NIA Raid ISIS: आईएसआईएस भर्ती मामले को लेकर तमिलनाडु, तेलंगाना में 31 जगह एनआईए की छापेमारी

NIA Raid ISIS: आईएसआईएस के कट्टरपंथ और भर्ती अभियान पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एनआईए ने शनिवार को दो दक्षिणी राज्यों - तमिलनाडु और तेलंगाना में 31 स्थानों पर तलाशी ली और कई डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज़, 60 लाख रुपये नकद और 18,200 डॉलर जब्त किए...

Update: 2023-09-16 12:59 GMT

NIA Raid 

NIA Raid ISIS: आईएसआईएस के कट्टरपंथ और भर्ती अभियान पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एनआईए ने शनिवार को दो दक्षिणी राज्यों - तमिलनाडु और तेलंगाना में 31 स्थानों पर तलाशी ली और कई डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज़, 60 लाख रुपये नकद और 18,200 डॉलर जब्त किए। 

आतंकवाद-रोधी जांच एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी तलाशी के दौरान जब्त किए गए मोबाइल फोन, लैपटॉप और हार्ड डिस्क में मौजूद डेटा की जांच कर रही है।

अधिकारी ने कहा, "तलाशी के दौरान 60 लाख रुपये और 18,200 डॉलर के अलावा अरबी और स्थानीय भाषाओं में कई आपत्तिजनक किताबें भी जब्त की गईं।"

इस बीच, एनआईए के एक सूत्र ने कहा कि टीम ने चेन्नई, कोयंबटूर और तेनकासी में कुछ संदिग्धों के आवासों पर छापेमारी की और उनसे पांच घंटे तक पूछताछ की। छापेमारी के दौरान डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए।

सूत्र ने बताया कि एनआईए ने कट्टरपंथ और भर्ती मामले में पूछताछ के लिए कुछ संदिग्धों को 20 सितंबर को चेन्नई स्थित अपने कार्यालय में बुलाया है।

अधिकारी ने कहा कि एनआईए की टीम ने सुबह-सुबह कोयंबटूर में 22 स्थानों, चेन्नई में तीन और तमिलनाडु के तेनकासी जिले के कादयानल्लूर में एक स्थान पर छापेमारी की। इसने हैदराबाद और तेलंगाना के साइबराबाद में पांच स्थानों पर भी तलाशी ली।

एनआईए ने भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए व्यक्तियों के एक समूह द्वारा गुप्त अभियानों से संबंधित आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

अधिकारी ने कहा, “उनके क्षेत्रीय अध्ययन केंद्रों में अरबी भाषा की कक्षाएं आयोजित करने की आड़ में कट्टरपंथ चलाया जा रहा था। कट्टरपंथी सामग्री और गतिविधियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्सएप तथा टेलीग्राम जैसे मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से ऑनलाइन प्रचारित किया जा रहा था।''

अधिकारी ने कहा कि एनआईए जांच में पाया गया कि आईएसआईएस से प्रेरित एजेंट-प्रोवोकेटर 'खिलाफत' विचारधारा के प्रचार-प्रसार में लगे हुए थे, जो भारत के धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के संवैधानिक रूप से स्थापित सिद्धांतों के लिए "दुर्भावनापूर्ण" है।

उन्‍होंने बताया, “मामले में शामिल लोगों ने युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने की साजिश रची थी, जो बाद में आतंकवादी और गैरकानूनी कृत्यों एवं गतिविधियों में शामिल पाए गए। ऐसा ही एक आतंकी हमला पिछले साल 23 अक्टूबर के कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले से संबंधित था।”

अधिकारी ने कहा कि एनआईए की जांच कमजोर युवाओं को आतंकवादी नेटवर्क में भर्ती करने के आईएसआईएस के प्रयासों को विफल करने के लिए एजेंसी के ठोस प्रयासों का हिस्सा है, जो शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और बाधित करने के व्यापक उद्देश्य के साथ देश में आतंक फैलाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

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