Vantara And Project Elephant: वनतारा और प्रोजेक्ट एलिफ़ेंट ने आयोजित किया हाथियों की सेवा को समर्पित भारत का सबसे बड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम
Vantara And Project Elephant: जामनगर (गुजरात), 25 जुलाई 2025: अनंत अंबानी द्वारा संचालित भारत के प्रमुख वन्यजीव बचाव एवं संरक्षण केंद्र वनतारा ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रोजेक्ट एलिफ़ेंट के सहयोग से जामनगर में पाँच दिवसीय ‘वनतारा गजराज सम्मेलन’ का आयोजन किया है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा ऐसा प्रशिक्षण कार्यक्रम है.
Vantara And Project Elephant: जामनगर (गुजरात), 25 जुलाई 2025: अनंत अंबानी द्वारा संचालित भारत के प्रमुख वन्यजीव बचाव एवं संरक्षण केंद्र वनतारा ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रोजेक्ट एलिफ़ेंट के सहयोग से जामनगर में पाँच दिवसीय ‘वनतारा गजराज सम्मेलन’ का आयोजन किया है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा ऐसा प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो हाथियों की सेवा और देखभाल को समर्पित है।
सम्मेलन में 100 से अधिक महावतों और हाथी विशेषज्ञों को पारंपरिक और वैज्ञानिक दोनों प्रकार की देखभाल विधियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूर्ण होने पर प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाएंगे।
वनतारा के सीईओ विवान करानी ने कहा, “ यह सम्मेलन केवल प्रशिक्षण का मंच नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और करुणामयी भविष्य की नींव है। हमारा उद्देश्य पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के समन्वय से हाथियों के कल्याण के लिए एक सशक्त और टिकाऊ व्यवस्था बनाना है। यह दर्शाता है कि हाथियों का संरक्षण केवल नीति और आवास तक सीमित नहीं, बल्कि उनकी देखभाल करने वालों की कुशलता और संवेदनशीलता पर भी आधारित है। ”
यह कार्यक्रम जामनगर स्थित राधे कृष्ण टेंपल एलिफ़ेंट वेलफेयर ट्रस्ट परिसर में आयोजित किया जा रहा है, जो वनतारा के अंतर्गत कार्यरत एक कल्याणकारी संस्था है। वनतारा में वर्तमान में 250 से अधिक हाथियों की देखभाल की जा रही है, जिनकी सेवा में 500 से अधिक प्रशिक्षित कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, अफ्रीकी देश कॉन्गो से वन्यजीव विशेषज्ञ एवं अधिकारी भी प्रशिक्षण के उद्देश्य से यहाँ उपस्थित हैं।
अक्टूबर में राष्ट्रीय चिड़ियाघर निदेशकों (नेशनल ज़ू डायरेक्टर्स) का सम्मेलन भी वनतारा में आयोजित किया जाएगा। ऐसे आयोजनों के माध्यम से देश-दुनिया के विशेषज्ञ, नीति निर्माता और वन्यजीवों की सेवा में समर्पित लोग एक मंच पर आकर सहयोग, संवाद और संरक्षण कार्यों को अधिक प्रभावी रूप से आगे बढ़ा सकते हैं।