Aaj Ka Mausam 14 November: दिल्ली में सर्दी के साथ प्रदूषण का कहर, AQI पहुंचा गंभीर स्तर पर

Aaj Ka Mausam 14 November: दिल्ली- एनसीआर में सर्दी ने दस्तक दे दी है। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण का कहर भी बढ़ गया है। ऐसे में लोगों को कोहरे और धुंध की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।

Update: 2024-11-14 05:09 GMT

Aaj Ka Mausam 14 November: दिल्ली- एनसीआर में सर्दी ने दस्तक दे दी है। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण का कहर भी बढ़ गया है। ऐसे में लोगों को कोहरे और धुंध की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। दिल्ली की गुरुवार सुबह धुंध की घनी चादर छा गई, जिससे हवा की गुणवत्ता फिर से 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गई, जिससे निवासियों के स्वास्थ्य को काफी खतरा पैदा हो गया। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता आज अपने सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई, कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया। बुधवार को भी राष्ट्रीय राजधानी में ऐसी ही स्थिति रही, जब AQI बढ़कर 429 पर पहुंच गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, आज आनंद विहार में AQI 473, अलीपुर में 424, आया नगर में 424, अशोक विहार में 471, IGI एयरपोर्ट T3 में 436, चांदनी चौक में 405, द्वारका सेक्टर 8 में 457, जहांगीरपुरी में 470, JNS में 412, नरेला में 440 और नेहरू नगर में 462 दर्ज किया गया।

पटपड़गंज में AQI का स्तर 472, ओखला फेज 2 में 441, पंजाबी बाग में 459, आरके पुरम में 457, पूसा में 408, रोहिणी में 453, शादीपुर में 430, वजीरपुर में 467, सोनिया विहार में 448 और सिरीफोर्ट में 440 दर्ज किया गया। CPCB के अनुसार, 401-500 का गंभीर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) स्वस्थ लोगों में भी श्वसन संबंधी समस्याएँ पैदा कर सकता है, और हृदय या फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकता है।

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बेकाबू क्यों?

हर साल सर्दियों से पहले अक्टूबर-नवंबर के महीने में दिल्ली का प्रदूषण सबसे पर पहुंचत जाता है। लगातार 14 दिनों तक वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रही, जिसमें वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन का सबसे बड़ा योगदान रहा, जो प्रदूषण का 15.4 प्रतिशत था। विशेषज्ञों के अनुसार, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से स्थिति और खराब हो गई, जिससे शहर में धुंध की घनी परत छा गई।

हवा में मुख्य प्रदूषक-पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर बहुत अधिक रहा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत वायु गुणवत्ता चेतावनी प्रणाली ने चेतावनी दी है कि धीमी हवा की गति के साथ, प्रदूषकों के प्रभावी फैलाव के लिए मौसम संबंधी स्थितियाँ बेहद प्रतिकूल रहने की संभावना है।

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