Vastu Tips for Ganesh Ji : वास्तु के हिसाब से हो "बप्पा", सूंड की दिशा से लेकर मूर्तियों की बनावट तक हर चीज है अहम... यहां जानें सब कुछ
Vastu Tips for Ganesh Ji : ज्योतिष के अनुसार घर में गणेश जी की मूर्ति लाते समय उनकी मुद्रा पर ध्यान देना न भूलें। आदर्श रूप से ललितासन में गणेश जी की तस्वीर या मूर्ति को सबसे अच्छा माना जाता है। इसे बैठे हुए गणेश जी के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह शांति को दर्शाता है। इसके अलावा, लेटे हुए स्थिति में गणेश जी की तस्वीरें भी बहुत भाग्यशाली मानी जाती हैं क्योंकि यह विलासिता, आराम और धन का प्रतीक है।
Vastu Tips for Ganesh Ji : 10 दिवसीय गणेश चतुर्थी उत्सव की शुरुआत के साथ कई लोग गणेश जी की मूर्ति को घर लाते हैं। एक नई गणपति मूर्ति को घर लाते समय मूर्ति के चेहरे को ढक दिया जाता है और इसका अनावरण केवल स्थापना के दौरान किया जाता है। मूर्ति, जिसे त्योहार के दौरान घर लाया जाता है, को डेढ़ दिन, तीन दिन या 10 दिनों के बाद विसर्जित कर दिया जाता है।
घर में शुभता के आगमन के लिए घर में गणेश जी की मूर्ति या फिर फोटो की स्थापना की जाती है. हालांकि, गणेश जी की फोटो या मूर्ति लगाते और रखते समय नियमों की जानकारी सभी को नहीं होती। इसी कारण से कभी-कभी शुभता के बदले अशुभ परिणाम सामने दिखने लगते हैं।
ज्योतिष के अनुसार घर में गणेश जी की मूर्ति लाते समय उनकी मुद्रा पर ध्यान देना न भूलें। आदर्श रूप से ललितासन में गणेश जी की तस्वीर या मूर्ति को सबसे अच्छा माना जाता है। इसे बैठे हुए गणेश जी के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह शांति को दर्शाता है। इसके अलावा, लेटे हुए स्थिति में गणेश जी की तस्वीरें भी बहुत भाग्यशाली मानी जाती हैं क्योंकि यह विलासिता, आराम और धन का प्रतीक है।
सूंड की दिशा
जब भी गणपति की मूर्ति घर के भीतर लगाएं तो उसके सूड़ के बारे में विशेष ध्यान रखें। वास्तुशास्त्र के अनुसार यह ध्यान रखें कि मूर्ति की सूड़ बाईं दिशा में ही हो। दाईं दिशा में सूड़ का होना अच्छा नहीं माना जाता।
मोदक/लड्डू और चूहा
जब भी गणेश की मूर्ति खरीदें, यह ध्यान रखें मूर्ति में लड्डू और चूहा जरूर बने हों। ऐसा इसलिए क्योंकि चूहा गणेश का वाहन माना जाता है। जबकि ऐसी मान्यता है कि लड्डू गणेश जी का फेवरेट स्वीट है। गणेश मूर्ति वहां लगाई जानी चाहिए, जहां घर का एंट्रेंस हो। चूहा चीजों के प्रति हमारे मन की इच्छा को व्यक्त करता है, जो इच्छाओं से भरा हुआ है। हालांकि चूहा छोटा होता है और उसके दांत बहुत छोटे होते हैं लेकिन यह लगातार कुतरने की प्रवृत्ति के कारण बड़े से बड़े भंडार को खाली कर सकता है। इसी के पैरेलल एक चूहा हम सभी के भीतर है। ये हैं हमारी इच्छाएं। हमारी ये इच्छाएं हमारे भीतर की सारी अच्छाइयों, भले ही वे बहुत सारी हों, को खा जाती हैं।इसलिए यह जरूरी है कि गणेश की मूर्ति खरीदने से पहले ये सभी जरूरी चीजें नोट या याद कर लें।
किस कलर की गणेश मूर्ति घर के लिए आदर्श होगी?
