Ravivar Ko Kya Na Kare : रविवार को गलती से भी न करें ये 5 काम, सूर्य देव हो सकते हैं नाराज; घर में आ सकती है कंगाली
Ravivar Ko Kya Na Kare : हिंदू धर्म में रविवार का दिन साक्षात देव भगवान सूर्य नारायण को समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य को मान-सम्मान, सफलता और अच्छी सेहत का कारक माना जाता है।
Ravivar Ko Kya Na Kare : रविवार को गलती से भी न करें ये 5 काम, सूर्य देव हो सकते हैं नाराज; घर में आ सकती है कंगाली
Ravivar Ko Kya Na Kare : हिंदू धर्म में रविवार का दिन साक्षात देव भगवान सूर्य नारायण को समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य को मान-सम्मान, सफलता और अच्छी सेहत का कारक माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जाने-अनजाने में रविवार के दिन की गई कुछ गलतियाँ आपके हंसते-खेलते जीवन को संकट में डाल सकती हैं? शास्त्रों में रविवार के लिए कुछ कड़े नियम बताए गए हैं, जिनका उल्लंघन करने पर कुंडली में सूर्य कमजोर हो जाता है और जीवन में दरिद्रता का वास होने लगता है। आइए जानते हैं आज रविवार को आपको किन कामों से कोसों दूर रहना चाहिए।
1. लोहे की खरीदारी और नई गाड़ी से बचें
रविवार के दिन लोहे से बनी वस्तुओं की खरीदारी को बेहद अशुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन लोहा घर लाने से धन की हानि होती है। इसके अलावा, रविवार को नई गाड़ी खरीदने की योजना भी टाल देनी चाहिए। मान्यता है कि इस दिन वाहन खरीदने से दुर्घटना के योग बनते हैं और वाहन से सुख के बजाय तनाव मिलता है।
2. दिशाशूल का रखें ध्यान: पश्चिम दिशा की यात्रा
ज्योतिष के अनुसार, रविवार के दिन 'पश्चिम दिशा' में दिशाशूल होता है। इसका अर्थ है कि इस दिशा में यात्रा करना शुभ फलदायी नहीं होता। यदि बहुत जरूरी काम से आपको पश्चिम की ओर जाना ही पड़े, तो घर से निकलने से पहले थोड़ा सा 'देसी घी' खाकर निकलें, ताकि यात्रा के दोष कम हो सकें।
3. पीपल की पूजा और तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित
जहाँ अन्य दिनों में पीपल की पूजा शुभ है, वहीं रविवार को पीपल के पेड़ के पास जाना या उसकी पूजा करना वर्जित माना गया है। ऐसी मान्यता है कि रविवार को पीपल की पूजा करने से घर में दरिद्रता यानी गरीबी आती है। साथ ही, इस दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना भी पाप माना गया है, क्योंकि रविवार को तुलसी माता व्रत रखती हैं।
4. बाल कटवाने से कमजोर होता है भाग्य
अक्सर लोग छुट्टी का दिन समझकर रविवार को बाल या नाखून कटवाने चले जाते हैं, लेकिन शास्त्रों में इसकी सख्त मनाही है। रविवार को बाल कटवाने या शेविंग कराने से व्यक्ति की बुद्धि क्षीण होती है और कुंडली में सूर्य का प्रभाव नकारात्मक हो जाता है, जिससे मान-सम्मान में कमी आती है।
5. कपड़ों के रंग का चुनाव: काले और नीले से रहें दूर
रविवार सूर्य देव का दिन है, जो तेज और ऊर्जा के प्रतीक हैं। इस दिन काले, नीले या भूरे रंग के वस्त्र पहनना अशुभ माना जाता है। ये रंग सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा को रोकते हैं। सूर्य देव की कृपा पाने के लिए आज के दिन लाल, नारंगी या पीले रंग के कपड़े पहनना सबसे श्रेष्ठ होता है।
आज का विशेष उपाय (Sunday Special Remedy):
यदि आपके काम बार-बार अटक रहे हैं, तो आज तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें थोड़ा गुड़ और लाल फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इससे आपके जीवन में सफलता के द्वार खुलेंगे।
रविवार का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
धार्मिक महत्त्व : हिंदू धर्म में रविवार का दिन साक्षात देव भगवान सूर्य नारायण को समर्पित है, जिन्हें 'पंचदेवों' में से एक और कलियुग का एकमात्र दृश्य देवता (जो आंखों से दिखाई देते हैं) माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव जगत की आत्मा और समस्त ऊर्जा के स्रोत हैं। इस दिन उनकी विशेष पूजा, 'आदित्य हृदय स्तोत्र' का पाठ और अर्घ्य देने से व्यक्ति को मान-सम्मान, आरोग्य और राजकीय कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। पौष मास के रविवार का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि इस दौरान सूर्य की उपासना से जन्म-जन्मांतर के दरिद्र योग और रोगों का नाश होता है।
आध्यात्मिक महत्त्व: आध्यात्मिक दृष्टिकोण से रविवार 'आत्म-साक्षात्कार' और नई ऊर्जा के संचय का दिन है। सूर्य को ज्योतिष में 'आत्मा' का कारक माना गया है, इसलिए यह दिन स्वयं के भीतर के अंधकार को मिटाकर ज्ञान का प्रकाश फैलाने का प्रतीक है। आध्यात्मिक साधक इस दिन मौन, ध्यान और व्रत के जरिए अपनी 'प्राण शक्ति' को जागृत करते हैं। रविवार का संयम और अनुशासन व्यक्ति की इच्छाशक्ति (Will Power) को मजबूत बनाता है और मन को एकाग्र करने में मदद करता है, जिससे जीवन में सकारात्मकता और तेज का संचार होता है।