IAS पर नसबंदी मामले में गाज : नसबंदी नहीं तो बर्खास्तगी व पेमेंट बंद जैसे अजीबोगरीब फरमान जारी करने वाली IAS हटायी गयी…. राज्य सरकार ने मंत्रालय किया अटैच…. देश भर में फजीहत के बाद आदेश भी सरकार ने लिया वापस ….

Update: 2020-02-21 09:48 GMT

भोपाल 21 फरवरी 2020। नसबंदी नहीं तो नौकरी नहीं का अजीबोगरीब फरमान जारी करने वाली IAS पर राज्य सरकार की गाज गिरी है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग की मिशन संचालक छवि भारद्वाज को हटा दिया है। छवि भारद्वार को मंत्रालय अटैच करते हुए उन्हें OSD बनाया गया है। इससे पहले देश भर में आदेश की वजह से फजीहत होने के बाद राज्य सरकार ने नसबंदी की अनिवार्यता वाला आदेश वापस ले लिया था।

सरकार का कर्मचारियों के लिए अजीबोगरीब फरमान….. नसबंदी कराओ, वरना नौकरी से होगी छुट्टी…,सैलरी पर भी तलवार…. आदेश पर मचा हंगामा…. पढ़िये आदेश में क्या कुछ लिखा है

आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने राज्य के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को आदेश दिया था कि परिवार में कम से कम एक सदस्य की नसबंदी कराओ वरना उनको वीआरएस दिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को पुरूष नसबंदी के लक्ष्य पूरा ना करने पर में वेतन में कटौती और अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का आदेश दिया था. इस आदेश की पूरे देश भर में आलोचना हो रही थी। टारगेट पूरा ना करने पर ”नो पे, नो वर्क” के आधार और वेतन ना देने के परिवार नियोजन कार्यक्रम में कर्मचारियों के लिये पांच से दस पुरूषों की नसबंदी कराना अनिवार्य किया गया था।

छवि भारद्वाज 2008 बैच की आईएएस अफसर हैं और कई जिलों की कलेक्टर रह चुकी हैं। इस पूरे मामले में राज्य सरकार ने गलती का ठिकरा आईएएस छवि पर ही फोड़ा है। खुद स्वास्थ्य मंत्री ने अफसरों को इस गलती के लिए जिम्मेदार बताया था। स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने इस मामले में समीक्षा की बात कही थी, साथ ही कार्रवाई की बात भी कही गया थी, लेकिन इतनी तेज रफ्तार से कार्रवाई होगी, इसकी उम्मीद नहीं थी। आपको बता दें कि खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ इस आदेश के बाद से नाराज बताये जा रहें।

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