथ ही संभाग के कई महत्वपूर्ण चुनावों के सफल संचालन में विशेष भूमिका रही। अध्यक्ष भारतीय जनता युवा मोर्चा भी रहें।

अमर अग्रवाल 1998 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। उसके बाद 2003, 2008 एवं 2013 में भी विधायक निर्वाचित हुए। 2001 में वे सदस्य नियम समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहे। 2003 में मंत्री वित्त तथा योजना, वाणिज्य कर, आर्थिक एवं सांख्यिकी, बीस सूत्रीय कार्यक्रम, नगरीय प्रशासन, उद्योग वाणिज्य विभाग, छत्तीसगढ़ शासन रहें। 2007 में मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद एक माह बाद फिर से मंत्री नगरीय प्रशासन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण,चिकित्सा शिक्षा, वाणिज्य कर विभाग छत्तीसगढ़ शासन बने।

2008 में दूसरी बार विधायक बनने के बाद मंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग,चिकित्सा शिक्षा,वाणिज्य कर विभाग, श्रम विभाग,राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, पुनर्वास विभाग छत्तीसगढ़ शासन बनें।

2013 में अमर अग्रवाल के खिलाफ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने तत्कालीन महापौर वाणी राव को अपना प्रत्याशी बनाया। उन्हें हराकर अमर अग्रवाल मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग,चिकित्सा शिक्षा विभाग,वाणिज्यकर विभाग, श्रम, नगरीय प्रशासन मंत्री बने। 2015 में उनके प्रभार में फेरबदल कर केवल वाणिज्यकर, नगरीय प्रशासन विभाग, एवं उद्योग विभाग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग रहें।

2023 विधानसभा चुनाव के जीत की कहानी:–

अमर अग्रवाल ने कांग्रेस के शैलेश पांडे को 28959 वोटो से हराया है। यह अमर अग्रवाल की पिछले 4 जीत से कही अधिक वोटो से हुई जीत है। बिलासपुर में सिर्फ 56 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। फिर भी अमर अग्रवाल को बड़ी लीड मिली है। राज्य बनने के बाद सबसे कम मतदान के बाद भी अमर अग्रवाल ने अपनी पिछली सारी जीत का रिकार्ड तोड़ते हुए कही अधिक वोट से चुनाव जीता है। शैलेश पांडेय किसी भी राऊंड में आगे नहीं हुए। उन्हें 54063 (37.73 %) वोट मिले। जबकि अमर अग्रवाल को 83022 (57.94%) वोट मिले। आप की प्रत्याशी उज्जवला कराड़े को 1801 तो वही नोटा को 866 वोट मिले।

अमर अग्रवाल ने सन 1998 में पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी अनिल टाह को 10955 मतों से हराया था। उस समय कांग्रेस प्रत्याशी कृष्ण कुमार यादव तीसरे नंबर पर रहे थे। 2003 में कांग्रेस प्रत्याशी अनिल टाह को 5843 वोटो से हराया। 2008 में कांग्रेस प्रत्याशी अनिल टाह को 9376 वोटो से हराया। 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने तत्कालीन महापौर वाणी राव को अपना प्रत्याशी बनाया। अमर अग्रवाल ने उन्हें 15599 वोटो से चुनाव हराया था। 2018 में कांग्रेस के शैलेश पांडेय ने उन्हें 11221 वोटो से चुनाव हरा दिया।

अमर अग्रवाल की जीत का बड़ा कारण संगठन के नेताओं के द्वारा संगठित एक और एकजुट होकर चुनाव लड़ना था। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी शैलेश पांडे अलग-अलग नजर आए उन्हें संगठन का कोई साथ नहीं मिला। उनके साथ पिछले चुनाव में काम करने वाली टीम भी इस बार गायब दिखी। सत्ताधारी विधायक होने के बाद भी सरकार में महत्व न मिलना भी शैलेश पांडे के खिलाफ गया। पिछले 5 सालों में बढ़े अपराधों के आंकड़े भी खिलाफ गए।

लगातार 5 सालों तक अमर अग्रवाल न्यायधानी में हुए अलग अपराधों पर सरकार व कांग्रेस को घेरते रहे। अलग-अलग घटनाओं पर अमर अग्रवाल ने अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस ली और अलग-अलग बयान जारी किए जिसके चलते जनता में उनकी मौजूदगी बनी रही। अमर अग्रवाल सामाजिक कार्यक्रमों व सुख दुख के कार्यक्रमों में भी शामिल होते रहे। धार्मिक मुद्दे का भी असर इस चुनाव में पड़ा। चुनाव के दौरान घटी एक दो घटनाओं को लेकर हिंदुत्व के मुद्दे को भाजपा ने जमकर भुनाया। पिछले विधानसभा चुनाव से 5% कम वोटिंग होना भी कांग्रेस के लिए नुकसानदायक रहा।

इसके अलावा कांग्रेस के कोई भी स्टार प्रचारक बिलासपुर विधानसभा में शैलेश पांडे के पक्ष में चुनाव प्रचार करने नहीं पहुंचे। जबकि अमर अग्रवाल व भाजपा के पक्ष में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैं आकर बिलासपुर में विशाल जनसभा की। पिछले चुनाव में भाजपा जिन बूथों से हारी थी, वहां सघन प्रचार और जनसंपर्क भाजपा ने किया। सारे नाराज कार्यकर्ताओं को अमर अग्रवाल ने एकजुट भी किया। इसके अलावा अरपा पार सरकंडा को अलग नगर निगम बनाने की घोषणा समेत अमर अग्रवाल ने 23 बिंदुओं में बिलासपुर के विकास के लिए खुद का प्रभावी घोषणा पत्र बनाया जिसका असर हुआ। बिलासपुर से सटे पड़ोसी बेलतरा विधानसभा में भाजपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी सुशांत शुक्ला को टिकट देकर बिलासपुर विधानसभा में ब्राह्मण वोटरों का साधा। सुशांत शुक्ला को पड़ोसी विधानसभा में टिकट देने का भाजपा का फार्मूला हिट रहा और कांग्रेस के खुद ब्राम्हण प्रत्याशी होने के बावजूद शैलेश पांडे ब्राम्हण बाहुल्य सरकंडा से 8000 मतों से पिछड़ गए।

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