Supreme Court News: स्कूलों में सेक्स एजुकेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल, राज्य सरकार से मांगी राय, 10 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
Supreme Court News: पाक्सो एक्ट के आरोपी एक छात्र की अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा है कि क्या स्कूलों में बच्चों को सेक्स एजुकेशन की पढ़ाई कराई जा सकती है।
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Supreme Court News: दिल्ली। एक छात्र की अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा है कि राज्य के हायर सेकेंडरी स्कूल के पाठ्यक्रम में सेक्स एजुकेशन को शामिल किया जा सकता है। डिवीजन बेंच ने यह भी पूछा कि हायर सेकेंडरी स्कूल के सिलेबस के एक भाग में इसकी पढ़ाई कराई जा सकती है। राज्य सरकार को शपथ पत्र के साथ जानकारी देने कहा है। सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच ने यह भी कहा, ताकि युवा किशोरों को यौवन के साथ आने वाले हार्मोनल परिवर्तनों और उनके संभावित परिणामों के बारे में जागरूक किया जा सके।
एक किशोर की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दी थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए किशोर ने सुप्रीम कोर्ट में अपील पेश की है। किशोर की अपील पर सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच में सुनवाई चल रही है।
पीड़िता के ढाई महीने के गर्भ से होने का पता चलने के बाद अपीलकर्ता किशोर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी) और POCSO Act की धारा 6 के तहत FIR दर्ज की गई। निचली अदालत ने भी आरोपी किशोर को जमानत देने से इंकार कर दिया था।
अपीलकर्ता किशोर ने अपनी याचिका में कहा कि संबंध आपसी सहमति से हुआ था। हाई कोर्ट ने यह देखते हुए कि नाबालिग की सहमति POCSO मामलों के लिए अप्रासंगिक है, किशोर की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। अपील की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए विधि अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार ने शपथ पत्र दायर किया है।
मामले की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को हायर सेकेंडरी स्कूल के कोर्स में सेक्स एजुकेशन को शामिल करने के संबंध में राय मांगी है। बेंच का मानना है,युवा किशोरों को सेक्स एजुकेशन के मूलभूत पहलुओं के बारे में जागरूक किया जा सके, ताकि ऐसी अनुचित गतिविधियों को रोका जा सके। मामले की अगली सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने 10 सितंबर की तिथि तय कर दी है।