Pitra Dosh : पितरों के असंतोष से जीवन हो जायेगा दूभर, इस पक्ष में कर लें पितरों को प्रसन्न हो जायेंगे सारे दुःख दूर
Pitra Dosh : अचानक काम में रुकावट आना, धन की कमी, घर में किसी का बार-बार बीमार पड़ना, दुर्घटनाएं या संतान से जुड़ी परेशानियां ये सभी पितरों की अप्रसन्नता का संकेत हो सकती हैं।
Pitra Dosh : हमारे दैनिक जीवन में ऐसी हर रोज कोई न कोई समस्या आती है की हम हताश हो जाते हैं और लगता है की बस सहने की क्षमता ख़त्म हो गई है. पर हमें समझ नहीं आता की ऐसा आखिर हो क्यों रहा है. इन सबका एक ही कारण है पितृ दोष. पितृ दोष एक ऐसा दोष है जो पितरों के नाराज हो जाने के करना लगता है.
अचानक काम में रुकावट आना, धन की कमी, घर में किसी का बार-बार बीमार पड़ना, दुर्घटनाएं या संतान से जुड़ी परेशानियां ये सभी पितरों की अप्रसन्नता का संकेत हो सकती हैं।
हिंदू धर्मग्रंथों में बताया गया है कि यदि पितर रुष्ट हों, तो पितृपक्ष के दौरान उनकी पूजा, तर्पण और पिंडदान करके उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। पितृ पक्ष जीवन की रुकावटों को दूर करने और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं। इसलिए हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग पितृ पक्ष के दौरान अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं, तर्पण करते हैं और पितरों के निमित्त दान करते हैं। पितृपक्ष में किए जाने वाले ये कार्य हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति और मुक्ति प्रदान करते हैं।
पितृ दोष के लक्षण-
1. संतान से जुड़ी समस्याएं
पितृदोष का सबसे प्रमुख संकेत संतान सुख या वंश से जुड़ी कठिनाइयां हैं। कई बार पति-पत्नी पूरी कोशिश के बावजूद संतान सुख प्राप्त नहीं कर पाते या संतान होती है लेकिन वंश आगे नहीं बढ़ता। शास्त्रों के अनुसार, इसका मतलब है कि पितरों की आत्मा संतुष्ट नहीं है और उनके आशीर्वाद की कमी से वंश आगे नहीं बढ़ पा रहा।
2. घर में पीपल का पौधा उगना
अगर घर की छत, आंगन या गमलों में बिना बोए अचानक पीपल का पौधा उग जाए, तो इसे अशुभ माना जाता है। यह संकेत है कि पूर्वज असंतुष्ट हैं और घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर रही है। जब तक इसका धार्मिक तरीके से निवारण न किया जाए, परिवार में शांति स्थापित करना कठिन हो सकता है।
घर में छोटी-मोटी घटनाएं सामान्य हैं, लेकिन बार-बार हादसे होना, चोट लगना, गाड़ी दुर्घटना या किसी का अचानक घायल हो जाना पितृदोष का संकेत हो सकता है। यह बताता है कि पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिल रही और वे अपनी पीड़ा संतान तक पहुँचा रहे हैं।
कड़ी मेहनत के बावजूद सफलता न मिलना, प्रमोशन रुक जाना या व्यापार में अचानक नुकसान होना भी पितृदोष का परिणाम हो सकता है। यह इस बात की ओर इशारा करता है कि पितरों की कृपा जीवन में पूरी तरह नहीं बरस रही।
शादी, गृह प्रवेश, संतान जन्म या अन्य मांगलिक अवसरों पर अचानक अड़चनें आना और कार्य अधूरा रह जाना भी पितृदोष के लक्षण हैं। यह संकेत है कि पितरों से ध्यान और तर्पण की अपेक्षा है।
पितरों को प्रसन्न करने के उपाय (Pitru Paksha upay)
1. तर्पण और पिंडदान
पितृपक्ष में जल तर्पण और पिंडदान सर्वोच्च कर्तव्य हैं। तिल, कुश और जल से तर्पण किया जाता है और आटे या चावल के लड्डू (पिंड) बनाकर अर्पित किए जाते हैं। यह अनुष्ठान पितरों को संतोष देता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
2. अन्न और जल अर्पण
प्रतिदिन थोड़ा भोजन और जल पितरों के नाम पर अर्पित करना उनकी कृपा आकर्षित करता है। इसमें संतान का आदर और कृतज्ञता भी समाहित रहती है।
3. पूर्वजों की तस्वीर का सम्मान
घर में लगी तस्वीरों को साफ करना और उन पर पुष्प या माला अर्पित करना पितरों को प्रसन्न करता है और परिवार में शांति, सकारात्मक ऊर्जा और एकता लाता है।
4. दीप जलाना
दक्षिण दिशा में दीपक जलाकर पितरों का स्मरण करना शुभ और कल्याणकारी माना गया है। दीपक का प्रकाश पितरों तक पहुंचता है और उन्हें शांति प्रदान करता है।
5. पूजा और हवन में स्मरण
धार्मिक अनुष्ठान और हवन में पितरों का नाम लेकर आह्वान करने से धार्मिक कार्य की पूर्णता होती है और पितृदोष के प्रभाव कम होते हैं।
6. दान और पुण्य
जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन दान करना पितरों को प्रसन्न करता है। शास्त्रों में कहा गया है – “दानं पितृभ्यो मोदाय”, अर्थात दान से पितर प्रसन्न होकर घर को आशीर्वाद देते हैं और परिवार में सुख-समृद्धि लाते हैं।
इसलिए लगता है पितृ दोष
- अगर आपके किसी पूर्वज की मृत्यु के बाद उनकी सही तरीके से अंतिम क्रिया न हुई हो तो पितृ दोष आपको लग सकता है। जिन लोगों का अंतिम संस्कार विधि-विधान से नहीं होते, उनके घर वालों को पितृदोष की पीड़ा से जूझना पड़ सकता है.
- जाने-अनजाने में अगर आपने सर्प या नाग हत्या की है तो इसकी वजह से भी आपको पितृ दोष लग सकता है। इसीलिए सर्प हत्या करने से मना किया जाता है।
- अगर आपने या आपके द्वारा पीपल, नीम या बरगद का पेड़ काटा या कटवाया गया है तो पितृ दोष आपको लग सकता है। इसकी वजह से जीवन में बार-बार बाधाएं आ सकती हैं।
- किसी पूर्वज की अकाल मृत्यु हुई हो तो आपको पितृ दोष लग सकता है। अगर आप शांति पूजा करवा लें तो उस पितृ को शांति मिलती है और आपके जीवन में भी सुख लौटने लगता है।
- जो लोग मृत्यु के बाद अपने पूर्वजों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध नहीं करते हैं उनको भी पितृ दोष का दंश झेलना पड़ सकता है।