कर्मचारियों की अच्छी खबर : कर्मचारियों को भी मिलेगा एलटीसी कैश वाउचर स्कीम का फायदा…..सरकारी व निजी कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ…. इस गणित के जरिये समझिये छूट कैसे मिलेगा

Update: 2020-10-30 01:51 GMT

नयी दिल्ली 30 अक्टूबर 2020। मोदी सरकार ने आज एक बड़ा फैसला किया है, जिससे निजी कंपनियों और तमाम राज्य सरकारों के कर्मचारियों को भी फायदा होगा, जो एलटीसी कैश वाउचर स्कीम में कवर नहीं थे। आयकर विभाग ने कहा है कि अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) नकद वाउचर योजना के आयकर छूट का लाभ राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी मिलेगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार के अलावा अन्य कर्मचारियों को मान्य एलटीसी के रूप में दोनों तरफ के किराये पर प्रति व्यक्ति अधिकतम 36,000 रुपये नकद भत्ते के भुगतान पर आयकर छूट का लाभ मिलेगा। यह छूट कुछ शर्तों को पूरा करने पर मिलेगी। आज सीबीडीटी ने कहा है कि निजी कंपनियों और तमाम राज्य सरकारों के कर्मचारियों को भी मान्य एलटीसी फेयर के भुगतान पर आयकर में छूट देने का फैसला किया गया है, जैसा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए किया गया था। इसके अनुसार अधिकतम 36 हजार रुपये पर आयकर में छूट दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होगा।

सीबीडीटी ने कहा कि कर्मचारियों को आयकर में ये छूट तभी मिलेगी, जब वह 2018-21 के एलटीसी के बदले इस विकल्प को चुनता है। साथ ही ये भी कहा है कि कर्मचारी को मान्य एलटीसी फेयर का कम से कम 3 गुना पैसा ऐसे सामान खरीदने पर खर्च करना होगा, जिन पर कम से कम 12 फीसदी जीएसटी लगता हो। ये भुगतान डिजिटल रूप से 12 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच करना होगा। उस कर्मचारी के पास जीएसटी नंबर वाला वाउचर भी होना चाहिए और इस बात का भी सबूत होना चाहिए कि उसने कितने जीएसटी का भुगतान किया है।

अब एक उदाहरण से समझिए पूरा गणित
अगर किसी का मान्य एलटीसी फेयर 20,000*4= 80,000 रुपये है तो उसे 80,000*3= 2,40,000 रुपये खर्च करने होंगे। जो कर्मचारी दिए गए समय में इतने पैसे खर्च करेंगे, उन्हें ही पूरा एलटीसी फेयर मिलेगा और उस पर आयकर का लाभ उठा सकेंगे। हालांकि, अगर वह कर्मचारी सिर्फ 1,80,000 रुपये ही खर्च करता है तो वह 75 फीसदी एलटीसी (60,000) मिलेगा और कर्मचारी उसी पर आयकर का फायदा उठा सकेगा। अगर उस कर्मचारी को नियोक्ता की तरफ से एडवांस में ही पूरे 80,000 रुपये मिल चुके हैं तो उसे 20 हजार रुपये नियोक्ता को वापस करने होंगे।

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