Constable Saurabh Sharma News: MP के करोड़पति कॉन्स्टेबल का छत्तीसगढ़ से कनेक्शन, भाई वित्त विभाग में है अफसर, अनुकंपा नियुक्ति में की धांधली

Constable Saurabh Sharma News: मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लेकर रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं. पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का छत्तीसगढ़ से कनेक्शन सामने आ रहे हैं. सौरभ शर्मा का भाई छत्तीसगढ़ में सरकारी अफसर हैं.

Update: 2024-12-28 07:04 GMT

Constable Saurabh Sharma News: मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लेकर रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं. पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का छत्तीसगढ़ से कनेक्शन सामने आ रहे हैं. सौरभ शर्मा का भाई छत्तीसगढ़ में सरकारी अफसर हैं. इतना ही नहीं उसकी माँ ने नौकरी दिलाने के लिए फर्जीवाड़ा किया था. 

अनुकंपा नौकरी के लिए फर्जीवाड़ा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के परिवार वालों ने अनुकंपा नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़ा किया है. पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की माँ ने सरकारी के नौकरी के लिए झूठा शपथ पत्र दिया था. दरअसल, ग्वालियर के विनय नगर सेक्टर-2 निवासी सौरभ शर्मा के पिता डा. राकेश शर्मा सरकारी डॉक्टर थे. 20 नवंबर 2015 को डयूटी के दौरान उनका निधन हो गया था.

झूठा शपथ पत्र बनवाया

पिता डॉ. राकेश कुमार शर्मा के निधन के बाद सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा ने सौरभ की अनुकम्पा नियुक्ति की सोची. जिसके लिए उसने झूठा शपथ पत्र बनवाया. शपथ पत्र 12 जुलाई 2016 का है. जिसमे बताया गया कि उनके पति का निधन ही गया. उनके दो बेटे सचिन और सौरभ हैं. जिसमे से बडा बेटा सचिन शर्मा पत्नी व बच्चों के साथ पांच साल से रायपुर में रहता है। वहीं नौकरी करता है. जबकि छोटा बेटा सौरभ शर्मा माँ के साथ ग्वालियर में रहता है. उसके पास भी कोई सरकारी नौकरी नहीं है. सौरभ शर्मा माँ की दवा, खुराक का इंतजाम करता है. उसके पास आय का अच्छा साधन नहीं है. घर ने परिवार के सदस्यों में से कोई भी शासकीय एवं अर्ध शासकीय सेवा में नहीं है.  ऐसे में सरकारी दिवंगत पति राकेश शर्मा के स्थान पर छोटे बेटे सौरभ को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए.

बड़ा भाई छत्तीसगढ़ वित्त विभाग में है अफसर 

जबकि सच ये है सौरभ का बड़ा भाई सचिन शर्मा इस दौरान छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से चयनित होकर सरकारी नौकरी कर रहा था. सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ में वित्त विभाग में अफसर है. लेकिन अनुकंपा नियुक्ति का नियम है कि अगर परिवार में कोई सरकारी नौकरी में है. तो परिवार के अन्य सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल सकती है. इसके बावजूद सौरभ को मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में आरक्षक की नौकरी मिली. 

इससे पता चलता है कि दस्तावेजों में बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है. यह मामला सामने आने के बाद सौरभ की मां उमा शर्मा के शपथ पत्र जांच चल रही है. लोकायुक्त की टीम इसकी जांच में भी जुट गयी है. जिसके बाद परिवार पर क़ानूनी कार्रवाई हो सकती है. वहीँ सौरभ शर्मा के आय से अधिक संपत्ति मामले में ईडी भी जांच कर रही है. ईडी ने पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में शुक्रवार सुबह एक साथ छापेमारी की. ईडी टीम सौरभ शर्मा के विनय नगर सेक्टर 2 स्थित मकान पर पहुंची और अरेरा कॉलोनी स्थित जयपुरिया स्कूल का ऑफिस पर रेड मारी. आशंका जताई जा रही है सौरभ शर्मा के बड़े सचिन शर्मा के खिलाफ भी जांच हो सकती है. 

क्या है मामला 

सौरभ शर्मा मूल रूप से ग्वालियर का रहने वाला है. सौरभ शर्मा मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के सिपाही के पद पर तैनात था. 7 साल तक नौकरी करने के बाद वीआरएस ले लिया. इसके बाद सौरभ शर्मा कंस्ट्रक्शन लाइन में घुस गया. पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के अरेरा कॉलोनी स्थित घर और दफ्तर में गुरुवार 19 दिसंबर को लोकायुक्त और इनकम टैक्स की टीम ने छापेमारी की थी. छापेमारी में अब तक 234 किलो चांदी मिली है, जिसकी कीमत 2 करोड़ 10 लाख रुपये है. 50 लाख का सोना भी मिला है. चांदी-सोने -हीरे की अंगूठियां , 17 लाख की ब्रान्डेड घड़ियां, 15 लाख की लेडीज़ पर्स मिली है. इतना ही नहीं 3 करोड़ रुपए की नगदी भी सौरभ के घर से मिली. उसके घर से लोकयुक्त को 4 एसयूवी भी मिली. वहीं सौरभ शर्मा के पार्टनर चेतन गोरा के कार से 15 करोड़ कैश और दो बैग में 52 किलो सोने की ईंट और बिस्कुट बरामद किया गया है. इस सोने की कीमत करीब 45 करोड़ रुपये बताई जा रही है. 

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