Amit Shah's visit: अमित शाह 1 सितंबर को आएंगे रायपुर, 2 को लेंगे बैठक, जारी हो सकती है भाजपा प्रत्याशियों की दूसरी सूची
Amit Shah's visit: शाह 1 सितंबर की देर शाम रायपुर पहुंचेगें। रात में ही संगठन के नेताओं के साथ चर्चा करेगें और दूसरे दिन 2 सितंबर को प्रदेशस्तरीय बैठक होगी।
Amit Shah's visit: रायपुर। विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर एक बड़ी खबर भाजपा के खेमे से आ रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 1 सितंबर को रायपुर आ रहे हैं। 2 सितंबर को यहां वे पार्टी मुख्यालय के प्रदेश के नेताओं की बैठक लेंगे। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी इस बैठक में शामिल होगें।
पार्टी सूत्रों के अनुसार शाह 1 सितंबर की देर शाम रायपुर पहुंचेगें। रात में ही संगठन के नेताओं के साथ चर्चा करेगें और दूसरे दिन 2 सितंबर को प्रदेशस्तरीय बैठक होगी। इसमें प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नीतीन नबीन, प्रदेश अध्यक्ष अरुण सवा सहित प्रदेश के सभी नेता मौजूद रहेगें। बताया जा रहा है कि शाह की यह बैठक प्रत्याशी चयन को लेकर है। शाह की इस बैठक में करीब 20 से अधिक सीटों पर प्रत्याशियों का नाम फाइनल करने की संभावना जताई जा रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार शाह प्रदेश के नेताओं से पूर्व घोषित 21 प्रत्याशियों का फीडबैक भी लेगें। इसमें नाम की घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं और आम वोटरों की प्रतिक्रिया शामिल है। इस बैठक के बाद भाजपा प्रत्याशियों की दूसरी सूची आ सकती है।
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छत्तीसगढ़ में राज्य की भूपेश बघेल सरकार को हराने और 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में हुई गलती को दोहराने से बचने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। भाजपा ने देश के कई राज्यों से अपने नेताओं की फौज को प्रदेश की सभी 90 विधान सभा सीटों पर पहले ही उतार रखा है लेकिन अब पार्टी ने धरातल से मिल रहे फीडबैक के आधार पर आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले नेताओं को छत्तीसगढ़ के विभिन्न इलाकों में तैनात कर दिया है। वैसे तो भाजपा में आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले नेताओं की भरमार है। आरएसएस से भाजपा में आने वाले कई नेता केंद्र में मंत्री हैं, कई राज्यों में मुख्यमंत्री और मंत्री है, सरकार से लेकर पार्टी संगठन में अहम पदों पर बैठे हैं। लेकिन, पार्टी संगठन में राष्ट्रीय संगठन महासचिव के पद पर नियुक्त नेता को भाजपा संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच की कड़ी माना जाता है। इस खबर को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लीक करें
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने 21 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। इन 21 नामों में एक नाम ऐसा है जिसे देखकर न केवल बीजेपी के कार्यकर्ता बल्कि पार्टी की रीति-नीति को समझाने वाले भी चौक गए। यही वजह है कि पार्टी के इस फैसला का संगठन के अंदर और बाहर दोनों तरफ से विरोध हो रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थक कह रहे हैं कि पार्टी ने ये क्या कर दिया और फैसला बदलने की मांग कर रहे हैं। ज्ञापन सौंपने से लेकर विरोध प्रदर्शन का भी दौर चल रहा है। आलम यह है कि कार्यकर्ता और समर्थक फैसला न बदलने की स्थिति पार्टी को खामियाजा भुगतने की चेतावनी दे रहे हैं। हालांकि, सरगुजा बीजेपी के एक सीनियर नेता ने पार्टी के इस फैसले की वकालत करते हुए कहा कि प्रबोध मिंज की छबि अच्छी है...उससे सीतापुर जैसे दूसरे सीटों पर लाभ मिलेगा। मगर वे इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए कि रायगढ़, जशपुर और बस्तर में मिशनरीज के साथ आदिवासियों का जो द्वंद्व चल रहा, उसमें बीजेपी का क्या स्टैंड रहेगा।
बहरहाल, मामला जशपुर जिला की लुंड्रा विधानसभा सीट का है। वहां से पार्टी ने प्रबोध मिंज को प्रत्याशी घोषित किया है। मसीही समाज से आने वाले मिंज अंबिकापुर नगर निगम के दो बार मेयर रहे हैं। उनकी गिनती क्षेत्र के बड़े जनाधार वाले नेताओं में होती है। इसके बावजूद न केवल पार्टी के कार्यकर्ता बल्कि समर्थक भी उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने का खुलकर विरोध कर रहे हैं। इसी विरोध की आग की आंच को भांपने पार्टी के प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नीतीन नबीन और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव तीन दिन पहले जशुपर पहुंचे थे। सूत्र बता रहे हैं कि माथुर ने जिला संगठन से मिंज के विरोध को लेकर फिडबैक लिया है। इस खबर को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लीक करें