8th Pay Commission: कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! इतनी बढ़ने वाली है सैलरी? जानें DA मर्जर और नई बेसिक पे का गणित!
8th Pay Commission: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) चर्चा का केंद्र बना हुआ है। खास तौर पर इसका फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ता (DA) मर्जर को लेकर कर्मचारी संगठनों में उत्साह है।
8th Pay Commission: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) चर्चा का केंद्र बना हुआ है। खास तौर पर इसका फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ता (DA) मर्जर को लेकर कर्मचारी संगठनों में उत्साह है। उम्मीद है कि यह आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होगा, जिससे करीब 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स की सैलरी और पेंशन में बड़ा बदलाव आएगा। आइए, समझते हैं कि फिटमेंट फैक्टर क्या है? 8वें वेतन आयोग में क्या हो सकता है? और आपकी सैलरी पर इसका क्या असर होगा?
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर एक गुणक (मल्टीप्लायर) है, जिसका इस्तेमाल पुरानी बेसिक सैलरी को नई सैलरी में बदलने के लिए किया जाता है। इसका फॉर्मूला है..
नई बेसिक सैलरी = पुरानी बेसिक सैलरी * फिटमेंट फैक्टर
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसने न्यूनतम बेसिक सैलरी को ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दिया था। यह गणना 125% DA को बेसिक सैलरी में मर्ज करने और अतिरिक्त बढ़ोतरी के बाद की गई थी। मिसाल के तौर पर:
- पुरानी बेसिक: 10,000
- नई बेसिक: 10,000 * 2.57 = 25,700
7वें वेतन आयोग में क्या हुआ था?
7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था। उस समय तक DA 125% तक पहुंच चुका था। सरकार ने DA को बेसिक सैलरी में मर्ज किया और फिर 14.22% की अतिरिक्त बढ़ोतरी के साथ फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया। इससे कर्मचारियों की सैलरी में करीब 23.5% की वृद्धि हुई थी। न्यूनतम पेंशन भी ₹3,500 से बढ़कर ₹9,000 हो गई थी।
8वें वेतन आयोग में क्या उम्मीद है?
8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। तब तक DA के 60-70% तक पहुंचने का अनुमान है। कुछ प्रमुख बिंदु जो सामने आ रहे हैं:
- DA का मर्जर: विशेषज्ञों का मानना है कि 60-70% DA को बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा, जैसा कि पहले के आयोगों में हुआ था।
- फिटमेंट फैक्टर: कर्मचारी संगठन, जैसे नेशनल काउंसिल-जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM), 2.86 से 3.68 तक फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं। हालांकि, पूर्व वित्त सचिव सुबाष चंद्र गर्ग जैसे विशेषज्ञों का कहना है कि 1.92 से 2.08 के बीच फिटमेंट फैक्टर ज्यादा यथार्थवादी हो सकता है।
- न्यूनतम सैलरी: वर्तमान न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 है। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो नई न्यूनतम सैलरी ₹51,480 तक हो सकती है। कुछ रिपोर्ट्स में 1.92 फिटमेंट फैक्टर के साथ ₹34,560 तक की सैलरी का भी अनुमान है।
- पेंशन में बढ़ोतरी: न्यूनतम पेंशन 9,000 से बढ़कर 25,740 (2.86 फिटमेंट फैक्टर पर) तक हो सकती है।
कर्मचारी संगठनों की मांग
NC-JCM ने जून 2025 में एक सामान्य मांगपत्र तैयार करने की योजना बनाई है, जिसमें फिटमेंट फैक्टर, न्यूनतम वेतन, भत्ते, और पेंशन लाभों पर जोर होगा। कर्मचारी संगठन 3.68 फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं, जिससे न्यूनतम सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹66,240 हो सकती है। हालांकि, सरकार की वित्तीय स्थिति और आर्थिक हालात को देखते हुए विशेषज्ञ इसे 2.8 से 3.0 के बीच मान रहे हैं।
DA मर्जर का क्या असर होगा?
DA मर्जर का मतलब है कि मौजूदा DA (जो जनवरी 2026 तक 60-70% हो सकता है) को बेसिक सैलरी में जोड़ा जाएगा। उदाहरण के तौर पर....
- अगर DA 70% है और बेसिक सैलरी 18,000 है, तो मर्जर के बाद बेसिक 30,600 हो जाएगी।
- अब अगर फिटमेंट फैक्टर 2.28 लागू होता है, तो नई सैलरी: 30,600 * 2.28 = 69,768।
- कुछ कर्मचारी संगठन मांग कर रहे हैं कि 50% DA को बेसिक में मर्ज किया जाए, जिससे बेसिक सैलरी 27,000 हो जाएगी। इसके बाद फिटमेंट फैक्टर लागू होने पर सैलरी में और बढ़ोतरी होगी।
सरकार का रुख
16 जनवरी 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। हालांकि, आयोग के सदस्यों की नियुक्ति और अंतिम सिफारिशें अभी बाकी हैं। सरकार को 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन (ILC) के प्रस्तावों, डॉ. अक्रॉयड फॉर्मूला, और आवश्यक वस्तुओं की बाजार कीमतों जैसे कारकों पर विचार करना होगा। वित्त मंत्रालय ने अभी DA मर्जर के प्रस्ताव पर कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है, लेकिन इसकी संभावना से इनकार भी नहीं किया है।
संभावित सैलरी और पेंशन का गणित
न्यूनतम सैलरी:
- फिटमेंट फैक्टर 1.92: 18,000 * 1.92 = 34,560
- फिटमेंट फैक्टर 2.28: 18,000 * 2.28 = 41,040
- फिटमेंट फैक्टर 2.86: 18,000 * 2.86 = 51,480
- फिटमेंट फैक्टर 3.68: 18,000 * 3.68 = 66,240
न्यूनतम पेंशन:
- फिटमेंट फैक्टर 2.86: 9,000 * 2.86 = 25,740
- फिटमेंट फैक्टर 3.68: 9,000 * 3.68 = 33,120
- अधिकतम सैलरी: वर्तमान अधिकतम सैलरी ₹2.5 लाख है, जो फिटमेंट फैक्टर 2.86 के साथ ₹7.15 लाख तक हो सकती है।
दूसरे लाभ
- भत्तों में बदलाव: हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA), और अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
- यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS): अप्रैल 2025 से लागू होने वाली UPS के तहत पेंशन की गणना रिटायरमेंट से पहले 12 महीनों की सैलरी के आधार पर होगी, जिससे पेंशनर्स को फायदा होगा।
- पे मैट्रिक्स: 8वां वेतन आयोग एक संशोधित पे मैट्रिक्स लाएगा, जो सैलरी और जॉब लेवल को और पारदर्शी बनाएगा।
8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ा वित्तीय बदलाव लाने वाला है। फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 3.68 के बीच हो सकता है, जिससे न्यूनतम सैलरी 34,560 से 66,240 तक हो सकती है। DA मर्जर और भत्तों में बढ़ोतरी से कर्मचारियों का टेक-होम पे 20-50% तक बढ़ सकता है। हालांकि, अंतिम फैसला सरकार की वित्तीय स्थिति, मुद्रास्फीति, और आर्थिक हालात पर निर्भर करेगा।