Taliban FM India Visit: भारत आ रहे तालिबान के विदेश मंत्री मुत्तकी! जयशंकर से मुलाकात तय, पाकिस्तान को बड़ा झटका? जानिए क्या है इस के कूटनीतिक मायने

Taliban Taliban Relation: अफगानिस्तान में 2021 में तालिबान शासन की वापसी के बाद पहली बार तालिबान सरकार का कोई बड़ा नेता भारत आ रहा है। तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी 10 अक्टूबर को भारत दौरे पर आ सकते हैं।

Update: 2025-10-03 11:04 GMT

Taliban FM India Visit: भारत आ रहे तालिबान के विदेश मंत्री मुत्तकी! जयशंकर से मुलाकात तय, पाकिस्तान को बड़ा झटका?

Taliban Taliban Relation: अफगानिस्तान में 2021 में तालिबान शासन की वापसी के बाद पहली बार तालिबान सरकार का कोई बड़ा नेता भारत आ रहा है। तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी 10 अक्टूबर को भारत दौरे पर आ सकते हैं। उनकी मुलाकात विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत कई अहम नेताओं से होगी। इस विज़िट को भारत-तालिबान रिश्तों में ऐतिहासिक और रणनीतिक मोड़ माना जा रहा है।

UNSC से मिली यात्रा की मंजूरी
आपको बता दें कि मुत्तकी का नाम UNSC प्रस्ताव 1988 (तालिबान प्रतिबंध सूची) में शामिल है, इसलिए उन्हें विदेश यात्रा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अनुमति लेनी पड़ी। अब UNSC ने उन्हें 9 से 16 अक्टूबर तक भारत यात्रा की अनुमति दे दी है।
भारत क्यों दे रहा है तवज्जो?
भारत की सबसे बड़ी चिंता आतंकवाद और सुरक्षा को लेकर है। नई दिल्ली यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अफगान जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए न हो। इसके साथ ही भारत अफगानिस्तान में अपने 3 अरब डॉलर से अधिक के निवेश को भी सुरक्षित करना चाहता है। संसद भवन से लेकर सड़कों और बांधों तक कई प्रोजेक्ट भारत ने वहां पूरे किए हैं।
ग्लोबल कूटनीति की पृष्ठभूमि
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अफगानिस्तान को लेकर कई वैश्विक घटनाक्रम चल रहे हैं। पाकिस्तान और तालिबान सरकार के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। चीन अफगानिस्तान में खनन और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रहा है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान को बगराम एयरबेस को लेकर चेतावनी दी है। रूस पहले से ही तालिबान के साथ नज़दीकी बढ़ा चुका है। इन सबके बीच भारत के लिए मुत्तकी का दौरा रणनीतिक नज़रिया से अहम माना जा रहा है।
पाकिस्तान फैक्टर
इस यात्रा का पाकिस्तान कनेक्शन भी बड़ा है। हाल ही में पाकिस्तान ने 80,000 से ज्यादा अफगान शरणार्थियों को जबरन वापस भेज दिया। इससे तालिबान और पाकिस्तान के रिश्ते बिगड़ गए हैं। जानकारों का मानना है कि नई दिल्ली में मुत्तकी की मौजूदगी काबुल की विदेश नीति में डाइवर्सिटी देने और पाकिस्तान पर निर्भरता घटाने का इशारा दिया है।
भारत-तालिबान बातचीत का सफर
2021 के बाद से भारत और तालिबान के बीच कई स्तरों पर बातचीत हुई है।
अगस्त 2021 में कतर के दोहा में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान प्रतिनिधियों से मुलाकात की।
जून 2022 में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव जेपी सिंह ने तालिबानी नेताओं से मुलाकात की।
इसी साल जनवरी में दुबई में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मुत्तकी से बातचीत की।
मई 2025 में विदेश मंत्री जयशंकर ने मुत्तकी से फोन पर बात की।

भारत का अफगानिस्तान में बड़ा आर्थिक और रणनीतिक हित है। तालिबान शासन से सीधा संवाद भारत को सुरक्षा और निवेश दोनों मामलों में लाभ पहुंचा सकता है। साथ ही, पाकिस्तान पर निर्भरता घटाकर काबुल के साथ भारत की एंगेजमेंट दक्षिण एशिया की भू-राजनीति को नए सिरे से गढ़ सकती है।
Tags:    

Similar News