नौ बरसों में सेना के 1436 जवानों ने की ख़ुदकुशी..सर्वाधिक ख़ुदकुशी के मामले थल सेना में दूसरे नंबर पर वायुसेना

Update: 2020-09-16 23:01 GMT

नई दिल्ली,17 सितंबर 2020। देश की सेना के तीनों अंगों सेना वायु सेना और नौ सेना में आत्महत्या के मामलों का आँकड़ा चौंकाने वाला है। ख़ुदकुशी का यह आँकड़ा नौ बरसों का सार्वजनिक किया गया है, जिसमें सेना के तीनों अंगों को मिला कर कुल 1436 जवानों ने ख़ुदकुशी की है। इसमें सबसे ज़्यादा संख्या सेना याने थल सेना की है जिसके 901 जवानों ने ख़ुदकुशी की है। सबसे कम ख़ुदकुशी के मामले नौ सेना में दर्ज किए गए हैं, हालाँकि तब भी यह आँकड़ा चालीस पहुँच रहा है।
हालाँकि सरकार ने इसके कारणों में जो गिनती बताई है उसमें नीजि समस्या, वैवाहिक मतभेद तनाव और वित्तीय समस्याओं का ज़िक्र किया गया है। लेकिन इसके अलावा एक शब्द का और इस्तमाल किया गया है और वो शब्द है “अन्य बातों के साथ साथ”अब ये अन्य बातें क्या है इसका ब्यौरा उपलब्ध नहीं है।पर जैसे ही सरकार के उस हिस्से को देखते हैं जिसमें सरकार की ओर से इस मसले पर कदम उठाए जाने का हवाला है तो संकेत मिलता है कि आखिर “अन्य बातों के साथ साथ”
इस पंक्ति का आख़िर अर्थ क्या लिया जाना चाहिए।
सरकार ने आत्महत्या के चिंताजनक आँकड़ों के बाद जो राहत के रुप में कदम उठाए हैं उनमें प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक परामर्शदाताओं की तैनाती,भोजन और कपड़ों की गुणवत्ता में सुधार,तनाव प्रबंधन में प्रशिक्षण,मनोरंजन संबंधी सुविधा का प्रावधान, बडी सिस्टम,छुट्टी रियायतें, वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुँच की सुगमता,सीमावर्ती क्षेत्रों से सैनिकों की आवाजाही संबंधी सुविधाएं और विभिन्न स्तरों पर शिकायत निपटान तंत्र की स्थापना शामिल हैं।
अब जो सरकार ने ही राहत के कदम उठाए हैं उन्हें पढ़ कर साफ संकेत मिलता है कि कितने मसले जवानों के ड्यूटी से संबंधित है, हालाँकि सरकार कहीं पर भी इसे साफ़ साफ़ कहती नहीं दिखती।
आँकड़ों पर जाएँ तो वर्ष 2010 से 2019 के बीच भारतीय वायुसेना के 182, भारतीय नौ सेना के 40 और सेना जिसे थल सेना भी कहा जाता है के 901 जवानों ने ख़ुदकुशी की।

Tags:    

Similar News