Pune Porsche Crash Case: पुणे में पोर्शे कार से 2 लोगों को रौंदने वाले नाबालिग को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत, रिमांड आदेश को बताया अवैध

Pune Porsche Crash Case: पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने किशोर आरोपी को सुधार गृह से रिहा करने का आदेश दिया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी है।

Update: 2024-06-25 14:23 GMT

Pune Porsche Crash Case: पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने किशोर आरोपी को सुधार गृह से रिहा करने का आदेश दिया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी है। पुणे में एक किशोर नशे की हालत में पोर्शे कार चला रहा था। जिसके परिणामस्वरूप 19 मई को दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी। इस मामले ने सबका ध्यान आकर्षित किया, खासकर तब जब किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य एल. एन. दानवड़े ने नाबालिग को सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने सहित कुछ नरम शर्तों के साथ जमानत दे दी थी।

कोर्ट ने दिए ये आदेश

कोर्ट ने नाबालिग को उसकी मौसी की देखभाल और हिरासत में छोड़ने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि नाबालिग का मनोवैज्ञानिक के साथ सेशन जारी रहना चाहिए। नाबालिग की मौसी ने नाबालिग को अवैध रूप से निगरानी गृह में रखे जाने का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कुछ दिन पहले जस्टिस भारती डांगरे और मंजूषा देशपांडे ने कहा कि नाबालिग को जमानत देने के बाद उसे निगरानी गृह में भेजना जमानत के उद्देश्य को खत्म कर देता है। कोर्ट ने कहा, “दो लोगों की जान चली गई है, आघात तो था ही, लेकिन बच्चा (किशोर) भी आघात में था।”

कुछ दिन पहले किशोर के माता-पिता और अस्पताल के कर्मचारियों के अलावा, पुलिस ने घटना के सिलसिले में किशोर के दादा को हिरासत में लिया है। इसके अलावा मंगलवार को, आरोपी डॉक्टरों और किशोर के पिता के बीच वित्तीय लेन-देन में मदद करने और मध्यस्थ के रूप में काम करने के आरोप में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 

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