गुजरात में राजनीतिक भूचाल? मुख्यमंत्री को छोड़कर सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफा! जानिए पूरे मंत्रिमंडल का इस्तीफ़ा क्यों हुआ मंजूर?

Gujarat Cabinet Reshuffle: गुजरात में भूपेंद्र पटेल सरकार के सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की संभावना है। नए मंत्री 17 अक्टूबर को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में शपथ लेंगे। भाजपा संगठन ने अंतिम सूची तैयार कर ली है।

Update: 2025-10-16 13:24 GMT

Gujarat Cabinet Reshuffle: गुजरात में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली सरकार के सभी मंत्रियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, यह कदम मंत्रिमंडल फेरबदल की दिशा में एक बड़ा बदलाव है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल आज शाम तक राज्यपाल आचार्य देवव्रत को नई मंत्रिपरिषद की सूची सौंपेंगे, जबकि कल 17 अक्टूबर को सुबह 11:30 बजे गांधीनगर के महात्मा मंदिर में शपथ ग्रहण समारोह होगा।

नई कैबिनेट के गठन से पहले BJP में मंथन

भूपेंद्र पटेल मुंबई से गांधीनगर लौट आए हैं। इधर भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव सुनील बंसल भी गांधीनगर पहुंच चुके हैं, जहां उन्होंने प्रदेश महासचिव रत्नाकर और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। सूत्रों के अनुसार, इन बैठकों में नए मंत्रिमंडल के चेहरों पर चर्चा चल रही है। सीएम के आवास पर आज रात अहम बैठक बुलाई गई है, जिसमें वर्तमान मंत्रियों के साथ भाजपा संगठन पदाधिकारी भी शामिल होंगे।

BJP की रणनीति

गुजरात में मंत्रिमंडल का पुनर्गठन केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं माना जा रहा। इस कदम के पीछे पार्टी की 2027 विधानसभा चुनाव रणनीति और स्थानीय निकाय एवं नगर निगम चुनावों की तैयारी के तौर पर देखी जा रही है। 

सूत्रों का कहना है कि नए मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही, भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के दो से तीन विधायकों को भी मंत्रिपद मिल सकता है।

महात्मा मंदिर में होगा शपथ ग्रहण समारोह

नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार सुबह 11:30 बजे गांधीनगर के महात्मा मंदिर में होगा। राज्यपाल आचार्य देवव्रत नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। कार्यक्रम की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं और राज्य के सभी वरिष्ठ भाजपा नेता और संगठन पदाधिकारी समारोह में मौजूद रहेंगे।

क्यों हुआ अचानक मंत्रिमंडल फेरबदल?

गुजरात में पिछले कुछ हफ्तों से कैबिनेट विस्तार और पुनर्गठन को लेकर अटकलें जारी थीं। भाजपा नेतृत्व अब नए चेहरे और साफ छवि के साथ राज्य सरकार को आगामी चुनावों के लिए तैयार करना चाहता है। सूत्रों के अनुसार, इस बदलाव का मक़सद एंटी इंकम्बेंसी को करना और है।

पार्टी हाईकमान ने यह भी संकेत दिया है कि युवा विधायकों और संगठन के मेहनती चेहरों को कैबिनेट में अधिक जिम्मेदारी दी जाएगी।

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