Pitru Paksha में दाढ़ी और बाल बनवाएं या नहीं... आप भी हैं न कश्मकश में, तो यहाँ जानिए
Pitru Paksha 2025 : शास्त्रों में बताया गया है कि जो व्यक्ति श्राद्धपक्ष में हर रोज पितरों को तर्पण और श्राद्ध तिथि के दिन श्राद्ध कर्म करता है, उनको बाल, दाढ़ी, मूंछ या नाखून काटने से परहेज रखना चाहिए।
Pitru Paksha me dadhi aur bal banvana : पितृपक्ष एक ऐसा पक्ष है जिसमें हमें अपने पूर्वजों की सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है. इस पक्ष को हिन्दू धर्म में देवताओं की पूजन के ही बराबर माना जाता है. उतने ही श्रद्धा और भाव से इस पक्ष में पूर्वजों का सेवा सत्कार किया जाता है. इस पक्ष में श्राद्ध करने वाला ऐसी एक भी चूक करने से बचता है जिससे की पितृ देव नाराज न हो जाये. खानपान से लेकर पहनावा और रहन सहन सबका खास ख्याल रखना होता है.
पितृपक्ष को श्राद्ध या महालय भी कहा जाता है और इन दिनों पितरों को तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं, ताकि पितरों की आत्मा को शांति मिल सके। पितृपक्ष यानी श्राद्ध में ऐसे कई कार्य होते हैं, जिनको करने से लोग परहेज करते हैं, जिसमें से एक है दाढ़ी और बाल कटवाना। आइए जानते हैं पितृपक्ष में दाढ़ी, मूंछ और बाल कटवाने चाहिए या नहीं।
पितृ कर्म करने वाले के लिए निषेध
पितृपक्ष यानी श्राद्ध में कई लोग बाल, दाढ़ी, मूंछ या नाखून काटने से परहेज करते हैं। वे इन दिनों बाल या दाढ़ी नहीं काटते हैं, फिर चाहें कितने भी बड़े हो जाएं। शास्त्रों में बताया गया है कि जो व्यक्ति पितृ कर्म करता है यानी श्राद्धपक्ष में हर रोज पितरों को तर्पण और श्राद्ध तिथि के दिन श्राद्ध कर्म करता है, उनको बाल, दाढ़ी, मूंछ या नाखून काटने से परहेज रखना चाहिए। बाकी के अन्य लोग बाल, दाढ़ी, मूंछ या नाखून काट सकते हैं।
ब्रह्मचार का व्रत
पितृपक्ष के दौरान बाल, दाढ़ी, मूंछ या नाखून काटने के अलावा कई और भी चीज हैं, जो वर्जित बताई गई हैं। इन दिनों ब्रह्मचार का व्रत करना चाहिए। साथ ही लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा जैसे आदि तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दौरान बासी खाना भी नहीं खाना चाहिए और मांगलिक कार्य इस पक्ष में निषेध बताए गए हैं।