Sawan Rudrabhishek 2024: सावन में रुद्राभिषेक का बहुत महत्व, अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए इन चीजों से करें अभिषेक, जानें विधि और लाभ

सावन के महीना भगवान शिव को अतिप्रिय होता है। इस महीने में रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व होता है। इससे कई लाभ मिलते हैं। शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है, क्योंकि वे श्रद्धामात्र से ही खुश हो जाते हैं।

Update: 2024-07-20 13:23 GMT

रायपुर, एनपीजी न्यूज। इस साल यानी 2024 में सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 19 अगस्त तक चलेगा। सबसे बड़ा संयोग ये है कि इस बार श्रावण मास की शुरुआत भी सोमवार से हो रही है और इसकी समाप्ति भी सोमवार के दिन ही होगी। 19 अगस्त को पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। सावन के महीना भगवान शिव को अतिप्रिय होता है। इस महीने में रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व होता है। इससे कई लाभ मिलते हैं। शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है, क्योंकि वे श्रद्धामात्र से ही खुश हो जाते हैं।

रूद्राभिषेक से ग्रह दोषों से भी मिलती है मुक्ति

सावन में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से कष्‍ट दूर होते हैं और धन, सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है। इस महीने में रुद्राभिषेक ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिलती है। सावन में रुद्राभिषेक करना मारकेश और कालसर्प दोष दूर करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है। साल 2024 में सावन में रुद्राभिषेक के लिए 7 दिन सर्वोत्‍तम हैं। इनमें सावन के सभी सोमवार, सावन की शिवरात्रि और नागपंचमी का दिन सबसे खास माना गया है। 


इस बार सावन में पांच सोमवार

इस बार सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई, दूसरा सोमवार 29 जुलाई, तीसरा सोमवार 5 अगस्त, चौथा सोमवार 12 अगस्त, पांचवां सोमवार 19 अगस्त, सावन शिवरात्रि 2 अगस्त और नागपंचमी 9 अगस्त को है। इन दिनों में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने से 18 तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बाकी सावन के महीने में आप हर दिन या किसी भी दिन रुद्राभिषेक कर सकते हैं।

रुद्राभिषेक करने से कालसर्प दोष होता है दूर

  • शिवपुराण में कहा गया है कि विधिपूर्वक रुद्राभिषेक करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। धन भी बढ़ता है।
  • सावन में रुद्राभिषेक करने से कालसर्प दोष दूर होता है। साथ ही राहु-केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
  • पति-पत्‍नी भगवान शिव का एक साथ रुद्राभिषेक करें, तो दांपत्य जीवन सुखी रहता है।
  • सावन पर रुद्राभिषेक करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को भी कम किया जा सकता है।
  • शनि की महादशा से पीड़ित लोगों को सावन में रुद्राभिषेक करने से विशेष लाभ मिलता है।

मां पार्वती ने किया था भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न

पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार माता पार्वती ने भी भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सावन के महीने में कठोर तपस्या की थी। अन्न-जल का त्याग कर उन्होंने रुद्राभिषेक किया था। इससे भगवान शिव प्रसन्न हो गए थे।

घर में रुद्राभिषेक करने की विधि

  • रुद्राभिषेक से पहले भगवान गणेश, माता पार्वती, ब्रह्मदेव, मां लक्ष्मी, नवग्रह, पृथ्वी माता, अग्नि देव, सूर्य देव और मां गंगा का ध्यान कर उनकी पूजा करें।
  • पूर्व दिशा की ओर मुख करके रुद्राभिषेक करें।
  • श्रृंगी (अभिषेक करने का यंत्र) में गंगाजल डालकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इस दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • अब दूध, दही, घी, शहद, गन्ने का रस, इत्र महादेव को चढ़ाएं।
  • अब सफेद चंदन का लेप बनाकर शिवलिंग का श्रृंगार करें।
  • शिव को पान का पत्ता, अक्षत, अबीर, सुपारी, बेलपत्र, रोली, मौली, भांग, जनेऊ, धतूरा, आक के फूल, नारियल अर्पित करें।
  • भगवान को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
  • फिर आरती करें और अभिषेक के जल को पूरे घर में छिड़क दें।
  • रुद्राभिषेक यदि जल से कर रहे हैं, तो उसके लिए तांबे के बर्तन का ही प्रयोग करें।
  • रुद्राभिषेक के दौरान रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का जाप करना फलदायी साबित होता है।

रुद्राभिषेक का अर्थ क्या होता है ?

