Papmochini Ekadashi : पापमोचनी एकादशी 05 अप्रैल को, करें ये खास उपाय...मिलेगी सभी पापों से मुक्ति
पापमोचिनी एकादशी के बारे में शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान विष्णु को यह तिथि बहुत प्रिय है। इस दिन व्रत करने से आपको श्रीहरि की विशेष कृपा से करियर में तरक्की होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। इस बार पापमोचनी एकादशी 05 अप्रैल2024 है। मान्यता है कि इस एकादशी व्रत के प्रभाव से जाने-अनजाने में किए सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही व्रत कथा भी पढ़ी जाती है।
पापमोचनी एकादशी के कुछ खास उपाय करने से आपके जाने अनजाने में किए गए पाप से मुक्ति मिलती है। आपकी तरक्की में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। आपके कार्य में आ रही हर प्रकार की रुकावट दूर हो रही है। पापमोचिनी एकादशी के बारे में शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान विष्णु को यह तिथि बहुत प्रिय है। इस दिन व्रत करने से आपको श्रीहरि की विशेष कृपा से करियर में तरक्की होती है। आइए जानते हैं पापमोचनी एकादशी के कुछ अचूक उपाय।
पापमोचनी एकादशी का महत्व
पापमोचनी एकादशी के नाम से ही सिद्ध होता है, पापों का नाश करने वाली एकादशी। पुराणों में बताया गया है कि जो मनुष्य तन मन की शुद्धता और नियम के साथ पापमोचनी एकादशी का व्रत करता है और जीवन में दोबारा कभी गलत काम न करने का संकल्प लेता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। उसे सभी दुखों से छुटकारा मिलता है और मनुष्य को मानसिक शांति प्राप्ति होती है।
पापमोचनी एकादशी व्रत कथा
"धार्मिक मान्यता के अनुसार पुरातन काल में चैत्ररथ नामक एक बहुत सुंदर वन था। इस वन में च्यवन ऋषि के पुत्र मेधावी ऋषि तपस्या किया करते थे। इसी वन में देवराज इंद्र गंधर्व कन्याओं, अप्सराओं और देवताओं के साथ विचरण करते थे। मेधावी ऋषि शिव भक्त थे लेकिन अप्सराएं शिवद्रोही कामदेव की अनुचरी थी, इसलिए एक समय कामदेव ने मेधावी ऋषि की तपस्या भंग करने के लिए मंजू घोषा नामक अप्सरा को भेजा। उसने अपने नृत्य, गायन और सौंदर्य से मेधावी मुनि का ध्यान भंग कर दिया और मुनि मेधावी मंजूघोषा अप्सरा पर मोहित हो गए। इसके बाद अनेक वर्षों तक मुनि ने मंजूघोषा के साथ विलास में समय व्यतीत किया। बहुत समय बीत जाने के पश्चचात मंजूघोषा ने वापस जाने के लिए अनुमति मांगी, तब मेधावी ऋषि को अपनी भूल और तपस्या भंग होने का आत्मज्ञान हुआ।
जब ऋषि को ज्ञात हुआ कि मंजूघोषा ने किस प्रकार से उनकी तपस्या को भंग किया है तो क्रोधित होकर उन्होंने मंजूघोषा को पिशाचनी होने का श्राप दे दिया। इसके बाद अप्सरा ऋषि के पैरों में गिर पड़ी और श्राप से मुक्ति का उपाय पूछा। मंजूघोषा के बार-बार विनती करने पर मेधावी ऋषि ने उसे श्राप से मुक्ति पाने के लिए बताया कि पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से तुम्हारे समस्त पापों का नाश हो जाएगा और तुम पुन: अपने पूर्व रूप को प्राप्त करोगी। अप्सरा को मुक्ति का मार्ग बताकर मेधावी ऋषि अपने पिता के महर्षि च्यवन के पास पहुंचे। श्राप की बात सुनकर च्यवन ऋषि ने कहा कि- ''हे पुत्र यह तुमने अच्छा नहीं किया, ऐसा कर तुमने भी पाप कमाया है, इसलिए तुम भी पापमोचनी एकादशी का व्रत करो। इस प्रकार पापमोचनी एकादशी का व्रत करके अप्सरा मंजूघोषा को श्राप से मुक्ति मिल गई और मेधावी ऋषि के भी सभी पापों से मुक्ति प्राप्त हो गई।"
आइए जानते हैं पापमोचनी एकादशी के कुछ अचूक उपाय :-
पापमोचनी एकादशी पर गेंदे के फूल का उपाय
पापमोचनी एकादशी के शुभ अवसर पर आप गेंदे के फूल से अपने पूजा घर, रसोई घर और तुलसी के पौधे को सजाएं। इस उपाय को करने से आपके घर की हर बुरी नजर से रक्षा होती है और आपके घर परिवार के लोग सुखी संपन्न रहते हैं। अगले दिन इन फूलों को बहते जल में प्रवाहित कर दें।
जलाएं ऐसा दीपक
पापमोचनी एकादशी पर शाम के वक्त घर के मुख्य द्वार पर 9 बत्तियों वाला दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपके घर की तरफ मां लक्ष्मी आकर्षित होती हैं और आपके घर में सुख संपदा बढ़ती है। आपके सुख में वृद्धि होती है और मां लक्ष्मी सदैव आपके घर में वास करती हैं।
पाप से मुक्ति पाने का उपाय
पापमोचनी एकादशी पर प्रदोष काल में घी का दीपक जलाकर रखें और उसके सामने बैठकर विष्णु सहस्त्रनाम से पाठ करें। ऐसा करने से आपको हर प्रकार के पाप से मुक्ति मिलती है। आपके घर परिवार के लोग हर प्रकार की विघ्न बाधा से दूर रहते हैं और उनके हर कार्य बिना रुकावट के पूर्ण होते हैं।
चावल का उपाय
पापमोचनी एकादशी पर चावल का यह उपाय करना बहुत ही अच्छा होता है। वैसे तो एकादशी के दिन चावल को स्पर्श करने के लिए भी मना किया गया है। इस दिन चावल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस पूजा में चावल रखकर उस पर दीपक रखकर जलाएं। दीपक के पूरा जल जाने के बाद उन चावल को लाल पोटली में बांधकर अपनी तिजोरी में रख लें। इस उपाय को करने से आपको जीवन में कभी धन हानि नहीं होगी।
पति-पत्नी मिलकर करें ये काम
पापमोचनी एकादशी पर सुबह स्नान करने के बाद पति और पत्नी मिलकर सुबह के वक्त तुलसी के पौधे में एक साथ कलावा बांधें। इस उपाय को करने से आपके बीच में प्रेम बढ़ता है और आपका दांपत्य जीवन सुखमय होता है। आपके घर में सुख शांति परस्पर स्नेह बढ़ता है। जिन पति-पत्नी के बीच में लड़ाई और मतभेद होते हैं। उनको यह काम करना चाहिए।