Jyotirling Darshan 9 (Nageshwar Jyotirling) : यहां भगवान शिव और माता पार्वती नाग-नागिन के रूप में हुए थे प्रकट
Nageshwar Jyotirling : धार्मिक मान्यता के अनुसार नागेश्वर मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती नाग-नागिन के रूप में प्रकट हुए थे। इसलिए इसे नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है।
Nageshwar Jyotirling : क्या आपको पता है 12 ज्योतिर्लिंग में एक ज्योतिर्लिंग ऐसा भी है जहाँ भगवान शिव और माता पार्वती नाग-नागिन के रूप में प्रकट हुए थे। हम बात कर रहे हैं नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की. इस ज्योतिर्लिंग का मंदिर गुजरात के द्वारका धाम से 17 किलोमीटर बाहरी क्षेत्र की ओर स्थित है। 12 ज्योतिर्लिंग दर्शन की कड़ी में आज NPG NEWS आपको नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की महिमा के बारे में बताने जा रहे हैं.
धार्मिक मान्यता के अनुसार नागेश्वर मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती नाग-नागिन के रूप में प्रकट हुए थे। इसलिए इसे नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है। देशभर में शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंग हैं। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का आठवां स्थान है। पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन समय में दारूका नाम की एक राक्षस कन्या थी। उसने तपस्या के द्वारा माता पार्वती को प्रसन्न वरदान प्राप्त किया था। दारुका ने कहा कि मैं वन नहीं जा सकती हूं। वहां पर कई तरह की दैवीय औषधियां हैं। सत्कर्म के लिए हम राक्षसों को उस वन में जाने की अनुमति दें। माता पार्वती ने यह वरदान दे दिया। इसके बाद दारूका ने वन में बहुत उत्पात मचाया और वन को देवी-देवताओं से छीन लिया। साथ ही सुप्रिया को बंदी बना लिया। वह शिवभक्त थीं।
ऐसी स्थिति में सुप्रिया ने भगवान शिव की तपस्या शुरू की और प्रभु से खुद के बचाव के लिए वरदान मांगा। महादेव उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर प्रकट हुए और उनके साथ ही चार दरवाजों का एक बेहद सुंदर मंदिर प्रकट हुआ। मंदिर के बीच में ज्योतिर्लिंग प्रकाशित हुआ। सुप्रिया ने सच्चे मन से महादेव की पूजा-अर्चना की और शिव जी वरदान में राक्षसों का नाश मांग लिया। इसके अलावा महादेव से इसी जगह पर स्थित होने के लिए कहा। शिव जी ने इस बात को स्वीकार कर उसी स्थल पर विराजमान हो गए। इसी तरह यह ज्योतिर्लिंग स्वरूप भगवान शिव ‘नागेश्वर’ कहलाए।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर दर्शन टाइम और अच्छा समय
नागेश्वर मंदिर से सुबह 06 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर में 12 बजकर 30 मिनट तक खुला रहता है। वहीं, शाम को 05 बजे से लेकर रात 09 बजकर 30 मिनट तक खुला रहता है। भक्त इस दौरान नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकते हैं। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग जाने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा होता है क्योंकि इस दौरान मौसम सुहावना और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए अनुकूल होता है.
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग ऐसे पहुंचें
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग तक पहुंचने के कई रास्ते हैं। हवाई मार्ग से आने वाले यात्री दिल्ली से गुजरात के जामनगर हवाई अड्डे तक उड़ान भर सकते हैं, जो इस मंदिर के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। जामनगर से टैक्सी या कैब लेकर आसानी से नागेश्वर मंदिर पहुंचा जा सकता है। रेल मार्ग से आने वालों के लिए द्वारका रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी स्टेशन है, जहां से टैक्सी या ऑटो रिक्शा द्वारा मंदिर तक जाना आसान है। सड़क मार्ग भी द्वारका से नागेश्वर मंदिर तक सुगम है, और पर्यटकों के लिए नियमित परिवहन सुविधा उपलब्ध है।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास दर्शनीय स्थल
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के आस-पास कई दर्शनीय स्थल हैं जो यात्रियों को आकर्षित करते हैं।इसमें सबसे प्रमुख द्वारका धाम है, जो नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के आस-पास स्थित है, जो भगवान कृष्ण की अवतार स्थली के रूप में प्रसिद्ध है। द्वारका मंदिर, नीलांबिका मंदिर, रुक्मिणी मंदिर और द्वारकाधीश मंदिर इस शहर के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।
इसके साथ ही गोमती घाट भी यहां द्वारका के नगर में स्थित है और यहां गोमती नदी के किनारे पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में स्नान करते हैं। इसके साथ यहां गोपी तालाब है, जो एक प्राकृतिक झील है जो द्वारका के पास स्थित है। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जहां आप शांति और सुकून का आनंद ले सकते हैं।
यहीं बेट द्वारका स्थित है और यहां पर प्राचीन मंदिर और साहित्यिक स्थल हैं। यहां पर एक प्राचीन मंदिर है, जो भगवान कृष्ण के बालक रूप का देवालय है। यहां पर द्वारकाधीश मंदिर के समीप गुमणाम बांध के किनारे पर एक पवित्र कुंज है, जहां कृष्ण भगवान के बालक रूप के खेल का स्थल है। इसके पास ही शंकराचार्य की गुफा है, यहां आदिगुरु शंकराचार्य ने ध्यान किया था। यह भी एक आध्यात्मिक स्थल है जो यात्रियों को आकर्षित करता है।