Medha Patkar Defamation Case: मेधा पाटकर को हुई पांच महीने की कैद, देना होगा 10 लाख मुआवजा

Medha Patkar Defamation Case : सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 5 महीने की साधारण कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पाटकर को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।

Update: 2024-07-01 13:27 GMT

Medha Patkar Defamation Case : सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 5 महीने की साधारण कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पाटकर को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। ये मामला दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मानहानि मामले में दायर किया था। सक्सेना तब खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष थे। बता दें कि इस मामले में पाटकर को मई महीने में दोषी करार दिया गया था।

क्या है मामला?

साल 2003 में पाटकर 'नर्मदा बचाओ आंदोलन' को लेकर सक्रिय थीं। उस वक्त सक्सेना नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज में सक्रिय थे। सक्सेना ने पाटकर की आंदोलन का विरोध किया था। पाटकर ने सक्सेना पर हवाला लेनदेन में संलिप्तता का आरोप लगाया गया था। इसके बाद सक्सेना ने पाटकर के खिलाफ मानहानि के 2 मामले दर्ज कराए थे। पाटकर ने भी सक्सेना पर विज्ञापन को लेकर मानहानि का केस किया था।

मुआवजे पर कोर्ट का आदेश

वहीं, एलजी वीके सक्सेना के वकील एउन्हें जुर्माने की रकम नहीं चाहिए। वह इसे दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (DLSA) को दे दें। जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि मुआवजे की रकम शिकायतकर्ता को दी जाएगी। फिर वह इसे अपनी इच्छा के अनुसार निस्तारित कर सकते हैं।

मेधा पाटकर ने दी प्रतिक्रिया

साकेत कोर्ट के इस फैसले के बाद एक्टिविस्ट मेधा पाटकर की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि “सत्य को कभी पराजित नहीं किया जा सकता। सत्य को कभी हराया नहीं जा सकता। हमने कभी भी किसी को डिफेम करने का प्रयास नहीं किया। हम सिर्फ काम करते हैं।” उन्होंने अदालत के इस फैसले को हम ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात भी कही है।

फैसले को चुनौती देंगी पाटकर

फैसले पर पाटकर ने कहा, "सच्चाई को कभी हराया नहीं जा सकता। हमने किसी को बदनाम करने की कोशिश नहीं की है। हम सिर्फ अपना काम करते हैं। हम कोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे।" कोर्ट ने यह भी कहा कि पाटकर की उम्र और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को देखते हुए उन्हें अधिक सजा नहीं दी जा रही है। न्यायाधीश ने कहा कि सजा पर 30 दिन तक रोक रहेगी।

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