Home Remedies For Conjunctivitis: कंजंक्टिवाइटिस यानी आँख आ जाने पर अपनाइये ये घरेलू उपाय, जल्द मिलेगी राहत...

Update: 2023-07-22 10:01 GMT

Home Remedies For Conjunctivitis: मुंबई I बारिश का मौसम, नमी और उमस की वजह से कंजंक्टिवाइटिस फैलने लगा है। जिसे आम बोलचाल की भाषा में हम 'आँख आना ' कहते हैं। आँखों की लालिमा, चुभन और बार-बार चिपचिपे होने से समझ आता है कि आँख आ गई है। ये एक बेहद तकलीफदेह स्थिति होती है। चुभन और खुजली के कारण बार-बार हाथ आँखों की तरफ जाता है। खुजा लेने से समस्या और बढ़ती है। वहीं संक्रमित द्वारा इन्हीं हाथों से नल, स्विच, रेलिंग वगैरह छू लेने से दूसरे व्यक्ति के भी इससे संक्रमित होने की संभावना होती है। क्योंकि ये एक से दूसरे में फैलने वाली बीमारी है। इसलिए पीड़ित को अपने साथ दूसरों को भी बचाने के लिए एहतियात बरतने की ज़रूरत होती है। यहां हम आपको ज़रूरी सावधानियां और कंजंक्टिवाइटिस हो जाने पर राहत के लिए घरेलू उपाय बताएंगे...

० क्यों हो जाता है कंजंक्टिवाइटिस?

कंजंक्टिवाइटिस प्राय- एलर्जी या संक्रमण के द्वारा होता है। यह संक्रमण वायरल और बैक्टिरीयल दोनों प्रकार से हो सकता है।

वायरल कंजक्टिवाइटिस- यह आमतौर पर जुकाम से जुड़े संक्रामक वायरस के कारण होता है। यह ऐसे किसी व्यक्ति के खाँसी या छींकने के संपर्क से हो सकता है। इसमें कंजंक्टिवाइटिस के अन्य लक्षणों के साथ ठंड, फ्लू या अन्य श्वसन संक्रमण के लक्षण भी हो सकते हैं। आमतौर पर यह एक आँख से शुरु होता है और कुछ दिनों में दूसरी आँख में भी फैल सकता है।

बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस - यह बैक्टीरिया के कारण होता है। आमतौर पर बच्चे इसकी जद मे आते हैं। लगातार आंख में बाल गड़ने जैसी चुभन होती है। सुबह उठो तो पलकें आपस में चिपकी मिलती है। तेज खुजली होती है। आँख में खूब कीचड़ आता है। दर्द भी खूब होता है। यह भी एक या दोनों आँखों मेंहो सकता है। इसके अलावा एलर्जिक और गोनोकोकल कंजंक्टिवाइटिस भी होते हैं लेकिन ये अपेक्षाकृत कम होते हैं।

० कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण

एक या दोनों आँखों में फैली लालिमा, तेज चुभन,खुजली, दर्द, सूजन, चिपचिपापन, पीला सा द्रव बहना आदि कंजंक्टिवाइटिस के मुख्य लक्षण हैं।

० आँख आ जाए तो राहत के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय

1. ताजा धनिया लेकर उसे पानी में उबाल लें। अब इस पानी को छानकर ठंडा कर लें और इस पानी से आँखों को धोएं। इससे आँखों की लालिमा, दर्द और सूजन ठीक होती है।

2. एक कफ साफ पानी में 2 चम्मच सेब का सिरका मिलाएं। रूई की सहायता से इस पानी से आँखों को साफ करें।

3. गुलाब जल से आँखों को धोएं।

4. ताजे एलोवेरा से जेल निकाल कर साफ पानी में अच्छी प्रकार मिला लें और ड्रापर की सहायता से आँखों पर डालें। दिन में 3-4 बार इसका प्रयोग करें।

5. फिटकरी के एक ढेले को पानी में डूबोकर ढेले पर लगे पानी को आँखों में बूंद-बूंद कर टपकाएँँ इससे जल्दी ही फायदा होगा।

