Credit Card Bill Payment: क्रेडिट कार्ड बिल नहीं चुका पाए? अब क्या होगा, जानें पूरा समाधान
Credit Card Bill Payment: आजकल हर कोई डेबिट कार्ड के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड का भी खूब इस्तेमाल कर रहा है। क्रेडिट कार्ड यूज करने पर आपको बिल चुकाने के लिए तीन तरह के विकल्प मिलते हैं पहला मिनिमम अमाउंट, दूसरा मिनिमम से ज्यादा और तीसरा पूरा बिल अमाउंट।
Credit Card Bill Payment: आजकल हर कोई डेबिट कार्ड के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड का भी खूब इस्तेमाल कर रहा है। क्रेडिट कार्ड यूज करने पर आपको बिल चुकाने के लिए तीन तरह के विकल्प मिलते हैं पहला मिनिमम अमाउंट, दूसरा मिनिमम से ज्यादा और तीसरा पूरा बिल अमाउंट। अगर आप पूरा बिल क्लियर नहीं करते तो आपको भारी ब्याज और पेनल्टी चार्ज का सामना करना पड़ सकता है। आज जानते हैं कि ऐसे चार्ज और फीस से कैसे बचा जाए।
क्रेडिट कार्ड यूज करते वक्त चार्ज से कैसे बचें?
लोग क्रेडिट कार्ड इसलिए भी ज्यादा यूज करते हैं क्योंकि इसमें कैशबैक, रिवॉर्ड पॉइंट्स जैसे बेहतरीन फायदे मिलते हैं। साथ ही आप पहले खर्च कर सकते हैं और पेमेंट बाद में कर सकते हैं। लेकिन ज्यादातर यूजर एक गलती कर देते हैं — बिल का पूरा भुगतान नहीं करते। ऐसे में आपको बैंक की तरफ से पेनल्टी चार्ज और इंटरेस्ट देना पड़ता है।
बिल का बाकी अमाउंट कैसे बचा सकते हैं?
आमतौर पर जिस हिस्से का पेमेंट नहीं होता, वो अगले बिल साइकिल में जोड़ दिया जाता है। बची हुई राशि पर बैंक ब्याज वसूलता रहता है। हर बैंक के चार्ज अलग-अलग होते हैं और उस पर आपको 18% जीएसटी भी चुकाना पड़ता है। ये चार्ज तब तक देना होगा जब तक आप पूरा बकाया क्लियर नहीं करते।
अगर आप पूरा पेमेंट एक बार में नहीं कर सकते तो आप बचे हुए अमाउंट को दो या तीन हिस्सों में बांटकर भी चुका सकते हैं। इससे ब्याज कम वक्त तक लगेगा। लेकिन जब तक बैलेंस रहेगा, चार्ज देना ही पड़ेगा।
बैलेंस ट्रांसफर कर लें
अगर आपके ऊपर बहुत ज्यादा क्रेडिट कार्ड बकाया हो गया है तो आप बैलेंस ट्रांसफर का ऑप्शन चुन सकते हैं। मतलब आप इस अमाउंट को ऐसे बैंक या कार्ड में ट्रांसफर कर सकते हैं जहां इंटरेस्ट रेट कम लगे। लेकिन ये तभी संभव है जब आपका कार्ड या बैंक ये सुविधा देता हो। अगर ऐसा ऑप्शन नहीं है तो दूसरी योजना अपनानी होगी।
EMI में बदलें बकाया राशि
कई बैंक क्रेडिट कार्ड के बकाया अमाउंट को ईएमआई में बदलने की भी सुविधा देते हैं। अगर आपके ऊपर बड़ा अमाउंट है तो इसे किस्तों में बांटकर आप आसानी से चुका सकते हैं। हालांकि ईएमआई में कन्वर्ट करने पर प्रोसेसिंग फीस और ब्याज भी देना होता है। इसलिए पहले से इंटरेस्ट रेट और अवधि को ध्यान से चेक करें।
पर्सनल लोन लेकर चुकाएं बकाया
अगर बैलेंस ट्रांसफर और ईएमआई दोनों का ऑप्शन आपके लिए सही नहीं बैठता तो आप पर्सनल लोन ले सकते हैं। पर्सनल लोन से आप पूरा बकाया एकसाथ चुका सकते हैं और फिर लोन की ईएमआई धीरे-धीरे आराम से भर सकते हैं। ध्यान रखें पर्सनल लोन भी सोच-समझकर लें। उसकी ईएमआई आपकी कमाई पर भारी न पड़े। इस तरह आप क्रेडिट कार्ड के भारी चार्ज और पेनल्टी से खुद को बचा सकते हैं।