जन्माष्टमी आज, मथुरा-वृंदावन में जन्म की तैयारियां पूरी…पढ़िए कैसे और कितने बजे करनी है पूजा….

Update: 2020-08-12 03:23 GMT

 

रायपुर 12 अगस्त 2020।श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए बड़ा त्यौहार है. इसे लेकर साल भर इंतजार होता है और जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है. खासतौर से मथुरा और द्वारिका नगरी में जन्माष्टमी की रौनक ही अलग होती है. हालांकि पिछले दो वर्षों से लोगों को इस बात को लेकर असमंजस ज्यादा होता है कि जन्माष्टमी की असल तारीख क्या हो. इस बार भी जन्माष्टमी का त्यौहार कुछ लोगों ने 11 अगस्त को ही मना लिया लेकिन मथुरा-वृंदावन और वैष्णव संप्रदाय के लोग 12 अगस्त यानि आज जन्माष्टमी मना रहे हैं.

क्यों हो जाता है तिथियों का भ्रम
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के योग में हुआ था. इस बार यह तिथि और नक्षत्र एक ही दिन पर नहीं है. तिथि और नक्षत्र का ये योग 2 दिन बन रहा है. 12 अगस्त यानी मंगलवार को अष्टमी तिथि पूरे दिन और रातभर रहने वाली है. ऐसे में ज्योतिषाचार्य दयानंद शास्त्री के मुताबिक 12 अगस्त 2020 की रात में जन्माष्टमी का पर्व मनाना शुभ रहेगा. इसी दिन श्रीकृष्ण के लिए व्रत उपवास और पूजा पाठ करना भी उचित होगा. अष्टमी तिथि 12 अगस्त 2020 को सुबह यानी सूर्योदय काल में रहेगी, लेकिन सुबह आठ बजे से ही तिथि में बदलाव हो जाएगा. 12 अगस्त का दिन अष्टमी और नवमी तिथि से युक्त रहेगा.

जान लीजिए पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचर्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार, 12 अगस्त को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है. जन्माष्टमी पर राहुकाल दोपहर 12:27 बजे से 02:06 बजे तक रहेगा. जन्माष्टमी पर कृतिका नक्षत्र रहेगा. उसके बाद रोहिणी नक्षत्र रहेगा जो 13 अगस्त तक रहेगा. पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है. वैदिक या हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में ही मनाई जाती है.

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