वीर मुद्रा में मां...साल में सिर्फ दो बार आठों हाथ में शस्त्रों से सज्जित होकर दर्शन देती है मां समलेश्वरी...

Update: 2021-10-14 13:16 GMT

रायपुर, 14 अक्टूबर 2021। राजधानी में पुरानी बस्ती स्थित मां समलेश्वरी साल में दो बार वीर मुद्रा में आठों हाथ में शस्त्रों से सज्जित होकर दर्शन देती हैं। शारदीय नवरात्रि पर्व की आज नवमी तिथि गुरुवार को मातेश्‍वरी का 'वीर मुद्रा' में भव्‍य शस्‍त्र श्रृंगार किया गया। आठों हाथों में शस्‍त्र धारण के साथ ही आर्कषक व दुर्लभ दर्शनीय श्रृंगार है। पंडित मनोज शुक्ला के मुताबिक यह शस्त्र श्रृंगार पूरे वर्ष भर में मात्र 2 बार ही नवरात्रि पर्व में ज्योति विसर्जन के दूसरे दिन अर्थात कन्या पूजन राजभोग वाले दिन ही किया जाता है। प्राचीन परम्परा के अनुसार महामाया मन्दिर में ज्योति विसर्जन के बाद ही कन्या पूजन किया जाता है। कन्या पूजन के समय मन्दिर परिसर में जितनी भी संख्या में कन्या और भैरव रूप में छोटे बच्चे उपस्थित रहते हैं, सभी का विधि विधान से पूजा करके भोजन कराया जाता है। इसके बाद मध्याह्न की आरती होती है, जो कि नवरात्रि पर्व के सम्पन्न होने वाली मध्याह्न महाआरती रहती है। इसके पश्चात माता को राजभोग लगता है। 9 दिन पर्यन्त केवल मध्याह्न में फलाहारी भोग ही लगता है, लेकिन आज से माता को सभी प्रकार के षडरस व्यंजन का भोग लगेगा। फिर 9 दिन रात तक लगातार खुला रहने वाला मन्दिर कुछ समय विश्राम के लिए बन्द कर दिया जाता है। इस तरह से आश्विन पर्व की नवरात्रि सम्पन्न हो जाएगा।

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