Ram Lala Live Darshan Today : ब्रह्म मुहूर्त में शंखनाद के साथ जागे प्रभु श्री राम, जाग्रति आरती के साथ शुरू हुआ दिव्य दर्शन का सिलसिला, श्रद्धा के सैलाब में डूबी राम नगरी

Ram Lala Live Darshan Today : धर्म नगरी अयोध्या में आज कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच राम जन्मभूमि मंदिर में आस्था की एक नई उर्जा देखने को मिली।

Update: 2025-12-28 01:14 GMT

Ram Lala Live Darshan Today : ब्रह्म मुहूर्त में शंखनाद के साथ जागे प्रभु श्री राम, जाग्रति आरती के साथ शुरू हुआ दिव्य दर्शन का सिलसिला, श्रद्धा के सैलाब में डूबी राम नगरी

Ayodhya Ram Mandir Jagriti Aarti Live : अयोध्या | 28 दिसंबर 2025 : धर्म नगरी अयोध्या में आज कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच राम जन्मभूमि मंदिर में आस्था की एक नई उर्जा देखने को मिली। तड़के सुबह जब पूरा संसार नींद में था, तब रामलला के दरबार में जाग्रति आरती के साथ प्रभु को प्रेमपूर्वक जगाया गया। शंखनाद और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुई इस आरती ने उपस्थित भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। आज साल के अंतिम रविवार पर रामलला का विशेष फूलों से श्रृंगार किया गया, जिसमें उनके बाल स्वरूप की अनुपम छटा देखते ही बन रही थी।

Ayodhya Ram Mandir Jagriti Aarti Live : मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, साल के अंत में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। जाग्रति आरती के दौरान मंदिर परिसर जय श्री राम के नारों से गुंजायमान रहा। दूध, दही, शहद और घी से प्रभु का अभिषेक किया गया और फिर उन्हें दिव्य वस्त्राभूषणों से सुसज्जित किया गया। इस मंगलकारी दृश्य के साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु अयोध्या पहुँचे हैं, जिससे पूरी अयोध्या नगरी राममय हो गई है।

Full View

रामलला दरबार की सभी आरतियों का विवरण

प्रभु श्री रामलला की सेवा में दिनभर में कई आरतियां होती हैं, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक शांति का केंद्र हैं। इन आरतियों का विवरण और समय इस प्रकार है

1. जाग्रति आरती (सुबह 03:30 से 04:00): यह दिन की सबसे पहली आरती होती है, जिसे जागरण भी कहा जाता है। इसमें प्रभु को निद्रा से जगाया जाता है। इस दौरान केवल विशिष्ट पास धारक या पुजारी ही उपस्थित रहते हैं। आरती के साथ मधुर भजनों के जरिए प्रभु को दिन की शुरुआत के लिए पुकारा जाता है।

2. श्रृंगार आरती (सुबह 06:30 से 07:00): प्रभु को जगाने और स्नान कराने के बाद उनका भव्य श्रृंगार किया जाता है। श्रृंगार आरती के समय रामलला को दिव्य मुकुट, कुंडल और वस्त्राभूषण पहनाए जाते हैं। आम भक्तों के लिए यह दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है क्योंकि इसी आरती के बाद दर्शन का मुख्य प्रवाह शुरू होता है।

3. भोग आरती (दोपहर 12:00 से 12:30): दोपहर के समय प्रभु को राजसी भोग लगाया जाता है। इसमें छप्पन भोग या विशेष सात्विक भोजन अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि इस समय प्रभु भोजन ग्रहण करते हैं, इसलिए मंदिर के पट कुछ समय के लिए बंद रहते हैं और फिर आरती के साथ भक्तों के लिए खोले जाते हैं।

4. संध्या आरती (शाम 07:30 से 08:00): सूर्यास्त के बाद संध्या आरती का आयोजन होता है। इस समय मंदिर को दीपों से सजाया जाता है। ढोल-नगाड़ों और घंटी-घड़ियालों की आवाज के बीच होने वाली यह आरती भक्तों में अद्भुत ऊर्जा का संचार करती है। दिन भर की थकान के बाद भक्त प्रभु की इस आरती में आत्मिक शांति पाते हैं।

