8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग का इंतजार ख़त्म? जानिए सरकार ने बजट में क्या कहा?
8th Pay Commission: 23 जुलाई को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में 8वें वेतन आयोग का कोई जिक्र नहीं किया।
8th Pay Commission: 23 जुलाई को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में 8वें वेतन आयोग का कोई जिक्र नहीं किया। करोड़ों सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स बेसब्री से वेतन पैनल के गठन की घोषणा का इंतजार कर रहे थे, जो उनकी बेसिक सैलरी और भत्तों के रिवीजन के लिए फिटमेंट फैक्टर और अन्य दिशानिर्देशों की सिफारिश करता है।
8वां वेतन आयोग: क्यों है महत्वपूर्ण?
आमतौर पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी को लेकर वेतन आयोग का गठन हर 10 साल में एक बार किया जाता है। आखिरी पैनल, यानी 7वां वेतन आयोग, फरवरी 2014 में गठित किया गया था और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गईं थीं। इसे देखते हुए कर्मचारियों और पेंशनर्स को उम्मीद थी कि सरकार वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में 8वें वेतन आयोग की घोषणा करेगी, जिससे 1 जनवरी 2026 तक उनके वेतन में रिवीजन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
सरकार को मिले थे प्रपोजल
बजट पेश होने से एक दिन पहले वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा को बताया कि 8वें वेतन आयोग की स्थापना का कोई प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन नहीं है। हालांकि, जून 2024 में वेतन पैनल के गठन के लिए दो अनुरोध जरूर मिले थे। राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष), संयुक्त सलाहकार मशीनरी (एनसी-जेसीएम) केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के मान्यता प्राप्त निकायों में से एक है, जिसने जून में सरकार को पत्र लिखकर 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की थी।
सरकार की संभावनाएं
एनसी-जेसीएम सचिव शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक, बजट में सरकार ने वेतन बढ़ाने या 8वें वेतन आयोग को लेकर कुछ भी नहीं कहा है। उनके अनुसार, वेतन मैट्रिक्स अभी भी रिवीजन के लिए पात्र है। मिश्रा के अनुसार, केंद्र सरकार के कर्मचारियों का वेतन मैट्रिक्स, जो उनकी बेसिक सैलरी तय करता है, 8वें वेतन आयोग की घोषणा से पहले भी रिवीजन किया जा सकता है। आम तौर पर वेतन मैट्रिक्स को वेतन आयोगों के सुझाए गए फिटमेंट फैक्टर के आधार पर रिवाइज किया जाता है, जो 10 सालों में एक बार गठित होता है। हालांकि, 7वें वेतन आयोग ने महंगाई भत्ता मूल वेतन के 50% तक पहुंचने पर कर्मचारियों के वेतन मैट्रिक्स में सिफारिश की थी।