Modi rejects US mediation: मोदी ने ट्रंप को LIVE कॉल में सुनाई खरी-खरी! ऑपरेशन सिंदूर में अमेरिका की दखल को किया खारिज!

Modi rejects US mediation: PM मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की 35 मिनट की फोन पर सीधी बातचीत में भारत-पाक युद्धविराम, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी हस्तक्षेप पर बड़ा खुलासा। मोदी बोले- भारत ने कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की। पढ़ें पूरी खबर।

Update: 2025-06-18 15:33 GMT

Modi rejects US mediation: 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सीधी बातचीत हुई। ये बातचीत ट्रंप के अनुरोध पर फोन के माध्यम से 35 मिनट चली। हालांकि, यह मुलाकात पहले कनाडा में होने वाले G-7 शिखर सम्मेलन में प्रस्तावित थी, लेकिन ट्रंप का सम्मेलन से जल्दी लौट जाना इसकी वजह बना। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने वीडियो संदेश में बताया कि यह बातचीत महज औपचारिक नहीं थी, बल्कि इसमें भारत की विदेश नीति और सुरक्षा नीति से जुड़े अहम संदेश शामिल थे।

भारत ने ‘मध्यस्थता’ को फिर खारिज किया

बातचीत का सबसे संवेदनशील और राजनीतिक रूप से गंभीर बिंदु रहा भारत-पाकिस्तान युद्धविराम पर अमेरिका की कथित भूमिका। मोदी ने ट्रंप को साफ कहा – "भारत ने कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है, और न कभी करेगा।"

यह बयान उस पृष्ठभूमि में आया जब ट्रंप ने पहले दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध को रुकवाया था और दोनों देश परमाणु संघर्ष के करीब पहुंच गए थे। मोदी ने दोहराया कि पाकिस्तान की पहल पर भारत ने सीधे सैन्य चैनलों के माध्यम से युद्धविराम की बात की थी, न कि किसी तीसरे देश की दखल से।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका को स्पष्ट जानकारी दी कि भारतीय सेना का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी सक्रिय है। इस सैन्य कार्रवाई के अंतर्गत सीमा पार आतंकवाद को जवाब देने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने अमेरिका को यह संकेत भी दिया कि भारत अपने सामरिक निर्णयों में पूरी तरह से स्वतंत्र है और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेगा।

मोदी ने ट्रंप का निमंत्रण ठुकराया, फिर दिया भारत आने का न्योता

बातचीत के दौरान ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को कनाडा से अमेरिका आने का निमंत्रण दिया, जिसे मोदी ने व्यस्त कार्यक्रमों के चलते अस्वीकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने ट्रंप को भारत में आयोजित होने वाली आगामी क्वाड बैठक में शामिल होने का न्योता दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर लिया। ट्रंप ने कहा, “मैं इस निमंत्रण को लेकर उत्साहित हूं और भारत आने के लिए तत्पर हूं।”

अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी हुई चर्चा

मोदी और ट्रंप ने ईरान-इज़राइल युद्ध और रूस-यूक्रेन संकट पर भी गहन चर्चा की और इस बात पर सहमति जताई कि इन मुद्दों का हल कूटनीति के माध्यम से निकाला जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय शांति बनाए रखने की जरूरत पर ज़ोर दिया।

ट्रंप का पुराना दावा और भारत की प्रतिक्रिया

गौरतलब है कि 10 मई को डोनाल्ड ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध टाल दिया है, और उनकी मध्यस्थता से युद्धविराम हुआ। लेकिन भारत सरकार ने तब भी और अब भी यह साफ किया कि ऐसा कोई मध्यस्थ प्रयास न हुआ था, न स्वीकार किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी की इस बातचीत ने एक बार फिर भारत की विदेश नीति के स्पष्ट और ठोस रुख को रेखांकित किया है कि "बातचीत संभव है, पर बिचौलियों के बिना"। अमेरिका जैसे महाशक्ति को भी इस संदेश से यह समझ लेना होगा कि भारत अपनी सीमाओं, संप्रभुता और कूटनीति के मामलों में किसी भी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा।

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