5. शयन आरती (रात 09:00 से 09:30): यह दिन की अंतिम सेवा है। इसमें प्रभु को विश्राम की ओर ले जाया जाता है। शयन आरती बहुत ही कोमल और मधुर स्वर में की जाती है ताकि बाल स्वरूप रामलला शांति से निद्रा ग्रहण कर सकें। इसके बाद मंदिर के पट रात भर के लिए बंद कर दिए जाते हैं।


अयोध्या में अन्य मंदिरों का दर्शन

अयोध्या केवल रामलला का मंदिर ही नहीं, बल्कि अनंत आस्था और प्राचीन गौरव का केंद्र है। यदि आप प्रभु श्री राम के दर्शन के लिए अयोध्या आ रहे हैं, तो यहाँ ऐसे कई स्थान हैं जो आपकी यात्रा को आध्यात्मिक और ऐतिहासिक रूप से पूर्ण बनाएंगे। यहाँ अयोध्या के प्रमुख दर्शनीय स्थलों का विस्तृत विवरण दिया गया है:

हनुमानगढ़ी और कनक भवन, भक्ति और प्रेम का संगम

अयोध्या की यात्रा तब तक अधूरी मानी जाती है जब तक आप हनुमानगढ़ी के दर्शन नहीं कर लेते। मान्यता है कि अयोध्या में प्रवेश करने से पहले भक्त को संकटमोचन हनुमान जी की आज्ञा लेनी होती है। ऊंचे टीले पर स्थित यह मंदिर 76 सीढ़ियों की चढ़ाई के बाद आता है, जहाँ हनुमान जी एक राजा के रूप में विराजमान हैं। इसके बाद, आपको कनक भवन जरूर जाना चाहिए। यह मंदिर माता कैकेयी ने देवी सीता को मुंह दिखाई में दिया था। यहाँ की वास्तुकला और गर्भगृह में विराजमान राम-जानकी की मूर्तियां इतनी सुंदर हैं कि इन्हें 'स्वर्ण भवन' भी कहा जाता है। यहाँ की शांति और भजनों की मधुर ध्वनि मन को सुकून देती है।

सरयू तट और राम की पैड़ी

शाम के समय सरयू नदी के तट पर जाना एक जादुई अनुभव होता है। राम की पैड़ी पर बने घाटों की कतार और वहां बहती शीतल हवा मन को शांति प्रदान करती है। यहाँ हर शाम होने वाली 'सरयू आरती' का दृश्य अद्भुत होता है, जहाँ सैकड़ों दीपों की रोशनी जल में प्रतिबिंबित होती है। हाल के वर्षों में राम की पैड़ी को बेहद आधुनिक और सुंदर बनाया गया है, जहाँ लेजर शो के माध्यम से रामायण की कथाएं भी दिखाई जाती हैं। सरयू में स्नान करना केवल धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि अयोध्या की आत्मा से जुड़ने जैसा है।

दशरथ महल, नागेश्वरनाथ और मणि पर्वत

अयोध्या की गलियों में चलते हुए आप दशरथ महल देख सकते हैं, जहाँ माना जाता है कि राजा दशरथ का निवास था। यह स्थान आज भी राजसी वैभव और भक्ति का मिश्रण है। वहीं, नागेश्वरनाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसे स्वयं भगवान राम के पुत्र कुश ने बनवाया था। यह मंदिर शिवभक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। यदि आप प्रकृति और ऊंचाई से अयोध्या को देखना चाहते हैं, तो मणि पर्वत अवश्य जाएँ। बौद्ध और हिंदू दोनों धर्मों के लिए महत्वपूर्ण यह स्थान सीता माता के आभूषणों से जुड़ी कथाओं के लिए प्रसिद्ध है।

नंदीग्राम (भरत कुंड) 

मुख्य शहर से कुछ दूर नंदीग्राम स्थित है, जहाँ भरत जी ने खड़ाऊं रखकर 14 वर्षों तक तपस्या की थी। यह स्थान वैराग्य और भाईचारे की मिसाल है। इनके अलावा, अब नई अयोध्या में लता मंगेशकर चौक एक बड़ा आकर्षण बन गया है, जहाँ स्थापित विशाल वीणा पर्यटकों के बीच सेल्फी पॉइंट बन चुकी है। साथ ही, सूर्य कुंड का जीर्णोद्धार किया गया है, जहाँ शाम को होने वाला लाइट एंड साउंड शो भगवान राम के पूर्वजों (सूर्यवंश) की गाथा सुनाता है। इन सभी स्थलों का भ्रमण आपको त्रेतायुग की जीवंत अनुभूति कराएगा।

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