विधायक का सामाजिक बहिष्कार की चेतावनी, सिलगेर घटना की आंच मोहला पहुंची…आदिवासी समाज ने किया आदिवासी विधायक इंद्रशाह मंडावी के घर का धेराव, सिलगेर पर न बोलने पर लोग हुए नाराज
राजनांदगांव, 30 जून 2021। बस्तर के सिलगेर गोलीकांड की आग सिलगेर से करीब चार सौ किलोमीटर दूर मोहला में कल भड़क गई। मोहला में आदिवासी समाज की ओर से कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें पुतला दहन कर नारेबाजी की गई। खबरें यह भी आई कि मंच पर भाषण के लिए पहुँचे क्षेत्रीय विधायक इंद्र शाह मंडावी से हुज्जतबाजी हुई, राज्य सरकार के आदिवासी हितों की बात कहते वक्त उनका माइक छीनने की कोशिश के साथ ही समाज का साथ न देने पर समाज से बहिष्कार करने की चेतावनी दी गई।
बताते हैं, सिलगेर घटना के बाद से आदिवासियों में खासी नाराजगी है। नक्सल प्रभावित मोहला इलाके में आदिवासी समुदाय की भीड़ इकट्ठी हुई और सिलगेर कांड को लेकर नारेबाजी की गई। कार्यक्रम को लेकर यह जानकारी आई है कि सरकार को घेरने यह योजना है कि सरकार के सभी आदिवासी विधायकों का निवास स्थल घेरा जाए, इसी तारतम्य में क्षेत्रीय विधायक इंद्र शाह मंडावी का घर घेराव का अल्टीमेटम देते हुए सभा का आयोजन था।
बताया गया है कि सभा स्थल पर खुद विधायक इंद्र शाह मंडावी पहुँचे और उन्होंने खुद को सबसे पहले मैं आदिवासी हूँ कहते हुए बात शुरु की और राज्य सरकार द्वारा आदिवासी हितों में किए जा रहे कामों का ब्यौरा देना शुरू कर दिया। उन्होंने किसानों को सरकार द्वारा दिए जाने वाली सौगातों का गिनाना शुरू कर दिया। इस पर भीड़ नाराज होकर नारेबाजी करने लगी। लोग चाहते थे आदिवासी विधायक सिलगेर घटना पर बोले। लेकिन, विधायक इसके लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने एनपीजी न्यूज से बात करते हुए बताया कि सिलगेर मामले में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है, इसलिए मैंने इस पर नहीं बोला।
खबरें हैं उपजी परिस्थितियों के दौरान विधायक से हुज्जतबाजी हुई। हालाँकि विधायक इंद्रशाह मंडावी ने किसी भी हुज्जतबाजी से इंकार किया है। उनका दावा है कि वे मंच पर गए अपनी बात रखी और फिर वहाँ से लौट गए। हालांकि, घटना का वीडियो में विधायक के भाषण के दौरान लगातार नारेबाजी साफ सुनाई पड़ रही है। शोर जब अधिक होने लगी तो विधायक ने यह कहते हुए भाषण समाप्त कर दिया कि आप लोग नहीं सुनना चाहते तो संबोधन समाप्त करता हूं। इसके बाद समाज का एक नेता मंच पर पहुंच माइक अपने हाथ में ले लिया और विधायक को खुली चेतावनी दे दी कि अगर वे समाज का साथ नहीं दिए तो उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
सिलगेर बीजापुर सुकमा इलाके में है और कोर माओवादी इलाका माना जाता है। सुरक्षा बलों ने इस इलाके में कैंप खोला जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया, पुलिस और ग्रामीणों के बीच संघर्ष में तीन ग्रामीण मारे गए। पुलिस के अनुसार सिलगेर में ग्रामीणों कीं लामबंदी के पीछे माओवादी हैं और मारे गए ग्रामीण जनमिलिशिया दस्ते के सदस्य थे जो कैंप की तरफ हिंसक तरीके से बढ़ रहे थे। इस मसले को लेकर मानवाधिकारियों ने जमकर हंगामा किया था।