USA News Hindi: अमेरिका में भारतीय नागरिक ने किया इन कंपनियों से बड़ा घोटाला, कोर्ट ने माना दोषी

USA News Hindi: अमेरिका (America) में एक भारतीय (Indian) को टेलीफोन प्रोवाइडर (Telephone Provider) और इंश्योरेंस कंपनी (insurance company) से ठगी के मामले में दोषी पाया गया है।

Update: 2024-06-08 05:09 GMT

USA News Hindi: अमेरिका (America) में एक भारतीय (Indian) को टेलीफोन प्रोवाइडर (Telephone Provider) और इंश्योरेंस कंपनी (insurance company) से ठगी के मामले में दोषी पाया गया है। 36 वर्षीय संदीप बेंगारा ने फर्जी पहचान के जरिए इस पूरे स्कैम (Scam) को अंजाम दिया।

कैसे किया संदीप बेंगारा ने घोटाला?

संदीप बेंगारा ने फर्जी दस्तावेज़ों का उपयोग करके सेल्युलर डिवाइसेस के रिप्लेसमेंट क्लेम किए। बाद में, वह इन डिवाइसेस को अमेरिका के बाहर बेच देता था। न्यू जर्सी अटॉर्नी ऑफिस द्वारा जारी प्रेस रिलीज में यह जानकारी दी गई है। न्यूर्क के रहने वाले संदीप को फेडरल कोर्ट ने इस मामले में दोषी पाया है।

कोर्ट दस्तावेजों में संदीप बेंगारा के कई नाम बताए गए हैं, जैसे विशाल रावल, विहान सेठ और सागर शर्मा। जून 2013 से जून 2019 के बीच, संदीप ने यूएस मेल सिस्टम और थर्ड पार्टी कैरियर का इस्तेमाल करके सेल्युलर फोन प्रोवाइडर और इंश्योरेंस कंपनियों के साथ फ्रॉड किया। संदीप और उसके साथी चोरी या फिर फर्जी ID का उपयोग करके खोए हुए, चोरी हुए और डैमेज हुए सेल फोन और अन्य डिवाइसेस के रिप्लेसमेंट के लिए फर्जी क्लेम फाइल करते थे।

संदीप और उसके सहयोगियों ने एक पूरा नेटवर्क तैयार किया था। इस नेटवर्क के तहत फर्जी डिवाइस रिप्लेसमेंट का क्लेम किया जाता था। इसके लिए कुछ मेलबॉक्स और स्टोरेज यूनिट्स का एक नेटवर्क तैयार किया गया था। इन साइट्स पर रिप्लेसमेंट वाला डिवाइस बेचने से पहले रखा जाता था। बाद में इन डिवाइसेस को अमेरिका के बाहर बेच दिया जाता था।

कितनी होगी सजा?

कोर्ट दस्तावेजों के अनुसार, संदीप ने 90 लाख डॉलर (लगभग 750 करोड़ रुपये) के सेल्युलर डिवाइसेस का फ्रॉड किया है, जिन्हें बाद में अमेरिका के बाहर बेच दिया गया है। मेल फ्रॉड के मामले में संदीप को 20 साल तक की जेल हो सकती है और 2.5 लाख डॉलर का फाइन लगाया जा सकता है। चोरी के सामान को बेचने के आरोप में उसे 5 साल की अधिकतम जेल और 2.5 लाख डॉलर का फाइन लग सकता है। संदीप बेंगारा को सजा 10 अक्टूबर 2024 को सुनाई जाएगी।

यह मामला बताता है कि किस तरह तकनीकी और फर्जी दस्तावेज़ों का दुरुपयोग करके बड़े स्तर पर फ्रॉड किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में सरकार और संबंधित एजेंसियों को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके।

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