मवेशियों का झुंड रस्ते में आने से पुलिस की वाहन पल्टी, ADG ने कहा- ‘पुलिस की पिस्टल छीनकर भागते विकास ने की फायरिंग’

Update: 2020-07-10 12:22 GMT

लखनऊ 10 जुलाई 2020. उत्तर प्रदेश के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह एक एनकाउंटर में मारा गया। कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर खड़े हो रहे सवालों के बीच यूपी पुलिस एसटीएफ ने एक प्रेस नोट जारी कर पूरी घटना के बारे में विस्तार से बताया है। एसटीएफ की तरफ से जारी पत्र में कहा गया कि जिस दौरान अभियुक्त विकास दुबे को उज्जैन से लाया जा रहा था उसी बीच रास्ते में मवेशियों का एक झुंड आने से वाहन के ड्राइवर ने अपना नियंत्रण खो दिया। एसटीएफ की टीम दुबे को जिंदा पकड़ने के लिए उसके करीब जाने की कोशिश की, लेकिन वह गोलियां चलाता रहा। पुलिस ने आत्मरक्षा में पलटवार किया जिसमें वह मारा गया।

उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार पत्रकारों से मुखातिब हुए तो उन्होंने वही सब बताया, जो एनकाउंटर के बाद से कानपुर पुलिस बताती रही है. हालांकि एडीजी प्रशांत कुमार ने विस्तार से जानकारी देने की कोशिश की। एडीजी ने बताया कि इनामी बदमाश विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर पुलिस और एसटीएफ की टीम शुक्रवार की सुबह कानपुर नगर ला रही थी।

कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई। इस दौरान गाड़ी में सवार विकास दुबे और पुलिसकर्मी घायल हो गए। तभी विकास दुबे ने घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन कर भागने लगा। पुलिस टीम ने उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना और पुलिस टीम पर फायर करने लगा।

पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की. इस दौरान विकास दुबे घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मुठभेड़ में सिविल पुलिस के 3 सब इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल घायल हो गए. जबकि एसटीएफ के 2 कमांडो भी गंभीर घायल हुए हैं।

 

 

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