अब वैक्सीन पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई, केंद्र ने राज्यों को दिया निर्देश

Update: 2021-01-25 07:15 GMT

नईदिल्ली 25 जनवरी 2021. कोविड-19 वैक्सीन को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार ने कड़ी कानूनी कार्रवाई करने को कहा है। केंद्र ने इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। बता दें कि देश में 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है, लेकिन यह लक्ष्य के अनुरूप अपेक्षित गति नहीं पकड़ पा रहा है। भारत में अब तक 16 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है।

वैक्सीन की प्रभावशीलता पर अफवाहों का सामना कर रहे केंद्र ने राज्यों को इस तरह की भ्रामक सूचना के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए कहा है. केंद्र ने राज्यों को सलाह दी है कि वे गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करें. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में इसपर भी जोर दिया कि देश के राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण ने पाया है कि दोनों टीके – सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित ‘कोवैक्सीन’ सुरक्षित हैं और रोग प्रतिरोधी क्षमता का निर्माण करते हैं.

केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के साथ मिलकर 16 जनवरी से देश भर में दो टीकों की सहायता से कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू किया है. केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि कोरोना टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह द्वारा तय की गई प्राथमिकता के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे में लगे कर्मियों को टीके लगाये जा रहे हैं और बाद में प्राथमिकता समूह 2 और 3 को टीका लगाया जाएगा.

पत्र में कहा गया है, मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि देश में राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण ने दोनों टीकों को सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक क्षमता निर्माण करने वाला पाया है. यह रिपोर्ट सामने आयी है कि निराधार और भ्रामक अफवाहें सोशल और अन्य मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं, जिनमें इन टीकों की सुरक्षा और प्रभावशीलता के बारे में संदेह पैदा किया जा रहा है.

पत्र में कहा गया है, विशेष रूप से निहित स्वार्थों से इस तरह की अफवाह फैलाने से आम लोगों के बीच अवांछित संदेह उत्पन्न हो सकता है. इसलिए, टीके की सुरक्षा और रोग प्रतिरक्षा क्षमता से संबंधित सभी प्रकार के निराधार अफवाहों पर रोक लगाने की आवश्यकता है. भल्ला ने राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे इस तरह की अफवाहों के प्रसार पर रोक लगाने की कोई उपयुक्त व्यवस्था करें.

भल्ला ने मुख्य सचिवों को राज्य सरकार के तहत संबंधित सभी प्राधिकारियों को निर्देश देने के लिए कहा कि वे कोरोना टीकों के बारे में गलत सूचना को रोकने के साथ ही तथ्यात्मक संदेशों को तुरंत प्रसारित करने के लिए आवश्यक उपाय करें. उन्होंने कहा, इसके अलावा ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाए गए व्यक्ति या संस्था के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और भारतीय दंड संहिता, 1860 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है.

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