Ashvin Mah Khanpan : क्वांर में ये न खाये वरना पड़ जायेंगे सेहत को लेने के देने, आइये जाने ऋतुचर्या अनुसार खानपान
Ashvin Mah Khanpan : क्वांर माह देख समझकर रखें खानपान, करेला जहर, गुड़ सेहत का खजाना
Kvar Mah Khanpan : क्वांर एक ऐसा माह होता है जिस महीने गर्मी बारिश और ठण्ड तीनों का एक साथ अनुभव होता है. क्वांर का महीना अंग्रेजी माह के अनुसार सितम्बर-अक्टूबर के बीच आता है. ऐसे मौसम में हमें अपने रहन सहन और खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है. 8 सितंबर 2025 दिन सोमवार से हो गया है, जो 7 अक्टूबर 2025 दिन मंगलवार तक रहेगा. इस महत्वपूर्ण अवधि में अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए हमें अपने आहार-विहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
भारतीय परंपरा में ऋतुचर्या यानी ऋतु के अनुसार आहार-विहार करने की प्राचीन परंपरा रही है. इससे हमें अनेकों फायदें होते है. अगर हम मौसम के अनुरूप अपना खान पान नहीं रखते हैं तो फिर सेहत के लेने के देने पड़ जाते है.
आश्विन या क्वांर मास में आयुर्वेदानुसार, इसके कारण शरीर में पित्त दोष का प्रकोप होता है, जिससे पित्त जनित रोग और त्वचा संबंधी समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में हमें पित्त शामक खाद्य पदार्थों एवं मधुर (मीठे) तथा तिक्त (हल्के कड़वे) रस वाले, हल्के और ठंडे गुणों से युक्त आहार का सेवन करना चाहिए. वहीं पित्तवर्धक खाद्य पदार्थों और कड़वे, कसैले रसयुक्त आहार से परहेज करना बेहद जरूरी है.
करेले का सेवन वर्जित और गुड़ हितकारी
आयुर्वेद के अनुसार इस माह में करेले का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं. इसके विपरीत गुड़ का सेवन इस माह में बेहद लाभकारी होगा. हमारे छत्तीसगढ़ में एक पुरानी लोकोक्ति भी प्रचलित है, ‘क्वांर करेला कार्तिक महि, मरही नहीं त परही सही.’ इसका अर्थ है कि आश्विन (क्वांर) मास में करेला खाने वाला और कार्तिक मास में छाछ (महि) का सेवन करने वाला व्यक्ति मरेगा नहीं, तो बीमार जरूर पड़ेगा. यह लोक मान्यता आयुर्वेद के सिद्धांतों से पूरी तरह मेल खाती है.
क्या खाना चाहिए ?
इस माह में गुड़ का सेवन विशेष रूप से लाभप्रद है. अनाजों में जौ, ज्वार और चावल को प्राथमिकता दें. दालों में मूंग, मोठ, तुअर, मसूर और चना दाल उपयुक्त रहेगी. मौसमी फलों में मौसंबी, अन्नान्नास, बरसाती तरबूज, सफेद अनार, सीताफल और नारियल का सेवन करें. सब्जियों में परवल, तोरई, लौकी, कद्दू, पुदीना और चौलाई को आहार में शामिल करें. मसालों में काली मिर्च, हल्दी, जीरा, सूखा धनिया, मीठा नीम, इलायची और पतली दालचीनी का उपयोग लाभकारी होगा.
वैज्ञानिक भी मानते हैं कि मौसम विशेष में शारीरिक रासायनिक क्रियायें बदल जाया करती हैं. इसलिए मौसम के हिसाब से लोगों को अपने खान-पान में बदलाव करना चाहिए. आखिर कवणार में गुड़ ही क्यों खाना चाहिए आइए जानते हैं.
- - जोड़ों के दर्द से ज्यादातर लोग परेशान होते हैं. ऐसे में उन्हें गुड़ के साथ अदरक का टुकड़ा खाना चाहिए. गुड़ में कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है हड्डियों को मजबूत बनाता है.
- - जिन लोगों का हीमोग्लोबिन कम होता है उन्हें रोजाना गुड़ खाने से फायदा हो सकता है. इसलिए डॉक्टर प्रेग्नेंट महिलाओं को गुड़ खाने की सलाह देते हैं. बच्चे के जन्म के बाद प्रसूता को गुड़ के लड्डू खिलाए जाते हैं. एनिमिया के मरीजों के लिए गुड़ फायदेमंद माना जाता है.
- - ब्लड प्रेशर की समस्या झेल रहे लोगों के लिए गुड़ किसी रामबाण दवा से कम नहीं हो सकता. हाई बीपी के मरीजों को भी डॉक्टर गुड़ खाने की सलाह देते हैं.
- - प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बचाने में भी गुड़ काफी असरदार माना जाता है. बहुत ज्यादा धूल भरे माहौल में रहने वाले लोगों को रोजाना 100 ग्राम गुड़ जरूर खाना चाहिए. इससे प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है.
- - शरीर की कमजोरी दूर करने वाले लोगों को रोजाना 50 ग्राम गुड़ का सेवन करना चाहिए. गुड़ को दूध के साथ लेना बेहतर है. अगर दूध पसंद नहीं है तो फिर एक कप पानी में 5 ग्राम गुड़, थोड़ा-सा नींबू का रस और चुटकीभर काला नमक मिलाकर पीने से थकान उतर जाती है और शरीर में स्फूर्ति आती है.
- - अगर किसी को ज्यादा दिनों से सूखी खांसी चल रही है तो उसे गुड़ खाना चाहिए. खांसी की शिकायत हो तो चीनी की बजाय गुड़ खाना फायदेमंद माना जाता है. गुड़ को अदरक के साथ गर्म कर खाने से गले की खराश और जलन में राहत मिलती है.
- - गुड़ खाने से मूड भी अच्छा बना रहता है. माइग्रेन की शिकायत है तो गुड़ का सेवन करना लाभकारी हो सकता है. नियमित रूप से गुड़ खाने से दिमाग मजबूत बना रहता है और याद्दाश्त भी बढ़ती है.
- - जिन लोगों की नजर कमजोर है या किसी आंखों को लेकर किसी भी प्रकार भी समस्या है तो ऐसे लोगों को गुड़ खाना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि गुड़ खाने से आंखों की कमजोरी दूर होती है. गुड़ खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है.
- - जिन लोगों को कब्ज, गैस या एसिडिटी की समस्या होती है उन्हें गुड़ जरूर खाना चाहिए. अगर खट्टी डकार आए तो ऐसे में गुड़, सेंधा नमक और काला नमक मिलाकर खाने से आराम मिलता है. यह नुस्खा आजमाने से पाचन शक्ति बढ़ती और भूख लगती है.
- - सर्दी-जुकाम से राहत दिलाने में गुड़ असरकारक हो सकता है. सर्द मौसम में काली मिर्च में और अदरकर व गुड़ मिलाकर खाने से सर्दी-जुकाम से आराम मिलता है.