Pran Pratishtha Ka Vidhan प्राण प्रतिष्ठा के विधान : क्यों बंधी है रामलला के आंखों पर पट्टी, जानिए प्राण प्रतिष्ठा के विधान और मंत्र के बारे में

Pran Pratishtha Ka Vidhan प्राण प्रतिष्ठा के विधान : 22 जनवरी के दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है,जानते हैं इसके विधान के बारे में क्यों होती है आंखों में पट्टी और क्या है मंत्र

Update: 2024-01-20 05:17 GMT

Pran Pratishtha Ka Vidhan प्राण प्रतिष्ठा के विधान :अयोध्या सहित पूरे देश भर में  राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भक्ति मय माहौल बन चुका है। चारों ओर राम नाम ही गूंज रहा है भगवान राम 500 साल के बाद अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में जो पधारने वाले हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। प्राण प्रतिष्ठा के समय कई विधि विधान निर्वाहन किया जाता है। वहीं सनातन धर्म में किसी भी मंदिर में मूर्ति पूजन से पहले उसमें प्राण प्रतिष्ठा की जाती है।घर या मंदिर में मूर्ति स्थापना के दौरान प्रतिमा में भगवान की शक्तियों को प्रकाशमान करने के लिए प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। कहा जाता है कि मूर्ति स्थापना के दौरान प्राण प्रतिष्ठा करना बेहद आवश्यक होता है। प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद भगवान की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है।

प्राण प्रतिष्‍ठा के समय निम्न मंत्र का जाप किया जाता है।

'मानो जूतिर्जुषतामज्यस्य बृहस्पतिर्यज्ञमिमं, तनोत्वरितष्टं यज्ञ गुम समिम दधातु विश्वेदेवास इह मदयन्ता मोम्प्रतिष्ठ।।

अस्यै प्राणा: प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा: क्षरन्तु च अस्यै, देवत्य मर्चायै माम् हेति च कश्चन।।

ऊं श्रीमन्महागणाधिपतये नम: सुप्रतिष्ठितो भव, प्रसन्नो भव, वरदा भव।'

प्राण प्रतिष्ठा से पहले मूर्ति आंखों में वस्त्र बांधा जाता है या फिर पर्दा लगाया जाता है. ऐसा क्यों किया जाता है?,जानते हैं। 22 जनवरी को नवनिर्मित मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होनी है किसी भी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में विधि विधान और कई परंपराएं निभाई जाती हैं।उनमें से एक है आंखों पर वस्त्र बांधना. प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद और पूजा संपन्न होने के बाद वह वस्त्र खोल दिया जाता है। इसके बाद उस मंदिर में पूजा आरंभ हो जाती है।

22 जनवरी को यह कार्यक्रम होगा। हालांकि मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा से जुड़े पूजा कार्यक्रम का आरंभ 16 जनवरी से हो चुका है, लेकिन मुख्‍य प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को मंदिर के गर्भग्रह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों किया जाएगा। राम मंदिर ट्र

अयोध्‍या में आज से लेकर 22 जनवरी तक का कार्यक्रम

19 जनवरी, सुबह: औषधाधिवास, केसराधिवास, और घृताधिवास

19 जनवरी, शाम: धान्‍याधिवास

20 जनवरी, सुबह: शर्कराधिवास, फलाधिवास

20 जनवरी, शाम: पुष्‍पाधिवास

21 जनवरी, सुबह: मध्‍याधिवास

21 जनवरी, शाम: शय्याधिवासस्ट द्वारा बताया गया है कि सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए, प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में किया जाएगा। जो कि दोपहर में 12 . 29 . 8 सेकंड से 12 . 30 . 32 सेकंड तक होगा।

क्यों बांधते हैं मूर्ति के आंखों पर पट्टी

प्राण प्रतिष्ठा के समय मूर्ति में आंखों पर वस्त्र बांधना सबसे महत्वपूर्ण विधान होता है।शक्तिशाली मंत्र उच्चारण के साथ प्राण प्रतिष्ठा के समय उस मूर्ति में कई अधिवास किया जाता है। जिससे मूर्ति में एक तेज पुंज स्थापित हो जाती है.जिससे मूर्ति मे आंखों पर वस्त्र बांध दिया जाता है।

किसी भी मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा के समय आंखों पर वस्त्र बांधा जाता है और वह वस्त्र शीशे को सामने रखकर ही खोला जाता है वस्त्र खोलने के बाद मूर्ति आंखों से अदृश्य तेज या ऊर्जा का उत्पन्न होता है, जो काफी तेज़ गति से निकलता है. इंसान सामने आने पर उसके लिए हानिकारक साबित भी हो सकता है। इसलिए जब भी मूर्ति के आंखों का वस्त्र खोली जाती है तो सामने शीशा लगाया जाता है।कभी-कभी वह शीशा चकनाचूर हो जाता है. शीशे का टूटना काफी शुभ माना जाता है।

भगवान राम के भव्‍य मंदिर का निर्माण परंपरागत तरीके से किया जा रहा है। मंदिर की लंबाई पूर्व से पश्चिम की ओर 380 फीट की होगी और चौड़ाई 250 फीट की है। मंदिर ऊंचाई में 161 फीट का होगा। भगवान राम के भव्‍य मंदिर को 3 तल का बनाया गया है और हर तल की ऊंचाई 20 फीट की होगी। मंदिर के भूतल के गर्भगृह में भगवान राम के बाल स्‍वरूप की मूर्ति स्‍थापित की जाएगी और प्रथम तल के गर्भगृह में श्रीराम दरबार स्‍थापित किया जाएगा। मंदिर की दीवारों और खंबों पर देवी देवताओं की मूर्तियों को तराशकर बनाया गया है। मंदिर में बुजुर्ग भक्‍तों के लिए रैंप और लिफ्ट की व्‍यवस्‍था भी है।

Tags:    

Similar News