J&K IN CLOUDBURST : चिशौती में फट गए बादल और बहा ले गया सब कुछ... शांत पहाड़ बना मौत का सैलाब, मची चीख-पुकार, अपनों को तलाशते रहे लोग, अब तक 46 की मौत सैकड़ों घायल

Clouds burst in Chishoti : दोपहर लगभग 12.30 बजे लगातार हो रही बारिश के बीच चिशौती के ऊपरी पहाड़ों पर अचानक बादल फट गया।

Update: 2025-08-14 17:41 GMT

Clouds burst in Chishoti  : जम्मू के किश्तवाड़ जिले के चिशौती कस्बे में आज सुबह से दोपहर तक आफत की बारिश हुई और बारिश इतनी लगातार हुई की चार जगह बादल ही फट गए. मिली जानकारी के अनुसार इस आपदा में 46 लोगों की जान चली गई, जबकि 120 से ज्यादा घायल हैं। इलाके में चीख-पुकार मच गई, वहीँ लोग अपनों को तलाशने में आंसुओं की नदिया बहाने लगे. शांत पहाड़ कुछ देर में मौत का सैलाब लेकर आया. मलबे में अब भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है। मौसम खराब होने से बचाव कार्य में बाधा आ रही है। जानकारी के अनुसार दोपहर लगभग 12.30 बजे लगातार हो रही बारिश के बीच चिशौती के ऊपरी पहाड़ों पर अचानक बादल फट गया।

चिशौती कस्बा प्रसिद्ध मचैल माता तीर्थयात्रा मार्ग का रास्ता है। 25 जुलाई से चल रही मचैल माता यात्रा भी रोक दी गई है। यात्री जहां पर हैं, वहीं पर उन्हें रुकने को कहा गया है। पीएम नरेंद्र मोदी, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आपदा पर गहरा दुख जताया और पीड़ितों की हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है.


किश्तवाड़ से 83 किलोमीटर दूर उपमंडल पाडर में स्थित चिशौती के उस हिस्से में भारी तबाही आई जो नाले पर बसे थे। नाले वाला पूरा हिस्सा ही बह गया है। पाडर के कई नालों में पानी का बहाव बहुत तेज हो गया है। भारी मात्रा में पानी बरस जाने से बाढ़ आ गई। पानी के साथ पत्थर व पेड़ बहकर आए जो घरों, दुकानों व यात्रियों को बहा ले गए। इनके लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला।




 

खोज और बचाव अभियान जारी


स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। सेना और वायुसेना की टीमें भी सक्रिय हो गई हैं। खोज और बचाव अभियान जारी है। मौसम खराब होने से हेलिकॉप्टर का राहत और बचाव कार्य में इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। किश्तवाड़ से अतिरिक्त मेडिकल टीम, एंबुलेंस आदि भी मौके पर भेज दी गई हैं।





 


दो पुल ध्वस्त 


आपदा में दो पुल ध्वस्त हो गए। इनमें से एक पुल पीएमजीएसवाई के तहत हाल ही में बनाया गया है. यह पुल बह गया। इस पुल के बहने से मचैल व हमूरी गांव सहित अन्य कई गांवों का संपर्क कट गया है। भोट नाला सहित चिनाब नदी खतरे के निशान पर है. 

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