रुद्राभिषेक दो शब्दों रुद्र और अभिषेक से मिलकर बना है। रुद्र भगवान शिव को कहा जाता है, वहीं अभिषेक का अर्थ होता है स्नान कराना। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान भोलेनाथ का अभिषेक। शिव पूजा में रुद्राभिषेक का बहुत महत्व है। रुद्राभिषेक में जल, दूध, घी, दही, शहद, इत्र, धूप, दीप, पुष्प, बेलपत्र, शमी के फूल, रुद्राक्ष, माला और कुश का इस्तेमाल किया जाता है।


इन कष्टों से मुक्ति पाने के लिए इन चीजों से करें रुद्राभिषेक

  • ग्रह दोष दूर करने के लिए गंगाजल से रुद्राभिषेक करें।
  • धन प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
  • झगड़ा-विवाद दूर करने के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।
  • सेहत के लिए भांग से रुद्राभिषेक करें।
  • सुख-शांति के लिए दूध से रुद्राभिषेक करें।
  • संतान के लिए घी की धारा से रुद्राभिषेक करें।
  • शिक्षा में सफलता के लिए शहद से रुद्राभिषेक करें।
  • शत्रुओं को परास्त करने के लिए भस्म से रुद्राभिषेक करें।
  • कर्ज से मुक्ति पाने के लिए गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। 

इन दिनों में भी आप कर सकते हैं रुद्राभिषेक

सावन के अलावा आप महाशिवरात्रि, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत के दिन भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सभी देवताओं की आत्मा में भगवान सदाशिव रुद्र विराजमान हैं। इनकी पूजा करने से सभी देवों की पूजा हो जाती है। भगवान भोलेनाथ महाकाल हैं, उनकी पूजा से अकाल मृत्यु का संकट भी दूर हो जाता है।

शिव करते हैं सभी मनोकामना पूरी

शास्त्रों में लिखा है 'रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र:' यानि कि शिव सभी दुखों को हरकर उनका नाश कर देते हैं। ऐसी मान्यता है कि कुंडली में मौजूद महापातक या अशुभ दोष भी शिव जी का रुद्राभिषेक करने से दूर हो जाते हैं। इससे व्यक्ति कम समय में ही अपनी सभी मनोकामनाओं को पूरा कर सकता है।

'सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका:।

रुद्रात्प्रवर्तते बीजं बीजयोनिर्जनार्दन:।

यो रुद्र: स स्वयं ब्रह्मा यो ब्रह्मा स हुताशन:।

ब्रह्मविष्णुमयो रुद्र अग्नीषोमात्मकं जगत्।।'

इसका अर्थ है कि सभी देवताओं में रूद्र समाहित हैं और सभी देवता रूद्र का ही अवतार हैं। ब्रह्मा, विष्णु और महेश सभी रूद्र के ही अंश हैं, इसलिए रुद्राभिषेक से सभी देवताओं की पूजा अर्चना एक साथ हो जाती है। हिन्दू धार्मिक मान्यतों के अनुसार मात्र रूद्र अवतार शिव का अभिषेक करके व्यक्ति सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। केवल रुद्राभिषेक के द्वारा शिव जी के साथ-साथ अन्य देवगणों की पूजा भी सिद्ध हो जाती है। रुद्राभिषेक के दौरान मनुष्य अपनी विभिन्न कामनाओं की पूर्ति के लिए भिन्न प्रकार के द्रव्यों का प्रयोग करते हैं।

Tags:    

Similar News