Ramlala Aarti Live Today 16 December : अयोध्या से रामलला आरती लाइव : प्रभु के बाल स्वरूप का अलौकिक तेज, घर बैठे करें दर्शन

Ramlala Aarti Live Today 16 December : श्रीराम जन्मभूमि पर नवनिर्मित दिव्य मंदिर में आज, मंगलवार, 16 दिसंबर 2025 की सुबह, प्रभु श्री रामलला की मंगला आरती (प्रातः कालीन आरती) पूरे विधि-विधान और अपार श्रद्धा के साथ संपन्न हुई।

Update: 2025-12-16 01:57 GMT

Ramlala Aarti Live Today 16 December : अयोध्या से रामलला आरती लाइव : प्रभु के बाल स्वरूप का अलौकिक तेज, घर बैठे करें दर्शन

Ramlala Aarti Live Today 16 December : अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि पर नवनिर्मित दिव्य मंदिर में आज, मंगलवार, 16 दिसंबर 2025 की सुबह, प्रभु श्री रामलला की मंगला आरती (प्रातः कालीन आरती) पूरे विधि-विधान और अपार श्रद्धा के साथ संपन्न हुई।

Ramlala Aarti Live Today 16 December : दिव्य श्रृंगार और मंगला आरती

ब्रह्म मुहूर्त में 4:30 बजे जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, पुजारियों ने पहले प्रभु को स्नान कराया और फिर उन्हें मनमोहक पीले (पीताम्बर) वस्त्रों से सजाया। आज रामलला का श्रृंगार ताजे फूलों, रत्नजड़ित आभूषणों और स्वर्णिम मुकुट से किया गया, जिससे उनके बाल स्वरूप की दिव्यता और भी बढ़ गई। वैदिक मंत्रोच्चार और जय श्रीराम के जयघोष के बीच मंगला आरती हुई, जिसने पूरे मंदिर परिसर को भक्तिमय ऊर्जा से भर दिया। सुबह की इस आरती के साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु तड़के ही कतार में खड़े दिखाई दिए।

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Ramlala Aarti Live Today 16 December : दिनभर जारी रहेगा दर्शन का सिलसिला मंगला आरती के उपरांत भक्तों के लिए दर्शन की व्यवस्था प्रातः 6:30 बजे से शुरू कर दी गई। आज दिनभर रामलला के दर्शन का सिलसिला जारी रहेगा। दोपहर 12 बजे राजभोग आरती होगी, जब प्रभु को भोग अर्पित किया जाएगा। इसके बाद कुछ समय के लिए दर्शन रोक दिए जाएंगे। पुनः दोपहर 2 बजे से भक्तों के लिए कपाट खोले जाएंगे। शाम को 7:30 बजे संध्या आरती (शयन आरती) होगी, जो दिन का अंतिम प्रमुख अनुष्ठान होगा। इसके पश्चात, रात्रि 9 बजे प्रभु को शयन कराकर मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर प्रशासन ने दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की व्यापक व्यवस्था की है।

श्री राम की महिमा

भगवान श्री राम, हिंदू धर्म में विष्णु के सातवें अवतार हैं, जिन्हें 'मर्यादा पुरुषोत्तम' के नाम से जाना जाता है। उनका जीवन त्याग, सत्य, धर्म और कर्तव्यनिष्ठा का उच्चतम उदाहरण है। राम कथा केवल एक धार्मिक आख्यान नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाली अमूल्य धरोहर है। उन्हें न्याय, साहस और आदर्श पुत्र, पति, भाई और राजा के रूप में पूजा जाता है।

उनका शासन, जिसे 'राम राज्य' कहा जाता है, आज भी सुशासन और सामाजिक समरसता का प्रतीक माना जाता है। रामलला का बाल स्वरूप भक्तों के हृदय में वात्सल्य और प्रेम जगाता है, जबकि उनका धनुषधारी रूप धर्म की रक्षा का प्रतीक है। राम की महिमा समय के बंधन से परे है, जो हर युग में मानवता को धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।

अयोध्या मंदिर : संघर्ष से पुनर्स्थापना तक

अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर का इतिहास सदियों के संघर्ष, आस्था और पुनर्जागरण की गाथा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह स्थल वह पवित्र स्थान है जहाँ भगवान राम का जन्म हुआ था। प्राचीन काल में यहाँ भव्य मंदिर विद्यमान था, जिसका उल्लेख विभिन्न पुराणों और ग्रंथों में मिलता है।

इतिहास के अनुसार, 16वीं शताब्दी में मुगल शासक बाबर के सेनापति मीर बाकी ने इस प्राचीन मंदिर को तोड़कर यहाँ एक मस्जिद का निर्माण कराया था। इसके बाद, राम जन्मभूमि को लेकर सैकड़ों वर्षों तक कानूनी और सामाजिक संघर्ष चलता रहा।

दशकों लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, 9 नवंबर 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया कि विवादित भूमि रामलला विराजमान की है। इस निर्णय ने करोड़ों भक्तों की आस्था को सम्मान दिया और मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया।

वर्तमान भव्य राम मंदिर का निर्माण भारतीय स्थापत्य कला की नागर शैली में किया गया है। यह मंदिर केवल ईंट-पत्थरों का ढाँचा नहीं, बल्कि सदियों की तपस्या, आस्था और राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है, जो भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान को दर्शाता है। यह मंदिर आज करोड़ों राम भक्तों के लिए सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत है।

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