Supreme Court News: सुप्रीम आदेश: स्टेट बार कौंसिल में महिला आरक्षण: 20 फीसदी सीटें महिला सदस्यों के चुनाव से और 10 प्रतिशत को-ऑप्शन से भरे जाएंगे
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद स्टेट बार कौंसिल में 30 प्रतिशत महिला आरक्षण का आदेश जारी किया है। 20 प्रतिशत सीटें महिला सदस्यों के चुनाव से और शेष 10 फीसदी सीटें को-ऑप्शन सहयोजना से भरे जाएंगे।
supreme court of india (NPG file photo)
Supreme Court News: दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद स्टेट बार कौंसिल में 30 प्रतिशत महिला आरक्षण का आदेश जारी किया है। 20 प्रतिशत सीटें महिला सदस्यों के चुनाव से और शेष 10 फीसदी सीटें को-ऑप्शन सहयोजना से भरे जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जिन राज्यों में स्टेट बार कौंसिल चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं हुई है, वहां के स्टेट बार में यह व्यवस्था लागू होगी। इस वर्ष होने वाले स्टेट बार कौंसिल चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि उन स्टेट बार कौंसिल के संबंध में को-ऑप्शन का प्रस्ताव उनके सामने रखा जाए, जहां महिला अधिवक्ताओं की संख्या कम है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "हालांकि, हमें यह पक्का करना होगा कि आंध्र प्रदेश, पंजाब एंड हरियाणा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना की उन चार बार काउंसिल में जो महिला सदस्य चुनाव लड़ रही हैं या लड़ने का प्रस्ताव दे रही हैं, वे पूरे जोश के साथ चुनाव लड़ेंगी और वकील मतदाता भी यह पक्का करने की कोशिश करेंगे कि बार की महिला सदस्यों को सही प्रतिनिधित्व मिले। बिहार और छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल के चुनाव भी नोटिफाई किए गए हैं। इसलिए इन दो बार काउंसिल को भी बाहर रखा जाना है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां तक बाकी बार काउंसिल की बात है, यह निर्देश दिया जाता है कि 30 फीसदी सीटों पर बार एसोसिएशन की महिला सदस्य प्रतिनिधित्स करेंगी, जिसमें से 20% सीटें चुनाव से और 10 प्रतिशत को-ऑप्शन से भरी जाएंगी। को-ऑप्शन के बारे में एक प्रस्ताव इस कोर्ट के सामने रखा जाएगा। जहां भी बार की महिला सदस्य 20 प्रतिशत सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए आगे आने में हिचकिचा रही हैं, ऐसी बार काउंसिल में भी को-ऑप्शन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि महिलाओं को 30 फीसदी प्रतिनिधित्व मिल सके।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की डिवीजन बेंच ने योगमाया एमजी और शेहला चौधरी की याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ताओं ने महिला आरक्षण की मांग की थी। पिछले सप्ताह सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया BCI से कहा था कि वह स्टेट बार काउंसिल में 30 फीसदी महिलाओं का प्रतिनिधित्व पक्का करने के लिए कदम उठाए। कोर्ट ने BCI से प्रस्ताव लाने को कहा था।
BCI के चेयरपर्सन सीनियर एडवोकेट मनन कुमार मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि BCI, सिद्धांत के तौर पर यह मानता है कि स्टेट बार काउंसिल में कम-से-कम 30% महिलाओं के लिए आरक्षण होना चाहिए। हालांकि, इस साल के लिए बार काउंसिल को महिला उम्मीदवारों को को-ऑप्शन के जरिए पद भरने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने प्रस्तावित किया कि 15% सीटें महिला मेंबर के को-ऑप्शन से भरी जाएं।