लापता महिला आरक्षक वृंदावन में मिली : महिनों से लापता महिला आरक्षक अंजना सहिस वृंदावन में फूल प्रसाद की लगा रही दुकान.. लौटने से किया इंकार

Update: 2021-09-02 01:46 GMT

रायपुर,2 सितंबर 2021। मिस्ट्री गर्ल बन चुकी अंजना सहिस की गुमशुदगी का क़िस्सा आखिरकार खत्म हो गया है। जिस नाटकीय ढंग से अंजना ग़ायब हुई थी उससे हंगामा बरप गया था। निजी जीवन की वजह से चर्चाओं में रहने वाली अंजना सहिस जो कि मूलतः रायगढ़ पुलिस बल का हिस्सा थी और अटैचमेंट में पीएचक्यू रायपुर पदस्थ हुई थी, बीते क़रीब नौ महिने से ड्यूटी से गैरहाजिर थी। उसे राजेंद्र नगर पुलिस की टीम ने वृंदावन में फूल प्रसाद की टपरी लगा कर पूजन सामग्री बेचते दस्तयाब किया है। हालाँकि अंजना ने पुलिस टीम को देख वहाँ भी जमकर हंगामा किया, क़रीब साढ़े चार घंटे बाद वह बयान देने को तैयार हुई।
अंजना सहिस फंसे नौ महिने से ड्यूटी से गैरहाजिर हो लेकिन उसकी गुमशुदगी का मामला बीते 19 अगस्त को रायगढ़ में ज़ीरो में क़ायम कर डायरी को राजधानी भेजा गया था। राजेंद्र नगर पुलिस ने 21 अगस्त को क़ायमी की और 1 सितंबर को दस्तयाब कर लिया।
लेकिन 11 दिन के भीतर दस्तयाबी इतनी भी आसान नहीं थी, जिस नाटकीय ढंग से महिला आरक्षक ग़ायब हुई थी उसका पता लगाने में राजेंद्र नगर पुलिस को पूरा कस बल लगाना पड़ गया।
अंजना सहिस का मोबाईल नंबर बंद था, उसके हैंडसेट और नंबर को सर्विलांस में लिया गया। हैंडसेट कटनी में नए नंबर से चलता पाया गया। वहीं लगातार पतासाजी के दौरान अंजना सहिस का एक नया एकाउंट नंबर भी मिला, जिसकी जानकारी किसी को नहीं थी। इस एकाउंट नंबर से लगातार ट्रांजेक्शन हो रहा था। कटनी में हैंडसेट की बरामदगी एक पुजारी से हुई जिनका बेटा हरिद्वार में कर्म कांड की पढ़ाई करने गया था। पुलिस को पुजारी के बेटे ने बताया कि, यह महिला पुलिस अधिकारी ने उसे वृंदावन में बेचा था और खुद को पुलिस बताते हुए आईकार्ड दिखाया था। वहीं वह गोपनीय एकाउंट जिससे लगातार ट्रांजेक्शन जारी था, उसका ट्रांजेक्शन भी वृंदावन से ही हो रहा था।
इन सब सूचनाओं के बाद तीन सदस्यीय पुलिस टीम वृंदावन पहुँची और एटीएम समेत कई जगहों पर पतासाजी के दौरान महिला आरक्षक टपरी में पूजा सामग्री की दुकान लगाए दस्तयाब हो गई। हालाँकि उसने लौटने से साफ़ इंकार कर दिया। उसके तेवर हंगामाखेज थे, पुलिस टीम को उसे बयान देने के लिए राज़ी कराने में क़रीब चार घंटे से उपर का समय लग गया।
टीआई विशाल कुजूर ने बताया
”हमने पूरा प्रयास किया और क़रीब साढ़े चार घंटे की समझाईश के बाद वह स्थानीय थाना चल कर बयान देने को राज़ी हुई, हमारी टीम ने उसकी बात उसकी माँ से भी कराई लेकिन अंजना ने लौटने से साफ़ इंकार कर दिया.. वह वयस्क है और उसने बयान भी दिया.. वह किसी अपराध में वांछित नहीं थी, वह वयसत् है और गुमशुदगी दर्ज थी तो जो क़ानूनी औपचारिकताएं है उसे पूरा कर टीम लौट रही है”

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