6. हल्दी पाउडर को दो मिनट के लिए सूखा भून लें। अब इसे एक ग्लास पानी में घोल लें। इस पानी में काॅटन बाल को भिगोकर आँख साफ करें।

7. टी बैग को भिगोकर दस मिनट के लिए आँखों पर लगाकर रखें। इसका प्रयोग कुछ घंटो के अन्तर में दिन में दो-तीन बार करें।

8. गर्म सिंकाई का प्रयोग करें।या तो हल्का गर्म कपड़ा लेकर आँखों पर रखें। बहुत राहत महसूस होगी। आप सिंकाई के लिए गुलाब, लेवेण्डर जैसे तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे गर्म तेल में कपड़े को डुबोएं और फिर उसे आँखों के ऊपर ठण्डा होने तक रहने दें। इसे दिन में कम से कम 2-3 बार करें।

9. एक चौथाई चम्मच शहद, एक चौथाई कप साफ पानी और एक चुटकी नमक लें। अच्छे से मिक्स करें। इस पानी की एक से दो बूंदे ड्रापर की सहायता से आँखों में डालें।

10. गुनगुने दूध में शहद के अच्छी प्रकार मिलाएँ और ड्रॉपर की सहायता से 2-3 बूंद आँखों में डालें।

० ऐसा हो आहार

1. स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ, प्रोसेस्ड और जंक फूड, मसालों और चीनी से परहेज़ करें।

2. आप शहद के साथ आंवले के रस को भी ले सकते हैं जो कि विटामिन सी से भरपूर होता है और इसमें बैक्टीरिया को मारने की क्षमता होती है।

3. अपने आहार में विटामिन ए, विटामिन बी2 और विटामिन सी से युक्त पदार्थों को शामिल करें। दूध से बने खाद्द पदार्थ,टमाटर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, आम और पपीता, बादाम और केले का सेवन करें। विटामिन सी के लिए खट्टे फलों का सेवन करें।

4. आंवले का रस निकाल लें। इसे एक ग्लास पानी में घोलकर सुबह-शाम पिएं।

5. गाजर और पालक का रस निकालकर साफ पानी में घोलकर पिएं।

6. एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर फलों और सब्जियों को खाना चाहिए।

० ज़रूरी सावधानियां अगर आपके आसपास कंजंक्टिवाइटिस फैल रहा है तो आपको विशेष रूप से सतर्क रहने की ज़रूरत है। इन बातों का ध्यान रखें-

1. भीड़ भाड़ वाली जगह से आने के बाद हाथों को अच्छी प्रकार धोएँ।साफ-सफाई का ध्यान रखें।

2. नल, दरवाजे के हैंडल, स्विच, रेलिंग आदि ऐसे सरफेस जिन्हें आमतौर पर ज्यादा छुआ जाता है, उनपर सैनेटाइज़र का स्प्रे करने के बाद ही छुएं। और यदि पहले छू लिया है तो हाथ धो लें या सैनेटाइज़ करे। उससे पहले हाथ को अपनी आँख पर न लगने दें।

3. अन्य व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किया हुआ तौलिया, रूमाल या अन्य चीजों का उपयोग न करें। घर में संक्रमित हो तो अपेक्षित दूरी रखें। उसके उपयोग की चादर, तौलिया, टिशूज़ वगैरह अलग रखें।

4. संक्रमित क्षेत्र के स्वीमिंग पूल में न जाएं। अन्य जगह स्विमिंग करने पर स्विमिंग वाले चश्मे लगाएं।

5. खांसने या छींकने पर अपने नाक और मुंह को कवर करें। आँखों को छुएं या रगड़े नहीं।

6. अपने कॉन्टैक्ट लेंस किसी को इस्तेमाल न करने दें।नहाते या स्विमिंग करते समय कॉन्टैक्ट लेंस निकाल लें। वर्ना बैक्टीरिया के आंख और लैंस के बीच फंसे रह जाने का खतरा है।

7. मौसमी एलर्जी के शिकार होते हैं तो पहले से अपने डाॅक्टर से इस बारे में सलाह ले लें।

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