Bengaluru News Today : हैरिटेज बालाब्रूई गेस्ट हाउस को क्लब में बदलने को लेकर कर्नाटक में विवाद

Bengaluru News Today : बेंगलुरु के ऐतिहासिक बालाब्रूई गेस्ट हाउस को कांग्रेस सरकार द्वारा एक क्लब में बदलने की कोशिश ने कर्नाटक में विवाद पैदा कर दिया है। इस गेस्ट हाउस में कभी महात्मा गांधी रुके थे...

Update: 2023-09-02 13:40 GMT

Karnataka News 

Bengaluru News Today : बेंगलुरु के ऐतिहासिक बालाब्रूई गेस्ट हाउस को कांग्रेस सरकार द्वारा एक क्लब में बदलने की कोशिश ने कर्नाटक में विवाद पैदा कर दिया है। इस गेस्ट हाउस में कभी महात्मा गांधी रुके थे।

शनिवार को पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आप के संचार विभाग के प्रमुख ब्रिजेश कलप्पा ने शहर के मध्य में स्थित बालाब्रूई हेरिटेज गेस्ट हाउस को 'संवैधानिक क्लब' में बदलने के राज्य सरकार के फैसले की निंदा की।

उन्होंने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि उस ऐतिहासिक गेस्ट हाउस का उपयोग करना शर्म की बात है, जहां महात्मा गांधी निवास करते थे। 

यह एक ऐतिहासिक इमारत है जहां महात्मा गांधी, राष्ट्रगान लिखने वाले रवीन्द्रनाथ टैगोर, प्रथम प्रधानमंत्री और कांग्रेस आइकन जवाहरलाल नेहरू रुके थे। यह वह गेस्ट हाउस है जहां मार्क क्यूबन रुके थे। दिवंगत सीएम देवराज अरासु कई वर्षों तक यहां रहे। 

उन्होंने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण इतिहास वाले गेस्ट हाउस का उपयोग करना सही नहीं है, जहां इतने महत्वपूर्ण लोग आए हों। राज्य सरकार को ऐतिहासिक विरासत भवन को मनोरंजन क्लब में बदलने का निर्णय तुरंत छोड़ देना चाहिए। ब्रिजेश कलप्पा ने मांग की कि बालाब्रूई के संरक्षण के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए।

अगर श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीन दयाल उपाध्याय जैसे बीजेपी के सबसे बड़े नेता इस गेस्ट हाउस में कुछ दिनों के लिए रुके होते, तो क्या बीजेपी बालाब्रूई को मंदिर में नहीं बदल देती? उन्होंने कांग्रेसियों से पूछा कि वे उस गेस्ट हाउस को मौज-मस्ती और मनोरंजन का केंद्र बनाने के बारे में कैसे सोच सकते हैं, जहां कभी आपकी ही पार्टी के सबसे बड़े नेता रहा करते थे।

छोटी सी जगह में बड़ा क्लब बनाने की कोशिश अवैज्ञानिक है। उन्होंने चिंता जताई कि इस काम के लिए बहुत सारे पेड़ काटने पड़ेंगे। 

वरिष्ठ नेता व पूर्व भाजपा सांसद डॉ. वेंकटेश ने कहा कि राज्य सरकार को ऐतिहासिक स्थलों को सम्मान देने का काम करना चाहिए। विरासत को पहचान मिलनी चाहिए। ऐसी विरासत संरचनाओं को मनोरंजन क्लब में बदलने की अनुमति देना सही नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस सिलसिले में 31 अगस्त को हुई बैठक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया खुद शामिल नहीं हुए थे। पता चला है कि उन्हें ऐतिहासिक गेस्ट हाउस को मनोरंजन क्लब में बदलने पर आपत्ति है।

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