- वास्तुशास्त्र के अनुसार जो लोग घर में शांति और संपन्नता चाहते हैं, उनके लिए व्हाइट कलर की मूर्ति उपयुक्त रहेगी। जो लोग सेल्फ ग्रोथ चाहते हों, उन्हें वर्मिलान कलर (सिंदूरी रंग) की गणेश मूर्ति घर में लानी चाहिए। सफेद गणेश जी धन, सुख और समृद्धि को आकर्षित करते हैं। हमेशा याद रखें कि भगवान की पीठ घर के बाहर की ओर होनी चाहिए।
- जनरली गणेश जी के वस्त्र लाल और पीले होते हैं। उन्हें गोल्डन कलर का कपड़ा भी पहनाया जाता है। ये सभी रंग शुभ के प्रतीक हैं।
- आजकल लोग अपने घरों में गणेश जी का वालपेपर या म्यूरल लगाना पसंद करते हैं। ये पूजा घर की सुंदरता बढ़ाते हैं। जो लोग भी गणेश को अपने घर में रखते हैं, उन्हें वास्तुशास्त्र के अनुसार ही काम करना चाहिए।
गणेश जी की स्थापना के लिए वास्तु डायरेक्शन
ऐसे स्थानों पर गणेश जी को न रखें
वास्तु के जानकारों के अनुसार गणेश जी की मूर्ति को बेडरूम, गैरेज या कपड़े धोने वाली जगह पर नहीं रखना चाहिए। इस मूर्ति को सीढ़ियों के नीचे और बाथरूम के नजदीक भी नहीं रखना चाहिए। क्योंकि गैरेज और कार पार्किंग वाले स्थान खाली माने जाते हैं और यहां किसी देवी-देवता की स्थापना करना अनुचित होता है। ये स्थान किसी भी वास्तु आइटम को रखने के लिए भी अनुपयुक्त होते हैं।
गणेश जी को यह चढ़ाएं
- एक छोटे कटोरे में चावल भरकर गणेश जी को अर्पित किया जाना चाहिए। गणेश प्रतिमा को हमेशा ऊंचे स्थान पर रखें।
- मोदक: मोदक गणपति का फेवरिट स्वीट है। मोदक कई प्रकार के आते हैं। आप कोई भी खरीद सकते हैं।
- सटोरी: महाराष्ट्र का एक व्यंजन फ्लैटब्रेड है, जिसे गणपति पूजन के समय उनके भोग की रेस्पी में रखा जाता है।
- मोतीचूर लड्डू: मोदक के अलावा मोतीचूर का लड्डू गणेश जी को बहुत पसंद है, ऐसा माना जाता है।
- कुछ लोग गणेश को दूर्वा-दल (एक प्रकार की घास) भी चढ़ाते हैं।
गणेश मूर्ति का महत्व और मतलब
घर में गणेश की मूर्ति लगाना या उनकी फोटो रखना गुड लक और प्रासपरिटी का प्रतीक है। गणेश जी की मूर्ति संपूर्ण जीवन का प्रतीक है। यह हमें इन महत्वपूर्ण सिद्धांतों को सिखाती है:
- बड़ा सिर, बड़ा सोचने के लिए
- लंबे कान, बातों को सावधानी से सुनने के लिए
- छोटी आंखें, कन्सनट्रेशन के लिए
- छोटा मुंह, कम बोलने के लिए
- लंबी सूंड़-सबको एडाप्ट करने के लिए
- एक दांत-एकाग्रता के लिए
- बड़ी तोंद-अच्छा और बुरा सभी को पचाने के लिए
- चार हाथ –चार विशेषताओं-माइंड, इन्टीलेक्ट, इगो को समेटने के लिए
- गणेश जी की मूर्ति की डिजाइन में एक पैर ऊपर उठा हुआ और दूसरा जमीन पर, इस बात का प्रतीक है कि व्यक्ति को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों दुनिया में शामिल होना चाहिए।
धन के लिए कौन सी गणेश मूर्ति अच्छी है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में गणपति की सफेद तस्वीर या मूर्ति रखने से परिवार में धन और समृद्धि आती है। हालांकि, गणेश जी को स्थापित करते समय सभी वास्तु नियमों का पालन करना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, गणेश जी की पीठ घर के बाहर होनी चाहिए।
गणेश जी की तस्वीर और मूर्ति लगाने से वास्तु दोष दूर होते हैं
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणेश जी की तस्वीर और मूर्ति को घर में रखने से वास्तु दोषों की वजह से होने वाले बुरे असर को दूर करने में मदद मिल सकती है। भगवान ब्रह्मा ने वास्तु पुरुष के अनुरोध पर वास्तु शास्त्र के नियमों का निर्माण किया था। गणेश जी की पूजा करने से वास्तु देवता प्रसन्न होते हैं। वास्तु के हिसाब से घर का निर्माण सुख, समृद्धि और प्रगति सुनिश्चित करता है।
- अगर घर के मुख्य द्वार पर एकदंत गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर हो तो दूसरी तरफ उसी जगह पर गणेश जी की इस प्रकार मूर्ति स्थापित करनी चाहिए कि दोनों गणेश जी की पीठ मिल जाए। ऐसा करने से वास्तु दोषों के असर से होने वाली नकारात्मकता कम होती है।
- इसके अलावा, वास्तु शास्त्र के अनुसार सफेद रंग के गणेश जी को स्थापित करने और सिंदूरी रंग के गणेश की पूजा करने से घर से वास्तु दोष दूर होते हैं। गौरतलब है कि गणेश जी की प्रतिमा में उनका पसंदीदा मोदक या लड्डू और उनका वाहन चूहा जरूर होना चाहिए, जिसे वास्तु दोषों को ठीक करने के लिए आदर्श माना जाता है।
- ऑफिस में वहां गणेश जी की खड़े मुद्रा में फोटो या मूर्ति रखने से वास्तु दोष दूर होता है।