Ravan Dahan Muhurt: ये है रावण दहन का शुभ मुहूर्त, जानें दशहरा पूजन की भी विधि

आज विजयादशमी के दिन दशानन रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और बेटे मेघनाद का पुतला दहन किया जाता है। आज ही के दिन त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। तब से रावण दहन की परंपरा चली आ रही है। आज हम आपको बताएंगे कि इस साल रावण दहन का शुभ मुहूर्त क्या है?

Update: 2024-10-12 07:19 GMT

रायपुर, एनपीजी डेस्क। दशहरा आज 12 अक्टूबर को देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। इस दिन जहां मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया, वहीं 10 दिनों तक चले युद्ध के बाद भगवान श्रीराम ने भी रावण का वध कर दिया। आज के दिन दशानन रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और बेटे मेघनाद का पुतला दहन किया जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि रावण दहन का शुभ मुहूर्त क्या है?

इस समय से दशमी तिथि का शुभारंभ

हिंदू पंचांग के अनुसार, 12 अक्टूबर को दशमी तिथि सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी। दशमी तिथि का समापन 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 7 मिनट पर होगा। हो जाएगा। वहीं श्रावण नक्षत्र 12 अक्टूबर 2024 को सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगा और 13 अक्टूबर 2024 को सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।

रावण दहन का शुभ मुहूर्त इस साल कब है?

रावण दहन का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 53 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। चूंकि रावण दहन प्रदोष काल में ही करना अच्छा माना जाता है, इसलिए इसी समय रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद का दहन किया जाएगा।

दशहरा की पूजा इस प्रकार करें-

  • एक चौकी लें। उसे अच्छी तरह से धो लें, फिर इस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछा लें।
  • इस पर भगवान श्रीराम और माता सीता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित कर लें।
  • अब चावलों को हल्दी से रंग लें।
  • स्वास्तिक के रूप में श्रीगणेश को स्थापित करें।
  • अब नवग्रहों की स्थापना करें।
  • भगवान श्रीराम-सीता जी को फल-फूल अर्पित करें।
  • भगवान को मिठाई का भोग लगाएं।

शस्त्र पूजन का शुभ मुहूर्त

12 अक्टूबर को दोपहर में 2 बजकर 4 मिनट से लेकर 2 बजकर 48 मिनट तक दशहरा पूजन और शस्त्र पूजन का शुभ मुहूर्त है।

दशहरा पर शस्त्र पूजन का विधान

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया, तो युद्ध पर जाने से पहले उन्हें शस्त्रों का पूजन किया था। वहीं मां दुर्गा ने भी जब महिषासुर का वध किया, तो उनके शस्त्रों का पूजन सभी देवताओं ने मिलकर किया था। इसलिए दशहरा पर शस्त्र पूजन की परंपरा सदियों से चली आ रही है। पहले कोई भी युद्ध होता था, तब भी राजा शस्त्रों की पूजा के बाद ही उसे धारण करते थे और फिर युद्धभूमि के लिए कूच करते थे।

दशहरा पर अपराजिता के पूजन का शुभ मुहूर्त

दशहरा पर अपराजिता के पौधे का पूजन करना भी बेहद शुभ माना जाता है। इसके पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। दोपहर की पूजा का समय दोपहर 1 बजकर 16 मिनट से दोपहर 3 बजकर 35 मिनट तक है।

दशहरा पर शमी वृक्ष के पूजन का शुभ मुहूर्त

दशहरा पर शमी के पेड़ का पूजन करना भी बेहद शुभ माना जाता है। इसके पूजन का शुभ मुहूर्त भी दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। दोपहर की पूजा का समय दोपहर 1 बजकर 16 मिनट से दोपहर 3 बजकर 35 मिनट तक है।

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