Bihar Politics: पटना में सियासी संग्राम! कन्हैया कुमार हिरासत में, लाठीचार्ज और वाटर कैनन से बवाल! देखें पूरी कहानी

Bihar Politics: पटना: बिहार में कांग्रेस की 'पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा के आखिरी दिन शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025 को पटना में हंगामा हो गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास का घेराव करने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई।

Update: 2025-04-11 12:29 GMT
Bihar Politics: पटना में सियासी संग्राम! कन्हैया कुमार हिरासत में, लाठीचार्ज और वाटर कैनन से बवाल! देखें पूरी कहानी
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Bihar Politics: पटना: बिहार में कांग्रेस की 'पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा के आखिरी दिन शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025 को पटना में हंगामा हो गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास का घेराव करने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर हल्का बल प्रयोग किया और यात्रा का नेतृत्व कर रहे कन्हैया कुमार समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कार्यकर्ताओं को सड़क पर घसीटे जाने की तस्वीरें सामने आई हैं, जिससे सियासी माहौल गरमा गया है।

हंगामा कैसे शुरू हुआ?

कांग्रेस की ये यात्रा बिहार में बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों को उठाने के लिए शुरू की गई थी। शुक्रवार को इसका समापन होना था। यात्रा पटना साहिब से शुरू हुई और इसका मकसद मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर मांग पत्र सौंपना था। कन्हैया कुमार के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स पार करने की कोशिश की और आगे बढ़ने की जिद की, जिसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने पानी की बौछार और लाठीचार्ज का सहारा लिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

कन्हैया कुमार को हिरासत में लिया

यात्रा का नेतृत्व कर रहे कन्हैया कुमार, जो NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी हैं, को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कन्हैया ने कहा, "हम मुख्यमंत्री से मिलकर युवाओं की मांगें रखना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने हमें रोककर हिरासत में ले लिया। अब या तो हमें CM से मिलवाया जाए, या जेल भेजा जाए। जेल से भी हम अपनी आवाज बुलंद करेंगे।" इस घटना ने बिहार की सियासत में नया बवाल खड़ा कर दिया है।

सचिन पायलट भी थे मौजूद

यात्रा के समापन के मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट भी पटना पहुंचे थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ कदमताल किया और नीतीश सरकार पर निशाना साधा। पायलट ने कहा, "बिहार में लाखों युवा बेरोजगारी और पलायन से जूझ रहे हैं। सरकार को जवाब देना होगा। ये यात्रा युवाओं की आवाज है।" हालांकि, हंगामे के दौरान वो सुरक्षित रहे और पुलिस की कार्रवाई से बचे।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

सोशल मीडिया पर इस झड़प के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। इनमें पुलिस को कांग्रेस कार्यकर्ताओं को घसीटते और हिरासत में लेते देखा जा सकता है। कुछ वीडियो में कार्यकर्ता नारे लगाते और पुलिस के खिलाफ विरोध जताते दिख रहे हैं। इन तस्वीरों ने कांग्रेस को सरकार पर हमला बोलने का मौका दिया है। पार्टी ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।

यात्रा का मकसद क्या था?

'पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा 16 मार्च को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा आश्रम से शुरू हुई थी। इसका मकसद बिहार में बढ़ती बेरोजगारी, सरकारी नौकरियों की कमी और युवाओं के पलायन को रोकने की मांग को उठाना था। कन्हैया कुमार ने इस यात्रा को युवाओं की बुलंद आवाज करार दिया था। 24 दिनों में ये यात्रा बिहार के कई जिलों से गुजरी और 11 अप्रैल को पटना में इसका समापन होना था। लेकिन मुख्यमंत्री आवास के पास हुए हंगामे ने इसकी चर्चा को और बढ़ा दिया।

सियासी तापमान बढ़ा

ये घटना बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले की सियासी गर्मी को और बढ़ा रही है। कांग्रेस इस यात्रा के जरिए युवाओं को जोड़ने और नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश कर रही थी। लेकिन पुलिस कार्रवाई ने इस मुहिम को नया रंग दे दिया है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस मुद्दे को कैसे भुनाती है और सरकार इसका जवाब कैसे देती है।

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